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सोनम समेत 5 आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड:राजा रघुवंशी की मां से गले मिलकर रोया सोनम का भाई, कहा-हमने उससे सारे रिश्ते तोड़े

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इंदौर,एजेंसी। मेघालय पुलिस ने राजा मर्डर केस में मंगलवार को सोनम और राज समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इन्हें शिलॉन्ग लाया गया है। सभी आरोपियों को आज (11 जून) कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने अदालत से इनकी रिमांड मांगी। जिसके बाद कोर्ट ने सोनम समेत सभी आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा है।

रिमांड पर लेने के बाद मेघालय पुलिस आरोपियों का आमना-सामना करा सकती है। साथ ही सीन रीक्रिएशन भी कराएगी।

इधर, सोनम रघुवंशी के भाई गोविंद ने बुधवार को इंदौर में राजा रघुवंशी की मां उमा रघुवंशी से मुलाकात की। गोविंद राजा की मां के गले लगकर रोया और कहा कि सोनम ने गलती की, उसे सजा-ए-मौत होनी चाहिए।

गोविंद ने कहा कि आरोपी राज कुशवाह और सोनम के बीच अफेयर नहीं था। वह राज को राखी बांधती थी। राजा के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए।

11 मई को शादी के बाद 21 मई को राजा-सोनम शिलॉन्ग पहुंचे थे। 23 मई को परिवार से आखिरी बात की। 2 जून को राजा का शव मिला। 17 दिन से गायब सोनम 9 जून को गाजीपुर में मिली थी। इसके बाद ही हत्याकांड का खुलासा हुआ।

इंदौर में राजा रघुवंशी की मां से मुलाकात करता सोनम का भाई गोविंद।

इंदौर में राजा रघुवंशी की मां से मुलाकात करता सोनम का भाई गोविंद।

सोनम रघुवंशी को मंगलवार देर रात शिलॉन्ग के सदर थाने लाया गया था।

सोनम रघुवंशी को मंगलवार देर रात शिलॉन्ग के सदर थाने लाया गया था।

शिलॉन्ग में सदर थाने के बाहर सोनम और दूसरे आरोपियों को देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई।

शिलॉन्ग में सदर थाने के बाहर सोनम और दूसरे आरोपियों को देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई।

शिलॉन्ग पुलिस के 3 दावे 1. शिलॉन्ग एसपी विवेक स्येम ने कहा, ‘राज के साथी तीनों सुपारी किलर्स ने कबूला है कि सोनम 22 मई को शिलॉन्ग पहुंच गई थी। राजा को मारने का प्लान-ए इसी दिन का था। इसके लिए सोनम ने तय किया था कि वह राजा को पहाड़ पर ले जाएगी।’

2. शिलॉन्ग पुलिस ने दावा किया कि तीनों किलर्स भी वहां मौजूद होंगे। इसी बीच सेल्फी लेने के बहाने वो राजा को खाई में धक्का दे देगी। लेकिन, बारिश और अंधेरा होने के कारण प्लान ए कैंसिल करना पड़ा।

3. पुलिस ने बताया कि प्लान ए के बाद प्लान बी पर काम किया। इसमें अगले दिन राजा को पहाड़ पर ले जाकर मार दिया। हत्या के बाद सभी आरोपी क्राइम सीन से 11 किमी दूर इकट्ठा हुए थे।

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प्लेन क्रैश में बचे इकलौते यात्री से मिले PM मोदी:10 मिनट बातचीत की; पैसेंजर रमेश बोला- दरवाजा टूटा और मैं सीट समेत नीचे गिर गया

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अहमदाबाद, एजेंसी। अहमदाबाद प्लेन हादसे में जिंदा बचे इकलौते यात्री रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। शायद दरवाजा टूटा और सीट समेत नीचे गिर गया। मुझे कुछ याद नहीं था।

रमेश कुमार अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। PM मोदी ने शुक्रवार को उनसे मुलाकात की और हालचाल जाना। दोनों के बीच करीब 10 मिनट बातचीत हुई।

इसके बाद रमेश ने DD न्यूज से बातचीत में कहा, PM ने उनका हालचाल जाना और पूछा कि हादसा कैसे हुआ। रमेश प्लेन की 11A सीट पर बैठे थे। हादसे के बाद वे घटनास्थल से खुद पैदल चलकर बाहर निकले।

पीएम मोदी ने विश्वास से करीब 5 मिनट बात की।

पीएम मोदी ने विश्वास से करीब 5 मिनट बात की।

रमेश ने कहा- मुझे विश्वास नहीं होता, मैं कैसे जिंदा बचा

सवाल: हादसा कैसे हुआ? जवाब: सब कुछ मेरे सामने हुआ। मुझे पता नहीं कैसे यह हुआ। मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। थोड़े वक्त के लिए लगा था कि मैं भी मरने वाला हूं। मेरी आंख खुली तो लगा कि मैं जिंदा हूं। मैंने सोचा मैं यहां से निकल सकता हूं और मैं निकल गया। सवाल: फ्लाइट के टेक ऑफ होते ही क्या हुआ? जवाब: टेक ऑफ होते ही पांच-दस सेकेंड के अंदर लगा कि स्टाप हो गया हो है। बाद में ग्रीन और व्हाइट लाइट ऑन हो गई। फिर जैसे ही स्पीड बढ़ाई। उसी समय गिर गया और धमाका हो गया। सवाल: जब फ्लाइट हॉस्टल पर गिरी तभी आप बाहर निकले थे। जवाब: मेरी सीट प्लेन के जिस हिस्से में थी, वो बिल्डिंग के निचले हिस्से से टकराया होगा। ऊपर के हिस्से में आग लग गई थी, कई लोग वहीं फंसे गए। शायद मैं सीट समेत नीचे गिर गया था। मैं जैसे-तैसे निकल पाया। दरवाजा टूट गया था और सामने कुछ खाली जगह दिखी, तो निकलने की कोशिश की। दूसरी साइड पर दीवार थी, वहां से शायद कोई नहीं निकल सका। आंखों के सामने ही दो एयर होस्टेस, एक अंकल-आंटी और सब कुछ जल रहा था। सवाल: आप पैदल चलकर आए वहां से। जवाब: हां।

प्लेन हादसे के बाद रमेश विश्वास कुमार घटनास्थल से खुद ही पैदल चलकर बाहर आए थे।

प्लेन हादसे के बाद रमेश विश्वास कुमार घटनास्थल से खुद ही पैदल चलकर बाहर आए थे।

अस्पताल में भर्ती रमेश विश्वास कुमार। उन्हें चेहरे और शरीर पर जख्म आए हैं।

अस्पताल में भर्ती रमेश विश्वास कुमार। उन्हें चेहरे और शरीर पर जख्म आए हैं।

विमान में 242 लोग सवार थे, 241 की जान चली गई एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन) अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। गुरुवार दोपहर 1.40 बजे क्रैश हो गई। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। एक यात्री जिंदा बचा है। 240 लोगों की मौत हुई है।

प्लेन जिस बिल्डिंग से टकराया, वहां अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते हैं। जानकारी के मुताबिक हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे, इनमें 15 से ज्यादा घायल हो गए हैं। हादसे की जगह से मिले ज्यादातर शव पूरी तरह से झुलस गए।

रमेश विश्वास कुमार का टिकट, वे 11A नंबर की सीट पर बैठे थे।

रमेश विश्वास कुमार का टिकट, वे 11A नंबर की सीट पर बैठे थे।

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3th Grade शिक्षकों के नहीं होंगे तबादले, बना हुआ सस्पेंस!, सरकार से पूछ रहे सवाल

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जयपुर, एजेंसी। राजस्थान में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के तबादलों को लेकर एक बार फिर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सरकार की ओर से तबादलों पर से आधिकारिक रूप से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है, लेकिन शिक्षा विभाग ने कई श्रेणियों के कर्मचारियों के तबादलों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। खास बात यह है कि तृतीय श्रेणी (Third Grade) के शिक्षकों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है, जिससे उनमें जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने भाजपा विधायकों को एक विशेष प्रोफॉर्मा भेजा है, जिसमें प्राचार्य, उप प्राचार्य, व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी शिक्षक, कनिष्ठ लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों के लिए 70-70 नाम मांगे गए हैं। ये नाम सीधे शिक्षा मंत्री को ईमेल के माध्यम से भेजने को कहा गया है।

वहीं करौली जिले के सपोटरा विधायक हंसराज बालौती ने सोशल मीडिया के जरिए तृतीय श्रेणी शिक्षकों को छोड़कर अन्य सभी ग्रेड के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल उन्हीं कर्मचारियों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे जो सपोटरा विधानसभा में स्थानांतरण के इच्छुक हैं।

किसे नहीं मिलेगा तबादले का मौका?

जिनकी नियुक्ति को 2 साल पूरे नहीं हुए

·         संविदा कर्मी व प्रबोधक

·         गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, किडनी, नेत्रहीनता से ग्रसित

·         एक वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले

हालांकि, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने तबादला प्रोफॉर्मा को फर्जी बताया है और स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। बावजूद इसके विभागीय स्तर पर जो गतिविधियां हो रही हैं, उनसे साफ है कि तबादलों को लेकर कोई न कोई कवायद जरूर चल रही है।राज्य में करीब 4 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग एक लाख पद अभी भी खाली हैं। ऐसे में थर्ड ग्रेड शिक्षकों को तबादले से बाहर रखने का फैसला न केवल विरोधाभासी है, बल्कि इससे शिक्षक समुदाय में नाराजगी भी बढ़ी है।

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जूठण की बावड़ी में जल संरक्षण का संगम, मान फाउंडेशन की ऐतिहासिक पहल

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जयपुर, एजेंसी। राजस्थान सरकार की “वंदे गंगा – जल संरक्षण जन अभियान” के तहत 430 साल पुरानी ऐतिहासिक जूठण की बावड़ी एक बार फिर जागी। मान द वैल्यू फाउंडेशन की पहल पर यहां “पौधारोपण और श्रमदान” का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था – जल संरक्षण, धरोहरों का संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता को जन-आंदोलन में बदलना। इस अभियान में “एक पेड़ मां के नाम” संकल्प के तहत पौधारोपण भी किया गया। साथ ही, बावड़ी की साफ-सफाई, परिसर में वृक्षारोपण और लोगों के बीच जागरूकता संवाद आयोजित किए गए।

मान फाउंडेशन की संस्थापिका डॉ. मनीषा सिंह ने बताया कि यह सिर्फ एक सफाई या पौधारोपण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी को पुनः जागृत करने की एक प्रेरणादायक पहल थी। “हमारी धरोहर, हमारी जिम्मेदारी” के भाव के साथ फाउंडेशन आने वाले समय में और भी ऐसे आयोजन करेगा।

इस कार्यक्रम में प्रशासन और समाज का जुड़ाव उल्लेखनीय रहा। एसडीएम रवि गोयल (RAS), भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ, सांगानेर मंडल अध्यक्ष सुनील शर्मा, पार्षद गिर्राज शर्मा सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।

नगर निगम का भी पूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम में मान फाउंडेशन की टीम – सिद्धि रांका, कुसुम ललवानी, वंशिका सिंह, भावना मिश्रा, राजीव राय, छवि अग्रवाल, वैदेही, नवीन – ने भी श्रमदान कर योगदान दिया। यह पहल न केवल बावड़ी जैसे ऐतिहासिक स्थल को सहेजने की कोशिश है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए जल और प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक सशक्त कदम भी है।

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