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अब कैंसर का पता 3 साल पहले लगाया जा सकेगा, रिसर्च में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली,एजेंसी। कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। अगर इसका इलाज समय पर मिल जाए, तो इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन अक्सर इसका पता तब चलता है जब यह बहुत आगे बढ़ चुका होता है। अब एक नई रिसर्च से उम्मीद की किरण नजर आई है। अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक खोजी है, जिससे कैंसर का पता उसके लक्षण दिखने से करीब 3 साल पहले ही लगाया जा सकता है। यह रिसर्च मेडिकल जर्नल Cancer Discovery में छपी है।

क्या है ये नई तकनीक?

इस तकनीक का नाम MCED टेस्ट (Multi-Cancer Early Detection Test) है। यह एक तरह का ब्लड टेस्ट है, जिसमें खून की जांच करके पता लगाया जाता है कि शरीर में किसी भी तरह के कैंसर के संकेत हैं या नहीं। इस टेस्ट की सबसे खास बात यह है कि यह एक ही बार में कई तरह के कैंसर की पहचान कर सकता है, जो आमतौर पर संभव नहीं होता।

रिसर्च में क्या हुआ?

वैज्ञानिकों ने 52 लोगों के खून के सैंपल की जांच की। इनमें से 26 लोगों को बाद में कैंसर हो गया और 26 बिल्कुल स्वस्थ थे। जांच में पता चला कि 8 लोगों में टेस्ट पॉजिटिव आया और उन्हें कुछ महीनों के अंदर कैंसर हो गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जिन लोगों के तीन साल पुराने ब्लड सैंपल दोबारा जांचे गए, उनमें से चार में पहले से ही कैंसर से जुड़े बदलाव दिख गए थे।

क्या यह टेस्ट सबके लिए उपलब्ध है?

अभी यह तकनीक शुरुआती चरण में है और इसका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यह टेस्ट बड़े पैमाने पर सफल होता है, तो यह कैंसर की जल्दी पहचान और समय पर इलाज में बहुत मदद करेगा।

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आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मई में घटकर 0.7 प्रतिशत पर

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नई दिल्ली,एजेंसी। देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर मई 2025 में घटकर 0.7 प्रतिशत रह गई, जो पिछले नौ महीनों में सबसे कम है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। पिछली सबसे कम वृद्धि दर अगस्त, 2024 में दर्ज की गई थी, जब इन ढांचागत क्षेत्रों के उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल मई में इन क्षेत्रों की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत थी। इस साल अप्रैल में इन प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के उत्पादन में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि चार प्रमुख क्षेत्रों- कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, उर्वरक एवं बिजली के उत्पादन में मई के दौरान गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, रिफाइनरी उत्पादों और सीमेंट उत्पादन की वृद्धि दर सकारात्मक रही। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में आठ प्रमुख क्षेत्रों में कुल 0.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले कम है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 6.9 प्रतिशत थी।
 

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विदेशी मुद्रा भंडार 2.29 अरब डॉलर बढ़कर 698.95 अरब डॉलर पर

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मुंबई,एजेंसी। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13 जून को समाप्त सप्ताह में 2.29 अरब डॉलर बढ़कर 698.95 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पहले छह जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.17 अरब डॉलर बढ़कर 696.65 अरब डॉलर हो गया था। विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 के अंत में 704.88 अरब डॉलर के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। 

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, छह जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.74 अरब डॉलर बढ़कर 589.43 अरब डॉलर हो गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 42.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 86.32 अरब डॉलर हो गया। 

रिजर्व बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 8.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.76 अरब डॉलर हो गया। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार भी 4.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.45 अरब डॉलर हो गया। 

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1 जुलाई से इन वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, लागू होंगे नए नियम

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नई दिल्ली,एजेंसी। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए वाहन चालकों के लिए एक नई सख्ती लागू की है। अब राजधानी में एक जुलाई से पुराने वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। इस फैसले की घोषणा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने की है। 1 जुलाई से 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा।

आयोग का कहना है कि यह कदम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में अहम है। अब पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे, जो गाड़ियों की उम्र की पहचान करेंगे और तय मानकों से पुराने वाहनों को ईंधन भरवाने से रोकेंगे। 

उल्लंघन पर वाहन जब्त, कार्रवाई तय
नियम तोड़ने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत कार्रवाई की जाएगी और संबंधित वाहन जब्त भी किए जा सकते हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में पुराने डीजल-पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध की समयसीमा तय की थी। वहीं ,2014 में एनजीटी ने ऐसे वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने तक पर रोक लगा दी थी।

सरकार का मानना है कि दिल्ली की लगातार गिरती वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए यह जरूरी कदम है। खासकर सर्दियों के मौसम में जब प्रदूषण स्तर खतरनाक हो जाता है, तब ऐसे उपायों की भूमिका और भी अहम हो जाती है।

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