छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में बिजली-बिल पर बवाल….कांग्रेस ने जलाई प्रतियां:बैज बोले-जनता की जेब में डाका-डाल रही सरकार, चौथी बार बढ़े दाम, जानिए कितना देना होगा चार्ज
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6 months agoon
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Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ की साय सरकार के खिलाफ कांग्रेस आक्रामक है। बिजली के बढ़े दामों के खिलाफ कांग्रेस ने शनिवार को बूढ़ापारा स्थित CSPDCL (बिजली ऑफिस) के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिजली बिलों की प्रतियां जलाकर नाराजगी जताई।
बिजली बिल के खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इतिहास गवाह है कि भाजपा की सरकारों में जनता को लूटने के तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। साय सरकार ने चौथी बार बिजली के दाम बढ़ाए हैं। साय सरकार जनता की जेब में डाका डाल रही है।
बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेशभर में बिजली कटौती शुरू हो गई। लगातार दाम बढ़ाए जा रहे हैं। राज्य में कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और बिजली हमें ऊंची दरों पर बेची जा रही है? सरकार के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे।

छत्तीसगढ़ की साय सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया।

छत्तीसगढ़ में बढ़े बिजली बिल के खिलाफ कांग्रेस ने बिल की प्रतियां जलाकर विरोध किया।

रायपुर में कांग्रेस ने बिजली बिल की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। साय सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
साय सरकार ने चौथी बार बिजली के बढ़ाए दाम- बैज
दीपक बैज ने कहा कि 2003 से 2018 तक रमन सरकार ने हर साल बिजली के दाम बढ़ाए। 2003 में छत्तीसगढ़ में घरेलू उपभोक्ताओं को 3.30 रुपए की दर से बिजली मिलती थी, जिसे 15 साल के कुशासन के बाद रमन सिंह के कार्यकाल में बढ़ाकर 6.40 रुपए कर दिया गया।
कांग्रेस ने 3 हजार 240 करोड़ की सब्सिडी दी
बैज ने कहा कि भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के 65 लाख से ज़्यादा घरेलू उपभोक्ताओं राहत दी। बिजली बिल हाफ योजना के तहत लगभग 3 हजार 240 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी। किसानों को 5 एचपी तक मुफ़्त बिजली, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुफ़्त बिजली दी गई। अस्पतालों और उद्योगों को रियायती दरों पर बिजली देकर राहत दी गई।
महंगी बिजली के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन
- सरप्लस बिजली उत्पादन वाले राज्य में महंगी दरों पर बिजली बेचे जाने का विरोध
- बिजली की दरों में हुई वृद्धि के खिलाफ ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन
- 15, 16 और 17 जुलाई 2025 को JE और EE के कार्यालयों का घेराव
- 22 जुलाई 2025 को सभी जिला बिजली कार्यालयों का घेराव
कांग्रेस की प्रमुख मांगें
- राज्य सरकार बिजली दरों में की गई वृद्धि को तत्काल वापस ले
- आम जनता और किसानों को राहत देने के लिए बिजली दरें हों पुनर्निर्धारित
- सरप्लस बिजली उत्पादन का लाभ जनता को मिलना चाहिए
बिजली बिल का जनता की जेब पर कितना असर पड़ेगा ?
बता दें कि, छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को अगस्त से बढ़ा हुआ बिल भरना पड़ेगा। बिजली नियामक आयोग शुक्रवार को नया टैरिफ जारी किया है। आयोग और बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 20 पैसे ज्यादा देना होगा। इसी तरह कॉमर्शियल के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देना होगा।
वहीं इस बढ़ोतरी को कांग्रेस ने जनता पर अत्याचार बताया है। अधिकारियों के मुताबिक नुकसान की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया गया है। दैनिक भास्कर डिजिटल ने सबसे पहले बताया था कि प्रति यूनिट 10-15 पैसे तक की बढ़ोतरी की जा सकती है।
जून 2025 से शुरू हुई थी प्रक्रिया
बिजली यूनिट बढ़ाने की कवायद 20 जून से शुरू हुई थी। आयोग के अध्यक्ष ने उपभोक्ताओं को जनसुनवाई के लिए आमंत्रित किया था। जनसुनवाई की जानकारी मिलने पर आयोग दफ्तर पहुंचे कांग्रेस पदाधिकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया था।
आयोग के पदाधिकारियों घरेलू उपभोक्ता, कॉमर्शियल उपभोक्ता, किसान और बिजली कंपनी के अधिकारियों से पक्ष जानने के बाद बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है।
कंपनी ने भेजा 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव
राज्य विद्युत वितरण कंपनी (CSPDCL) ने छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग को 4550 करोड़ रुपए का घाटा बताते हुए 20 पैसे बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था। तर्क दिया गया है कि, लाइन लॉस, बिजली चोरी की वजह से कंपनी को राजस्व में नुकसान हो रहा है।
65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता
बिजली कंपनी में वर्तमान में 65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता है। ये उपभोक्ता बीपीएल, घरेलू, कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ता में बंटे हुए हैं। नए टैरिफ का असर बीपीएल, घरेलू और कृषि उपभोक्ता पर कम और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर ज्यादा पड़ेगा।
जून 2024 में आयोग ने बढ़ाई थी दरें
छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग ने आखिरी बार बिजली दर में बढ़ोतरी जून 2024 को की थी। वर्ष 2023 में चुनावी साल होने की वजह से बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं की थी।
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छत्तीसगढ़
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए
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6 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि मुख्यमंत्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में कुमार विश्वास भी शामिल हुए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दुख जताया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
शुक्ल की अंतिम विदाई की तस्वीरें …

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़
लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी
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6 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर पहुंची। गैंगस्टर को झारखंड से रायपुर लाने के दौरान दोनों राज्यों के 15 अधिकारी साथ रहे। मयंक सिंह को पुलिस ने रायपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मयंक को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 27 दिसंबर को मयंक सिंह को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि 23 दिसंबर की रात 10 बजे गैंगस्टर मयंक को लेकर पुलिस झारखंड से निकली थी, जो 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मयंक सिंह अमन साव गैंग का सदस्य है। इसके साथ ही उसके लॉरेंस बिश्नोई से भी संबंध है।
मयंक पर रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल, वह झारखंड की जेल में बंद था, जहां दर्ज मामलों के चलते उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर भी उस पर बनी हुई थी। क्योंकि राज्य में भी मयंक के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।
कारोबारी के दफ्तर पर चलाई थी गोली
जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चली थी। इसका CCTV भी सामने आया था। बाइक सवार आरोपी ने 2 बार फायरिंग की थी, जिसमें एक हवा में और दूसरी गोली कार पर की गई थी। आरोप है कि मयंक सिंह ने यह गोली चलवाई थी, वह इस घटना का मुख्य आरोपी है।

गैंगस्टर मयंक सिंह।
लॉरेंस बिश्नोई से है संबंध
मयंक सिंह को गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता रहा है, जबकि चर्चा ये भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।
झारखंड का यह पहला मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पण कर देश वापस लाया गया हो। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।
45 से अधिक केस है दर्ज
पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे करीब 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा था।
जानकारी ये भी है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी भी वह मांग चुका है। अमन साव गैंग से उसके गहरे संबंध रहे हैं। अमन साव का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है, ऐसे में मयंक सिंह को पुलिस इस नेटवर्क की अहम कड़ी मान रही है।
डंकी रुट से गया था विदेश
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह डंकी रूट के जरिए विदेश पहुंचा था। पहले सिंगापुर, फिर ईरान, मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक गया और वहीं से गैंग का संचालन करता रहा। अब उसके प्रत्यर्पण के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मीडिया को ई-मेल करके बताया था टारगेट
16 जून 2024 को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया था। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही थी।
वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई थी। गैंगस्टर ने कहा था कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP ने जांच कराने की बात कही थी।
छत्तीसगढ़
मॉब लिंचिंग केस…30 लाख मुआवजा देगी केरल सरकार:मजदूर को बांग्लादेशी बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, छत्तीसगढ़ में 5 लाख की मदद
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6 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर राम नारायण (40) को केरल में भीड़ ने 17 दिसंबर को बांग्लादेशी समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। जिसे लेकर परिवार ने 25 लाख रुपए मुआवजा मांगा था। केरल सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 लाख मुआवजा देने की बात कही है।
इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का मानना है कि महिलाओं समेत करीब 15 आरोपी हैं। आशंका है कि बाकी संदिग्ध कथित तौर पर शुरुआती जांच में चूक के कारण राज्य छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में पैतृक गांव में राम नारायण बघेल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
कांग्रेस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की थी। इसके अलावा, केरल के मंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि 4 आरोपी RSS परिवार के कार्यकर्ता हैं। मजदूर पूरे देश में संघ परिवार की तरफ से फैलाई गई नफरत की राजनीति का शिकार हुआ है।

राम नारायण बघेल, जिनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

मजदूर को हाथ मुक्कों से मारने का यह वीडियो वायरल हुआ था।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 17 दिसंबर को अट्टापल्लम इलाके में स्थानीय लोगों ने छत्तीसगढ़ के सक्ती निवासी राम नारायण बघेल (31) को चोरी के शक में पकड़ा। उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस के मुताबिक राम नारायण नशे की हालत में थे, लेकिन उनके पास से चोरी का कोई सबूत नहीं मिला था।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर हितेश शंकर ने बताया था कि, शरीर का कोई भी हिस्सा बिना चोट के नहीं था। राम नारायण के शरीर पर 80 से ज्यादा चोटों के निशान थे। सिर पर गंभीर चोटों के साथ खून ज्यादा बह गया, जिससे राम नारायण की मौत हो गई।
केरल पुलिस के मुताबिक मजदूर के शरीर पर चोट के बहुत ज्यादा निशान थे। दर्द से उसकी मौत हुई है। मारपीट से मजदूर की छाती से खून भी बह रहा था। शरीर में कई घाव बन गए थे। वालैयार थाने में अपराध मामला दर्ज किया गया है।

रामनारायण बघेल (40) की डेडबॉडी बुधवार को छत्तीसगढ़ लाई गई।
परिवार को नहीं दी गई थी मौत की जानकारी
राम नारायण के चचेरे भाई शशिकांत बघेल ने बताया था कि परिवार को उनकी मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने सिर्फ यह कहा कि राम नारायण थाने में हैं और तुरंत पहुंचने को कहा। बाद में पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। राम नारायण के 2 बेटे हैं, जिनकी उम्र 8 और 10 साल है।
मृतक के परिजनों ने केरल सरकार सरकार से मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और रामनारायण के शव को उसके पैतृक गांव तक पहुंचाने की मांग की थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5 लाख आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय ने कहा था कि परिजनों को तत्काल केरल भेजने की व्यवस्था की गई है। मजदूर का शव आज हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ लाया गया।

मजदूर की हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग की है।
सोशल एक्टिविस्ट जब्बार बोले- यह मॉब लिंचिंग है
वहीं सोशल एक्टिविस्ट जब्बार ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर पीटा गया। यह मॉब लिंचिंग है। पुलिस ने शुरू में बिना ठीक से जांच किए शव को वापस भेजने की कोशिश की। राम नारायण को सांप्रदायिक और नफरत भरी बातें कहकर निशाना बनाया गया। परिवार को सही मुआवजा मिलना चाहिए।

वालैयार पुलिस ने आधार कार्ड से पहचान के बाद परिजनों को सूचना दी थी।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह के भीतर डिटेल में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मजदूर की हत्या के आरोप में इन आरोपियों को किया गिरफ्तार।
पुलिस ने 7 आरोपियों को अरेस्ट किया
वालैयार पुलिस ने 18 दिसंबर को वारदात में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन शामिल हैं। ये सभी अट्टापल्लम गांव के निवासी हैं। इसके बाद 2 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।

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