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छत्तीसगढ़

जगदलपुर पहुंचे अमित शाह..बस्तर ओलिंपिक में शामिल:रायपुर में कहा-31 मार्च 2026 से पहले करेंगे नक्सलवाद का खात्मा, शस्त्र छोड़कर विकास के रास्ते पर आइए

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रायपुर ,एजेंसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जगदलपुर पहुंच गए हैं। यहां वे बस्तर ओलिंपिक के समापन में शामिल हुए। इससे पहले रायपुर में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम में कहा कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करेंगे। जैसे ही छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त होता है, देशभर में नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा।

शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने बहादुरी के साथ 1 साल में खत्म करने का संकल्प लिया है। शाह ने नक्सलियों से अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बहुत अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है। मुख्यधारा में आप शामिल हो जाइए। हथियार छोड़ दीजिए। विकास के रास्ते पर आ जाइए।

जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के खिलाड़ियों ने अमित शाह का स्वागत किया।

जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के खिलाड़ियों ने अमित शाह का स्वागत किया।

2900 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

बस्तर में संभाग स्तरीय बस्तर ओलिंपिक प्रतियोगिता का आयोजन शुक्रवार 13 दिसंबर से शुरू हुआ था। जगदलपुर के इंदिरा प्रियदर्शनी स्टेडियम में बैडमिंटन, कबड्डी, वॉलीबॉल समेत अन्य गेम्स हुए। आज 15 दिसंबर को समापन है, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे।

इस बस्तर ओलिंपिक में बस्तर संभाग के सातों जिले के अलग-अलग खेलों के करीब 2900 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेने पहुंचे। इसका सारा बंदोबस्त जिला प्रशासन की तरफ से किया गया है। प्रशासन की माने तो इस आयोजन में सरेंडर किए हुए करीब 300 नक्सली भी शामिल हुए। इसके साथ ही नक्सल घटनाओं में दिव्यांग हुए कुल 18 खिलाड़ियों, नक्सल हिंसा पीड़ितों ने भी अलग-अलग गेम्स में हिस्सा लिया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड- 2024 कार्यक्रम में शामिल हुए

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड- 2024 कार्यक्रम में शामिल हुए

रायपुर में अमित शाह की बड़ी बातें

  • नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की तैयारी

शाह ने कहा कि सरकार बदलने के बाद से टॉप 14 नक्सली न्यूट्रलाइज हुए हैं। 4 दशकों में पहली बार नागरिकों और सुरक्षाबलों के मृत्यु के आंकड़े में कमी आई है। 10 साल में नक्सलवाद पर नकेल कसी गई। पुलिस ने 1 साल में छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों से नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की तैयारी की है।

  • राष्ट्रपति कलर्स सिर्फ एक अलंकरण नहीं, बलिदान का प्रतीक

शाह ने पुलिस से कहा कि राष्ट्रपति कलर्स सिर्फ एक अलंकरण नहीं है, यह बलिदान का प्रतीक है। यह उन चुनौतियों की याद दिलाता है, जिनके साथ आपको दो-दो हाथ करना है। एक अलंकरण के साथ-साथ एक दायित्व भी है। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ पुलिस का हर जवान इस दायित्व को निभाएगा। अपने फर्ज में कभी भी पीछे नहीं हटेगा।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड- 2024 कार्यक्रम में शामिल हुए।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड- 2024 कार्यक्रम में शामिल हुए।

यह सामान छत्तीसगढ़ पुलिस की वर्दी पर सजेगा-सीएम

CM विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 24 वर्षों में ही यह सम्मान पुलिस को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दिया गया है। यह सामान न सिर्फ छत्तीसगढ़ पुलिस की वर्दी पर सजेगा, बल्कि हमारे जवानों की कर्तव्य, निष्ठा, साहस और समर्पण का प्रतीक भी बनेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार व्यक्त करता हूं।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने एंटी नक्सल ऑपरेशन में साहस और दृढ़ता के साथ पिछले 1 साल में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का निर्णय लिया है। जवानों को बड़ी उपलब्धि मिली है।

राष्ट्रपति पुलिस कलर फ्लैग पुलिस को सौंपा

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड- 2024 कार्यक्रम में पुलिस प्लाटून की सलामी ली। इस दौरान शाह ने राष्ट्रपति पुलिस कलर फ्लैग पुलिस को सौंपा। जहां धर्म गुरुओं ने मंत्रों के साथ ध्वज का स्वागत किया।

कार्यक्रम में शाह और CM विष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति के निशान को सलामी दी। राष्ट्रपति पुलिस कलर ध्वज में बस्तर की संस्कृति को भी दर्शाया गया है, जिसमें गौर, माड़िया सिंह और धान के खेत शामिल हैं। ध्वज के ऊपर और नीचे 36 किले दर्शाए गए हैं।

अमित शाह ने ली पुलिस प्लाटून की सलामी।

अमित शाह ने ली पुलिस प्लाटून की सलामी।

छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक है यह फ्लैग

छत्तीसगढ़ राष्ट्रपति के इस फ्लैग को हासिल करने वाला देश का सबसे युवा राज्य है। छत्तीसगढ़ 2025 में अपने सिल्वर जुबली ईयर में प्रवेश कर रहा है। इससे ठीक पहले राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस सेवा को मिलने वाला यह सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है।

स्टेट पुलिस के सर्विस रिकॉर्ड को लंबे समय तक ऑब्जरवेशन पर रखे जाने के बाद राष्ट्रपति की ओर से यह सम्मान दिया जाता है।

त​​​​​​स्वीरों में देखिए राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम

राष्ट्रपति के निशान को अमित शाह ने सलामी दी। साथ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह मौजूद।

राष्ट्रपति के निशान को अमित शाह ने सलामी दी। साथ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह मौजूद।

परेड कमांडर जीतेंद्र शुक्ला 8 प्लाटून के साथ कर रहे मार्च।

परेड कमांडर जीतेंद्र शुक्ला 8 प्लाटून के साथ कर रहे मार्च।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति पुलिस कलर फ्लैग पुलिस को सौंपा।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति पुलिस कलर फ्लैग पुलिस को सौंपा।

धर्म गुरुओं ने मंत्रों के साथ ध्वज का स्वागत किया।

धर्म गुरुओं ने मंत्रों के साथ ध्वज का स्वागत किया।

पुलिस के घुड़सवार दस्ते के साथ अमित शाह की परेड ग्राउंड में हुई एंट्री।

पुलिस के घुड़सवार दस्ते के साथ अमित शाह की परेड ग्राउंड में हुई एंट्री।

छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान क्यों दिया गया?

भारत के सशस्त्र बलों और पुलिस संगठनों को उनकी स्पेशल सर्विस और कर्तव्य के प्रति बेहतरीन समर्पण के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान ‘राष्ट्रपति का प्रतीक चिन्ह’ है। हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान दिया गया है। यह सम्मान नक्सलवाद और अन्य चुनौतियों से निपटने में राज्य पुलिस के अद्वितीय प्रयासों और उपलब्धियों को मान्यता देता है।

1. नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष: छत्तीसगढ़ लंबे समय से नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। पुलिस ने दुर्गम क्षेत्रों में माओवादी गतिविधियों का डटकर सामना किया है और सफलतापूर्वक शांति बहाल की है। उनके अभियानों में साहस, समर्पण और सामुदायिक सहभागिता का अनूठा मेल देखने को मिला।

2. सामुदायिक पुलिसिंग: छत्तीसगढ़ पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आदिवासी युवाओं को रोजगार, शिक्षा और पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं चलाईं। इसके जरिए पुलिस ने आम जनता और सुरक्षा बलों के बीच विश्वास कायम किया।

3. आधुनिक तकनीक और विशेष बल: छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपराध नियंत्रण और नक्सल विरोधी अभियानों में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। विशेष बल, जैसे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (DRG), ने माओवादियों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।

इन 2 जगहों पर जाने की चर्चा, जानिए क्यों

  • पूवर्ती गांव..हिड़मा यहीं का रहने वाला

बस्तर में जब भी नक्सल का जिक्र होता है तो नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा का नाम भी आता है। पुलिस की वांटेड लिस्ट में भी सबसे पहले हिड़मा का ही नाम है। हिड़मा सुकमा जिले के अति संवेदनशील पूवर्ती गांव का रहने वाला है। वर्तमान में ये नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर है। इस पर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है।

कुछ महीने पहले ही हिड़मा के गांव पूवर्ती में उसके घर के नजदीक ही सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है। पूवर्ती, टेकलगुडेम समेत आस-पास के इलाके को जवानों ने कैप्चर कर लिया है। हर दिन यहां सैकड़ों जवान सर्च ऑपरेशन पर निकलते हैं। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिड़मा के गांव जाकर उसके इलाके के लोगों से मुलाकात कर सकते हैं।

  • अबूझमाड़…यहां आर्मी कैंप भी स्थापित होना है

अमित शाह नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ भी जा सकते हैं। अबूझमाड़ के गांव में इसलिए क्योंकि इस इलाके को नक्सलियों की राजधानी के नाम से जाना जाता है। यहां कई बड़े कैडर्स के नक्सली हैं। बड़ी बात है कि अबूझमाड़ के इलाके में ही आर्मी का बेस कैंप भी स्थापित किया जाना है।

इस लिहाज से इलाके को करीब से देखने और इंडियन आर्मी के बेस कैंप खोलने को लेकर वे इस इलाके में भी जा सकते हैं। माड़ की जमीनी स्थिति, इलाके के लोगों से मुलाकात कर उनसे चर्चा कर सकते हैं।

हिड़मा की फाइल फोटो।

हिड़मा की फाइल फोटो।

सालभर में खोले गए 25 से ज्यादा कैंप

बस्तर को नक्सलियों से मुक्त करने और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद सालभर में बस्तर में 25 से ज्यादा सुरक्षाबलों के कैंप स्थापित किए गए हैं। इनमें दंतेवाड़ा के नेरली घाटी, कांकेर के पानीडोबरी, बीजापुर के गुंडम, पुतकेल, छुटवही, नारायणपुर के कस्तूरमेटा, इरकभट्टी, मसपुर, मोहंदी, सुकमा के मुलेर, परिया, सलातोंग, टेकलगुडेम, पूवर्ती, लखापाल पुलनपाड़ में कैंप खुले हैं।

बस्तर ओलिंपिक में अलग-अलग खेल में कुल 2900 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है।

बस्तर ओलिंपिक में अलग-अलग खेल में कुल 2900 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है।

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कोरबा

परिवार चौपाल से बदलेगा सामाजिक व्यवहार, स्वास्थ्य–पोषण को मिलेगी नई दिशा

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‘परिवार चौपाल’ अभिनव पहल के लिए जिला पंचायत में दिया गया प्रशिक्षण

कोरबा। जिले में समुदाय आधारित स्वास्थ्य, पोषण एवं लैंगिक समानता को सशक्त बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा एक अभिनव पहल ‘परिवार चौपाल’ की शुरुआत की गई है। इस पहल का उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी प्रथाओं को मजबूत करना तथा लैंगिक समावेशन को प्रभावी ढंग से लागू करना है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सीईओ जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग की अध्यक्षता में बुधवार को जिला पंचायत के सभागार में महिला स्व सहायता समूहों एवं बिहान कैडर के सदस्यों हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को खेल-आधारित गतिविधियों, सहभागितामूलक अभ्यासों एवं संवादात्मक सत्रों के माध्यम से परिवार चौपाल की अवधारणा से अवगत कराया गया। इन गतिविधियों का उद्देश्य परिवारों के बीच संवाद को बढ़ाना,आपसी समझ विकसित करना तथा सकारात्मक सामाजिक व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करना रहा।

इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग ने कहा कि,परिवार चौपाल जमीनी स्तर पर सामाजिक बदलाव लाने का प्रभावी माध्यम है। समुदाय में स्वास्थ्य, पोषण और लैंगिक समानता को लेकर स्थायी परिवर्तन लाने में बिहान कैडर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कैडर सदस्यों से इस पहल को पूरी प्रतिबद्धता के साथ समुदाय में लागू करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में जिला मिशन प्रबंधक अनुराग जैन द्वारा परिवार चौपाल एवं जेंडर इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म विषय पर सत्र का सफल संचालन किया गया। उन्होंने लैंगिक समानता को संस्थागत रूप से सुदृढ़ करने तथा निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित करने पर विस्तार से जानकारी दी।

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छत्तीसगढ़

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए

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रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि मुख्यमंत्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में कुमार विश्वास भी शामिल हुए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दुख जताया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

शुक्ल की अंतिम विदाई की तस्वीरें …

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।

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छत्तीसगढ़

लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी

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रायपुर,एजेंसी। झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर पहुंची। गैंगस्टर को झारखंड से रायपुर लाने के दौरान दोनों राज्यों के 15 अधिकारी साथ रहे। मयंक सिंह को पुलिस ने रायपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मयंक को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 27 दिसंबर को मयंक सिंह को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।

बता दें कि 23 दिसंबर की रात 10 बजे गैंगस्टर मयंक को लेकर पुलिस झारखंड से निकली थी, जो 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मयंक सिंह अमन साव गैंग का सदस्य है। इसके साथ ही उसके लॉरेंस बिश्नोई से भी संबंध है।

मयंक पर रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल, वह झारखंड की जेल में बंद था, जहां दर्ज मामलों के चलते उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर भी उस पर बनी हुई थी। क्योंकि राज्य में भी मयंक के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।

कारोबारी के दफ्तर पर चलाई थी गोली

जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चली थी। इसका CCTV भी सामने आया था। बाइक सवार आरोपी ने 2 बार फायरिंग की थी, जिसमें एक हवा में और दूसरी गोली कार पर की गई थी। आरोप है कि मयंक सिंह ने यह गोली चलवाई थी, वह इस घटना का मुख्य आरोपी है।

गैंगस्टर मयंक सिंह।

गैंगस्टर मयंक सिंह।

लॉरेंस बिश्नोई से है संबंध

मयंक सिंह को गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता रहा है, जबकि चर्चा ये भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।

झारखंड का यह पहला मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पण कर देश वापस लाया गया हो। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।

45 से अधिक केस है दर्ज

पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे करीब 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा था।

जानकारी ये भी है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी भी वह मांग चुका है। अमन साव गैंग से उसके गहरे संबंध रहे हैं। अमन साव का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है, ऐसे में मयंक सिंह को पुलिस इस नेटवर्क की अहम कड़ी मान रही है।

डंकी रुट से गया था विदेश

पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह डंकी रूट के जरिए विदेश पहुंचा था। पहले सिंगापुर, फिर ईरान, मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक गया और वहीं से गैंग का संचालन करता रहा। अब उसके प्रत्यर्पण के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

मीडिया को ई-मेल करके बताया था टारगेट

16 जून 2024 को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया था। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही थी।

वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई थी। गैंगस्टर ने कहा था कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP ने जांच कराने की बात कही थी।

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