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छत्तीसगढ़

ऑनलाइन सट्टा ऐप में भीम-असीम को 1 दिसंबर तक भेजा जेल; भीम के भाइयों की ईडी को तलाश

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रायपुर(एजेंसी)। छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में पकड़े गए आरोपी असीम दास और पुलिस कॉन्स्टेबल भीम सिंह की न्यायिक रिमांड 1 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले दोनों को 24 नवंबर तक के लिए जेल भेजा गया था। ईडी ने शुक्रवार को दोनों को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया। भीम की ओर से 1 दिसंबर को जमानत याचिका लगाई गई है, जिस पर सुनवाई होगी।

भीम के भाइयों के तार भी सटोरियों की गैंग से जुड़े

अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी पुलिसकर्मी भीम के दो भाई सहदेव और अर्जुन भी पुलिस में ही काम करते हैं। ये दोनों भी इस गैंग से जुड़े रहे। कमीशन लेकर सटोरियों के लिए काम कर रहे थे। खबर है कि इन दोनों की ओर से अग्रिम जमानत की दरख़्वास्त अदालत में दी जा सकती है। पहले भी सहदेव के खिलाफ ऑनलाइन सट्टा को लेकर जांच हुई और तत्कालीन एसपी अभिषेक पल्लव ने सस्पेंड किया था। फिलहाल ईडी इन दोनों को भी खोज रही है।

2 को असीम, 3 को भीम हुआ था गिरफ्तार

ईडी ने 2 नवंबर को असीम दास से 5 करोड़ 39 लाख रुपए बरामद करने के बाद उसे रायपुर से गिरफ्तार किया था। उसके साथी कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को भी ईडी ने 3 नवंबर की शाम 5 बजे रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। इसके बाद से ही दोनों जेल में हैं। दोनों पर दुबई में मौजूद सट्टा केस में फरार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के साथ मिलकर काम करने का आरोप है।

मकान का ताला तोड़कर घुसी थी ईडी की टीम

असीम दास पेशे से ड्राइवर है। ईडी को आशंका है कि उसके घर से मिला पैसा ऑनलाइन सट्टा एप का है, जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए रखा गया था। 2 नवंबर को ईडी के अधिकारी कार्रवाई के लिए असीम दास के घर का ताला तोड़कर उसके मकान में घुसे थे। इसके साथ ही रायपुर के एक होटल से असीम दास को गिरफ्तार किया गया था। कार्रवाई करते हुए होटल के कमरे और गाड़ी से 3.12 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे।

कॉन्स्टेबल 3 बार दुबई गया, वहां महादेव एप के प्रमोटर्स से मिला

ईडी के वकील ने कहा कि भीम सिंह यादव सुपेला पुलिस में कॉन्स्टेबल है। हमें जानकारी मिली थी कि वह 3 बार दुबई गया था। 2 यात्राओं में वह महादेव एप के प्रमोटर्स से भी मिला। उसकी बुकिंग भी इन लोगों ने ही कराई थी। इसके अलावा जो पैसा आया है, वह भी इलेक्शन के समय में पॉलिटिकल पार्टी को डिस्ट्रिब्यूट हो रहा था।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : गर्मी के मौसम में मूंगफली की खेती बनी किसानों के लिए लाभदायक विकल्प

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गर्मी के मौसम में

धान के बदले मूंगफली की फसल से जशपुर के किसान कमा रहे ज्यादा मुनाफा

रायपुर। जशपुर जिले के किसान अब ग्रीष्मकालीन फसलों की ओर रुख कर खेती से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहे हैं और इससे उनका जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दूरस्थ अंचल में निवासरत किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।

इसी क्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के  बगीचा विकासखण्ड के ग्राम दुर्गापारा निवासी किसान गुरुनारायण को धान की पारंपरिक खेती के स्थान पर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कृषि विभाग द्वारा उन्हें निःशुल्क 20 किलोग्राम मूंगफली बीज प्रदान किया गया।

किसान गुरुनारायण ने बताया कि उनके पास कुल 3.303 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें वे पूर्व में खरीफ एवं रबी दोनों ही सीजन में धान की खेती करते थे। उन्होंने बताया कि धान की खेती में पानी की अधिक खपत होती थी और उत्पादन भी संतोषजनक नहीं मिल पाता था, जिससे लागत अधिक और मुनाफा सीमित रह जाता था।

गुरुनारायण ने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी रवि रोशन टोप्पो से संपर्क कर सलाह ली और धान के बजाय मूंगफली की खेती अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने 0.200 हेक्टेयर में मूंगफली की फसल लगाई। विभाग द्वारा उन्हें बीज के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व, खाद, दवाइयां और तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।

किसान ने बताया कि नियमित निगरानी और समय-समय पर प्राप्त सलाह के कारण उनकी फसल बहुत अच्छी स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में वर्तमान मूंगफली का मूल्य अच्छा होने से इस फसल से उन्हें बेहतर आमदनी की उम्मीद है।

इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि योजनाबद्ध प्रयासों, सही मार्गदर्शन और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसान गर्मी के मौसम में भी खेती से मुनाफा कमा सकते हैं और परंपरागत खेती के दायरे से बाहर निकलकर नवाचार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : मुख्यमंत्री साय ने ‘चिंतन शिविर 2.0’ को बताया नीति-निर्माण का सशक्त मंच

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आईआईएम रायपुर में मंत्रियों ने सीखी सुशासन और नेतृत्व की बारीकियां

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ‘चिंतन शिविर 2.0’ जैसे प्रशिक्षण सत्र शासन को नया दृष्टिकोण और नीतिनिर्माण प्रक्रिया को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मंत्रीगणों को सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुर सीखने का अवसर मिलता है।

आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के सभी मंत्रीगण शामिल हुए। इस सत्र में ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व’, ‘दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति’, ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।

आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व एवं दूरदर्शी शासन’ विषय पर अपने व्याख्यान में भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से निष्काम कर्म और नैतिक प्रशासन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्य केवल फल की आशा से नहीं, बल्कि उसके सही होने के कारण किया जाना चाहिए।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा, “भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। राष्ट्र निर्माण केवल नीतियों या संसाधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूल्यों से संभव है।” उन्होंने अंत्योदय के महत्व पर बल देते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की प्राथमिकता बताया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। उन्होंने दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और नीति-निर्माण के लिए उपयोगी बताया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव श्री रजत बंसल, भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक राम काकाणी और सभी मंत्रीगण उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने किया ‘सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह’ का निरीक्षण

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महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

बच्चों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है : श्रीमती राजवाड़े

रायपुर।

मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने किया 'सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह' का निरीक्षण

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बिलासपुर में स्थित गैर शासकीय संस्था सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह (विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी) का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिशु गृह में निवासरत बच्चों से आत्मीयता से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और संस्था द्वारा प्रदान की जा रही देखभाल सुविधाओं की जानकारी ली।

मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने बच्चों के साथ समय बिताया और कहा, इन मासूम चेहरों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। ये बच्चे हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी हैं, और उनके सुरक्षित, स्वस्थ एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने संस्था द्वारा बच्चों के संरक्षण, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और पुनर्वास की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण योग्य बच्चों के लिए कार्यरत ऐसी संस्थाएं समाज में सकारात्मक बदलाव की आधारशिला हैं।

सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह, एक मान्यता प्राप्त विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी है, जो परित्यक्त, अनाथ और असहाय बच्चों को आश्रय, देखभाल और सुरक्षित गोदन प्रक्रिया के माध्यम से नया परिवार प्रदान करती है। संस्था में बच्चों की उम्र के अनुसार पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।

मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी संस्थाओं को समय-समय पर तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जाए ताकि बच्चों को बेहतर जीवनशैली मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी, संवेदनशील और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।
निरीक्षण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी, बाल संरक्षण इकाई के सदस्य एवं संस्था की संचालिका सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। सभी ने मंत्री को संस्था की कार्यप्रणाली एवं वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।

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