छत्तीसगढ़
नड्डा करेंगे नेताओं की मॉनिटरिंग, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस:सांसद-विधायकों को मिले 5 अहम मंत्र, भ्रष्टाचार से दूर रहें, जनता से जुड़े रहें, कांग्रेस ने बताया नौटंकी
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6 months agoon
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Divya Akashरायपुर,एजेंसी। अंबिकापुर में चल रहे भारतीय जनता पार्टी का प्रशिक्षण शिविर खत्म हो चुका है। मैनपाट में 3 दिनों तक जनता के चुने हुए नेता इस प्रशिक्षण शिविर में शामिल रहे। शिविर में सरकार के सभी मंत्री, सांसद और विधायकों ने संगठन के बड़े नेताओं की बातों को सुना।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, शिव प्रकाश, विनोद तावड़े और वी सतीश जैसे नेताओं की क्लास इन छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों ने अटेंड की। शिविर में नेताओं को खास नसीहत दी गई। एक व्यवहार ठीक रखे दूसरा भ्रष्टाचार से दूर रहे। जेपी नड्डा खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
मैनपाट में कुछ विधायक वीडियो बनवाते और तस्वीर भी खिंचवाते दिखे, इस पर कांग्रेस ने तंज कसा है। इस पूरे प्रशिक्षण शिविर को लेकर कांग्रेस ने राजनीतिक बयान बाजी भी की।
आखिर तीन दिनों तक पूरी सरकार मैनपाट में क्यों रही ? और क्या कुछ सीखा ? इसका क्या असर होगा पढ़िए इस रिपोर्ट में:-

इस तरह किसी क्लास के स्टूडेंट की तरह सभी नेताओं ने तीन दिन तक ट्रेनिंग ली।
तो नेताओं को यहां क्या सिखाया और समझाया गया
संगठन के नेताओं का फोकस इस बात पर था कि नेता ज्यादा से ज्यादा जनता से जुड़ें। जनता के बीच उनका व्यवहार ऐसा हो कि लोग भारतीय जनता पार्टी से कनेक्ट रहें। भ्रष्टाचार की वजह से सरकार और पार्टी दोनों की छवि बिगड़ती है। इसे लेकर भी बेहद ध्यान से व्यवहार करने के निर्देश सांसद विधायकों को मिले हैं।
यह भी बताया गया कि विपक्ष को जनता से जुड़े मुद्दों पर आक्रामक तरीके से घेरना होगा। इसके लिए अधिक से अधिक सोशल मीडिया का उपयोग करने की सलाह मिली है।
केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रदेश में अधिक से अधिक फायदा मिले इसकी भी जिम्मेदारी दी गई है। नेताओं को यह भी नसीहत दी गई है कि अच्छा काम नहीं किया तो जिम्मेदारी से हटा दिए जाएंगे, कार्रवाई भी होगी।

प्रशिक्षण का उद्घाटन जेपी नड्डा ने किया था।
सिर्फ सांसद-विधायकों की ट्रेनिंग इस वजह से
इस प्रशिक्षण शिविर में सिर्फ सांसदों और विधायकों को बुलाने का महत्वपूर्ण मकसद था। दरअसल भाजपा सरकार की छवि का मेकओवर चाहती है।
संगठन के बड़े नेताओं से सांसद और विधायकों का इंटरेक्शन करवाया गया। कामकाज को लेकर नसीहतें दी गईं। इसके पीछे का उद्देश्य सरकार के कामकाज को और बेहतर करना था।

सभी सांसदों विधायकों तीन दिन इस अंदाज में रहे।
‘घपले घोटाले की शिकायत ना आए’
अलग-अलग सेशन में बार-बार बड़े नेता इस बात को दोहराते हुए नजर आए कि सरकार और पार्टी की छवि जनता के बीच बेहतर बने। छत्तीसगढ़ सरकार काम करती हुई सरकार दिखाई दे, विपक्ष को किसी बात का मुद्दा बनाने का अवसर न मिले, सरकार का एक्शन प्रभावी ढंग से जनता के बीच जाए।
पार्टी को घपले घोटाले में अपने नेता न फंसे इसकी चिंता है, जेपी नड्डा ने साफ शब्दों में कहा है कि ऐसी शिकायतें न आने पाएं।

शिवराज सिंह चौहान भी प्रशिक्षण शिविर में आए थे।
इस प्रशिक्षण के ये बड़े असर होंगे
- संगठन और सरकार का कोऑर्डिनेशन- सरकार और संगठन के नेताओं के बीच सामंजस्य बढ़ाने पर जोर दिया गया है। पार्टी के अभियान, आइडियोलॉजी पर काम करने कहा गया है। सरकार के फैसलों को लोग पार्टी से जोड़कर भी देखते हैं, इसलिए ये अहम है।
- मॉनिटरिंग होगी- नेताओं को इस प्रशिक्षण शिविर से ये बताने का प्रयास किया गया है कि आप जो कर रहे हैं उसकी मॉनिटरिंग हो रही है। इससे नेताओं की जवाबदेही तय होगी।
- जनता से कनेक्ट- बार बार सभी बड़े नेता लोगों के बीच रहकर काम करने की बात पर फोकस करते दिखे। ये भी कहा गया कि लोगों से व्यवहार अच्छा रखें। ऐसा करने से जनता सरकार और पार्टी से जुड़ाव महसूस कर सकेगी।
- योजनाओं पर फोकस- केंद्र और राज्य सरकार के पास ऐसी योजनाएं हैं जिससे लोगों को आर्थिक फायदा मिल रहा है। इसके प्रचार पर जोर दिया जाएगा और अधिक लोगों को इन योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
- चुनावी तैयारी शुरू- इस प्रशिक्षण शिविर के बाद अब भाजपा 2028 में होने वाले विधानसभा चुनावों के हिसाब से प्लानिंग शुरू करने जा रही है। कई तरह के अभियान लॉन्च होंगे, जिनका सीधा असर चुनावी नतीजों पर होगा।
- एक्टिव दिखेगी सरकार- सरकार अब एक्टिव दिखेगी, कंस्ट्रक्शन के काम, लोगों को योजनाओं के सामान देने की बात हो, या किसी मुद्दे पर फैसला लेना हो इस प्रशिक्षण शिविर के बाद इसके बेहतर होने की स्थिति बनेगी।
- विपक्ष पर होंगे आक्रामक- सरकार विधानसभा में कांग्रेस पर आक्रामक दिखेगी, सदन के बाहर भी चाहे सोशल मीडिया हो या कोई कार्यक्रम कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों को फैक्ट के साथ घेरने की सलाह दी गई है।

तीन दिनों तक नेता योग ध्यान भी करते रहे।
नड्डा के बताए 5 मंत्र
- समाज, संगठन और सरकार के प्रति जागरूक हो। तैयारी अगले चुनाव की रखिए, आपके काम और व्यवहार का प्रभाव जनता पर होता है।
- भारतीय जनता पार्टी केवल एक राजनीतिक संगठन नहीं, बल्कि विचार, मूल्य और सेवा का एक समर्पित आंदोलन है। जनता को इससे जोड़ना है।
- सरकार में मौजूद सांसद-विधायकों को संगठन के साथ अधिक तालमेल बैठाकर जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है।
- बूथ स्तर पर पार्टी की उपस्थिति हो केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम आपका है। विपक्ष के दुष्प्रचार का तथ्यपूर्ण जवाब देने की रणनीति हमें अपनानी है।
- ये प्रशिक्षण केवल औपचारिकता नहीं है, यह नेतृत्व को तैयार करने, संगठन को सशक्त बनाने और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने का माध्यम है।
- देश और प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार के विकास कार्यों और इनिशिएटिव को छत्तीसगढ़ के गांव–गांव, घर–घर पहुंचाना है।

CM, डिप्टी CM सभी ने बड़े नेताओं के लेक्चर सेशन को ज्वाइन किया।
CM बोले ये सुशासन के लिए कारगर
प्रशिक्षण शिविर पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा- 12 सत्र में यह प्रशिक्षण वर्ग चला और समाप्त हुआ। इसमें अलग-अलग विषयों पर संगठन के नेताओं ने अपने व्याख्यान दिए और उपस्थित सभी सांसद विधायकों को मार्गदर्शन मिला।
हम जो जनप्रतिनिधि हैं जनता के सुख दुख में हम साथ खड़े हैं उनका विकास हो, छत्तीसगढ़ का विकास करने के लिए और अपने-अपने क्षेत्र में विकास करने के लिए यह प्रशिक्षण वर्ग बहुत ही कारगर सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा पार्टी में मंडल इकाई से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक नियमित प्रशिक्षण की परंपरा है, जिससे कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को न केवल संगठन की रीति-नीति, कार्यक्रम और कार्ययोजना की जानकारी मिलती है, बल्कि समसामयिक विषयों पर भी गहन मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
यह प्रशिक्षण हमें अपनी कार्यशैली को और अधिक प्रभावी, समन्वित और जनसेवी बनाने में सहायता करेगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि इस ट्रेनिंग के बाद संगठन के बीच अच्छे काम होंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले ये ऐतिहासिक रहा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने बताया कि सांसदों-विधायकों को पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने समापन सत्र में संबोधित किया।
प्रशिक्षण वर्ग में कुल 12 सत्र हुए जिनमें राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, वी. सतीश, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा शामिल रहे। भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन का 3 दिन प्रशिक्षण वर्ग में मार्गदर्शन रहा।
देव ने कहा- सांसदों-विधायकों ने एक साथ तीन दिन एक स्थान पर रहकर भाजपा की रीति-नीति की बारीकियों को समझा है। यह बताता है कि भाजपा में एक परिवार का भाव इसी तरह प्रगाढ़ होता है। छत्तीसगढ़ की जो ताकत है, जो क्षमता है, उसके माध्यम से विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण, यहां के जनजीवन में सकारात्मक परिवर्तन की दृष्टि से यह प्रशिक्षण वर्ग ऐतिहासिक रहा है।

कांग्रेस की पोस्ट।
अमित शाह नहीं आए तो दाल में कुछ काला
प्रशिक्षण शिविर में देश के गृहमंत्री अमित शाह काे भी आना था। मगर ठीक एक दिन पहले खबर आई कि वो नहीं आएंगे। दूसरे कार्यक्रमों की व्यस्तता की वजह से शाह के न आने की बात सामने आई। मगर इस बीच दिल्ली में प्रदेश के राज्यपाल रमेन डेका की शाह से मुलाकात हुई।
इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कांग्रेस ने पोस्ट किया और लिखा- दाल में कुछ काला नहीं पूरी दाल काली है, राज्यपाल मान. रमन डेका जी लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं जोकि सरकार की विफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है।
नई दिल्ली में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और आज अमित शाह का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जो कि मैनपाट में आयोजित भाजपा की प्रशिक्षण शिविर में शामिल होना था, उसे रद्द कर दिया। आखिर राज्यपाल ने ऐसा क्या फीडबैक दिया, जिसके चलते गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ भाजपा का निमंत्रण ठुकरा दिया?

कांग्रेस ने विधायकों के फोटोशूट पर उठाए सवाल।

कांग्रेस ने पूरे कार्यक्रम सवाल उठाए इसे सिर्फ पिकनिक बताया।
कांग्रेस ने पूछा- भ्रष्ट मंत्रियों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
भाजपा के प्रशिक्षण शिविर को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंत्री और विधायकों को ठेकेदारों और भ्रष्ट लोगों से दूर रहने की जो हिदायत दी है वह सिर्फ राजनीतिक नौटंकी है भाजपा सरकार से त्रस्त जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है।
बैज ने कहा- जब नड्डा को पता है कि उनके मंत्री और विधायक ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं, कमीशन और भ्रष्टाचार की काली कमाई में भाजपा के मंत्री विधायकों की हिस्सेदारी है।
ऐसे में वह भ्रष्ट मंत्री और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं? भाजपा की सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, कोई भी काम बिना लेनदेन के होता नहीं है। इन्हें अब तक पद से क्यों नहीं हटाया गया?
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छत्तीसगढ़
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए
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10 minutes agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि मुख्यमंत्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में कुमार विश्वास भी शामिल हुए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दुख जताया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
शुक्ल की अंतिम विदाई की तस्वीरें …

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़
लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी
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12 minutes agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर पहुंची। गैंगस्टर को झारखंड से रायपुर लाने के दौरान दोनों राज्यों के 15 अधिकारी साथ रहे। मयंक सिंह को पुलिस ने रायपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मयंक को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 27 दिसंबर को मयंक सिंह को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि 23 दिसंबर की रात 10 बजे गैंगस्टर मयंक को लेकर पुलिस झारखंड से निकली थी, जो 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मयंक सिंह अमन साव गैंग का सदस्य है। इसके साथ ही उसके लॉरेंस बिश्नोई से भी संबंध है।
मयंक पर रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल, वह झारखंड की जेल में बंद था, जहां दर्ज मामलों के चलते उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर भी उस पर बनी हुई थी। क्योंकि राज्य में भी मयंक के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।
कारोबारी के दफ्तर पर चलाई थी गोली
जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चली थी। इसका CCTV भी सामने आया था। बाइक सवार आरोपी ने 2 बार फायरिंग की थी, जिसमें एक हवा में और दूसरी गोली कार पर की गई थी। आरोप है कि मयंक सिंह ने यह गोली चलवाई थी, वह इस घटना का मुख्य आरोपी है।

गैंगस्टर मयंक सिंह।
लॉरेंस बिश्नोई से है संबंध
मयंक सिंह को गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता रहा है, जबकि चर्चा ये भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।
झारखंड का यह पहला मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पण कर देश वापस लाया गया हो। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।
45 से अधिक केस है दर्ज
पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे करीब 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा था।
जानकारी ये भी है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी भी वह मांग चुका है। अमन साव गैंग से उसके गहरे संबंध रहे हैं। अमन साव का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है, ऐसे में मयंक सिंह को पुलिस इस नेटवर्क की अहम कड़ी मान रही है।
डंकी रुट से गया था विदेश
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह डंकी रूट के जरिए विदेश पहुंचा था। पहले सिंगापुर, फिर ईरान, मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक गया और वहीं से गैंग का संचालन करता रहा। अब उसके प्रत्यर्पण के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मीडिया को ई-मेल करके बताया था टारगेट
16 जून 2024 को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया था। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही थी।
वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई थी। गैंगस्टर ने कहा था कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP ने जांच कराने की बात कही थी।
छत्तीसगढ़
मॉब लिंचिंग केस…30 लाख मुआवजा देगी केरल सरकार:मजदूर को बांग्लादेशी बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, छत्तीसगढ़ में 5 लाख की मदद
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14 minutes agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर राम नारायण (40) को केरल में भीड़ ने 17 दिसंबर को बांग्लादेशी समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। जिसे लेकर परिवार ने 25 लाख रुपए मुआवजा मांगा था। केरल सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 लाख मुआवजा देने की बात कही है।
इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का मानना है कि महिलाओं समेत करीब 15 आरोपी हैं। आशंका है कि बाकी संदिग्ध कथित तौर पर शुरुआती जांच में चूक के कारण राज्य छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में पैतृक गांव में राम नारायण बघेल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
कांग्रेस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की थी। इसके अलावा, केरल के मंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि 4 आरोपी RSS परिवार के कार्यकर्ता हैं। मजदूर पूरे देश में संघ परिवार की तरफ से फैलाई गई नफरत की राजनीति का शिकार हुआ है।

राम नारायण बघेल, जिनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

मजदूर को हाथ मुक्कों से मारने का यह वीडियो वायरल हुआ था।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 17 दिसंबर को अट्टापल्लम इलाके में स्थानीय लोगों ने छत्तीसगढ़ के सक्ती निवासी राम नारायण बघेल (31) को चोरी के शक में पकड़ा। उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस के मुताबिक राम नारायण नशे की हालत में थे, लेकिन उनके पास से चोरी का कोई सबूत नहीं मिला था।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर हितेश शंकर ने बताया था कि, शरीर का कोई भी हिस्सा बिना चोट के नहीं था। राम नारायण के शरीर पर 80 से ज्यादा चोटों के निशान थे। सिर पर गंभीर चोटों के साथ खून ज्यादा बह गया, जिससे राम नारायण की मौत हो गई।
केरल पुलिस के मुताबिक मजदूर के शरीर पर चोट के बहुत ज्यादा निशान थे। दर्द से उसकी मौत हुई है। मारपीट से मजदूर की छाती से खून भी बह रहा था। शरीर में कई घाव बन गए थे। वालैयार थाने में अपराध मामला दर्ज किया गया है।

रामनारायण बघेल (40) की डेडबॉडी बुधवार को छत्तीसगढ़ लाई गई।
परिवार को नहीं दी गई थी मौत की जानकारी
राम नारायण के चचेरे भाई शशिकांत बघेल ने बताया था कि परिवार को उनकी मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने सिर्फ यह कहा कि राम नारायण थाने में हैं और तुरंत पहुंचने को कहा। बाद में पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। राम नारायण के 2 बेटे हैं, जिनकी उम्र 8 और 10 साल है।
मृतक के परिजनों ने केरल सरकार सरकार से मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और रामनारायण के शव को उसके पैतृक गांव तक पहुंचाने की मांग की थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5 लाख आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय ने कहा था कि परिजनों को तत्काल केरल भेजने की व्यवस्था की गई है। मजदूर का शव आज हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ लाया गया।

मजदूर की हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग की है।
सोशल एक्टिविस्ट जब्बार बोले- यह मॉब लिंचिंग है
वहीं सोशल एक्टिविस्ट जब्बार ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर पीटा गया। यह मॉब लिंचिंग है। पुलिस ने शुरू में बिना ठीक से जांच किए शव को वापस भेजने की कोशिश की। राम नारायण को सांप्रदायिक और नफरत भरी बातें कहकर निशाना बनाया गया। परिवार को सही मुआवजा मिलना चाहिए।

वालैयार पुलिस ने आधार कार्ड से पहचान के बाद परिजनों को सूचना दी थी।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह के भीतर डिटेल में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मजदूर की हत्या के आरोप में इन आरोपियों को किया गिरफ्तार।
पुलिस ने 7 आरोपियों को अरेस्ट किया
वालैयार पुलिस ने 18 दिसंबर को वारदात में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन शामिल हैं। ये सभी अट्टापल्लम गांव के निवासी हैं। इसके बाद 2 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए
लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी
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