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छत्तीसगढ़

राहुल गांधी ने मोदी के पजामा का नाड़ा काट दिया:भूपेश बघेल बोले- तैयार रहें कार्यकर्ता, NDA में फूट; हो सकते हैं मध्यावधि-चुनाव

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रायपुर, एजेंसी। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनांदगांव के मोहला-मानपुर में कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पजामा का नाड़ा काट दिया है। पार्टी तोड़ने, चुने हुए मुख्यमंत्रियों को जेल में डालने, डराने-धमकाने वालों को जनता ने अच्छा सबका सिखाया है। NDA में फूट पड़ गई है। साल भर में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं।देवेंद्र फडणवीस इस्तीफा दे रहे हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी हिल रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की स्थिति भी डगमग है। सभी मुख्यमंत्रियों की कुर्सियां डगमगा रही हैं।

साल भर में हो सकता है मध्यावधि चुनाव- भूपेश बघेल

बघेल ने कहा कि हम चुनाव जरूर हार गए हैं, लेकिन हमें तैयार रहना है। 6 महीना साल भर में फिर से मध्यावधि चुनाव हो सकता है। हमें तैयार रहना है, गठबंधन के साथ-साथ उनके नेताओं में भी विवाद शुरू हो गया है, कोई कह रहा है, यह विभाग दो कोई कह रहा है वह विभाग दो।

घर बसने से पहले ही झगड़ा शुरू

बघेल ने कहा कि ये जिन मुद्दों को लेकर चल रहे थे, अब उसी के विरोध में खड़े नजर आ रहे हैं। नीतीश कुमार के प्रवक्ता योजना बंद करने की बात कर रहे हैं। कोई जातिगत जनगणना की बात कर रहा है, कोई UCC लागू करने की बात कर रहा है, जो घर अब तक बसा ही नहीं है, वहां पर झगड़ा शुरू हो गया है। इस घर को उजड़ने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी अटल जी की तरह नहीं हैं, जो सबको साथ में लेकर चले। वो किसी की नहीं सुनते, यहां मेरी मुर्गी की एक टांग वाली बात है। ये सब ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है या तो उनके सहयोगी उनके साथ छोड़ देंगे या तो वो खुद भंग कर देंगे।

ऊंट पहाड़ के नीचे आ चुका है

भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अब ऊंट पहाड़ के नीचे आ चुका है। दिन में तीन बार कपड़ा बदलने वाले अब एक ही कपड़े में 3 कार्यक्रम निपटा रहे हैं। इससे यह साफ है कि अपने खाने-पीने पहने होने की कोई सुध नहीं है। आप दाल आटे का भाव पता चलेगा।

पहले वो अपने ही लोगों से नहीं मिलते थे, लेकिन अब रोज एक दल उन्हें आंखे दिखाएगा कभी कोई दक्षिण से आंखे दिखाएगा, कभी कोई उत्तर से उन्हें आंखें दिखाएगा। अब तो उन्हें छोटे-छोटे दल भी आंखें दिखाएंगे।

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कोरबा

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिमगा में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया

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कोरबा। जिले के दूरस्थ वनाँचल स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिमगा, विकासखण्ड-पोड़ीउपरोड़ा में 25 दिसम्बर 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी की जयंती सुशासन दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों के मध्य विविध कार्यक्रम एवं परिचर्चा आयोजित की गई।


इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य सतीश प्रकाश सिंह ने विद्यार्थियों को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारें में बताते हुए उनके आदर्शो को आत्मसात कर राष्ट्र और समाज के हित में कार्य करने को प्रेरित किये।

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कोरबा

वैकल्पिक रोजगार और बढ़ी हुई मुआवजा राशि की मांग को लेकर 26 दिसंबर को गेवरा खदान बंद और कार्यालय घेराव करेंगे भू विस्थापित

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गेवरा प्रबंधन के बार बार झूठे आश्वाशन से अक्रोशित हैं भू विस्थापित

कोरबा/गेवरा। पोंडी बाहनपाठ एवंं अमगांव के विस्थापितों ने एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को ज्ञापन सौंपकर खदान में होने वाले कामों में वैकल्पिक रोजगार के साथ बढ़ी हुई मुआवजा राशि प्रदान करने की मांग कई बार भू विस्थापितों ने किया, लेकिन हर बार झूठा आश्वाशन और वादाखिलाफी से परेशान भू विस्थापितों ने गेवरा प्रबंधन और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं का समाधान नहीं होने पर 26 दिसंबर को गेवरा खदान बंद और कार्यालय घेराव की चेतावनी दी है।

ग्राम पोंडी के भू विस्थापित मनोज राठौर ने बताया कि नरईबोध,भठोरा,भिलाई बाजार, रलिया,पोंडी, बाहनपाठ एवंं अमगांव का अधिसूचना प्रकाशन धारा 9 सभी ग्रामों का एक समान है। नरईबोध,भठोरा,भिलाई बाजार एवं रलिया के भू विस्थापितों को कंपनी सेक्रेटरी के स्वीकृत मिनट्स 326 वा निदेशक बोर्ड मीटिंग के पत्र क्र. 2310 दिनांक 8.8.2022 के अनुसार बढ़ी हुई मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है जबकि पोंडी, बाहनपाठ एवंं अमगांव के भू विस्थापितों को उक्त मिनट्स के अनुसार बढ़ी हुई मुआवजा राशि के भुगतान से वंचित किया गया है और एसईसीएल ने हम विस्थापितों को कहा था की छोटे खातेदार जिनके परिवार को स्थाई रोजगार नहीं मिल रहा है उन्हें खदान में होने वाले वैकल्पिक कार्यों में रोजगार प्रदान किया जाएगा, लेकिन हमारे गांव के अधिग्रहण के चौदह वर्ष बाद भी प्रबंधन ने रोजगार देने का वायदा पूरा नहीं किया है।

पोंडी, बाहनपाठ एवंं अमगांव के भू विस्थापितों ने गेवरा महाप्रबंधक के साथ जिला प्रशासन से भी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है साथ ही समस्याओं का समाधान नहीं होने पर 26 दिसंबर को गेवरा खदान बंद और कार्यालय घेराव की सूचना सभी को पहले ही दी गई लेकिन कोई सकारात्मक पहल होता नहीं दिख रहा है, इस लिए आंदोलन के सिवा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।

जनपद सदस्य नेहा राजेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि अब समस्याओं का समाधान किए बगैर खदान विस्तार का काम नहीं होने देंगे। अधिग्रहण के समय प्रबंधन केवल झूठे वादे करता है और खदान विस्तार होते ही भू विस्थापितों को मिलने वाले अधिकार से वंचित कर दिया जाता है इसलिए पहले समस्याओं का समाधान हो फिर खदान विस्तार की बात होगी।

घेराव जनपद सदस्य नेहा राजेन्द्र सिंह तंवर, भूस्थापित मनोज राठौर,चेतन दास,सूरज कंवर,राम गोपाल, फिरतू यादव, भरत केवट,भैयाराम केवट, एवं ग्राम पोंडी,बाहनपाठ एवंं अमगांव के भू विस्थापितों के नेतृत्व में किया जायेगा।

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छत्तीसगढ़

सामाजिक एकता, स्वाभिमान और परंपरा का भव्य संगम: सक्ती में आयोजित 24वां कुर्मी साझा कार्यक्रम बना समाज की शक्ति का प्रतीक

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सक्ती। कुर्मी समाज की एकता, सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक गौरव को सशक्त रूप देने वाला 24वां कुर्मी साझा कार्यक्रम शक्ति नगरी में अत्यंत गरिमामय, भव्य और भावनात्मक वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन न केवल सामाजिक समरसता का प्रतीक बना, बल्कि समाज की संगठित शक्ति, परंपराओं के प्रति सम्मान और भविष्य की दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक अवसर भी सिद्ध हुआ।


इस गरिमामयी कुर्मी साझा कार्यक्रम में प्रदेश एवं देश स्तर के अनेक प्रख्यात जनप्रतिनिधियों और समाज के वरिष्ठ नेतृत्व की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विजय बघेल (दुर्ग), सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े (जांजगीर–चांपा), श्रीमती लता ऋषि चन्द्राकर, पूर्व मंत्री धरमलाल कौशिक, पूर्व विधायक नारायण चंदेल, केशव चन्द्रा एवं प्रांतीय अध्यक्ष कृष्ण कांत चंद्रा का साल, श्रीफल एवं पुष्पहार से आत्मीय एवं सम्मानपूर्वक अभिनंदन किया गया।


कार्यक्रम स्थल पर कुर्मी समाज के वरिष्ठजनों, युवाओं, मातृशक्ति और बड़ी संख्या में सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि कुर्मी समाज आज संगठन, चेतना और नेतृत्व के स्तर पर निरंतर सशक्त हो रहा है। मंच से वक्ताओं ने समाज की गौरवशाली परंपराओं, कृषि आधारित संस्कृति, मेहनतकश पहचान और सामाजिक योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि कुर्मी समाज सदैव राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता और विकास की मुख्यधारा में अग्रणी रहा है।


अतिथियों ने अपने संबोधन में शिक्षा, संगठनात्मक मजबूती, सामाजिक एकजुटता और राजनीतिक जागरूकता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि ऐसे साझा कार्यक्रम समाज को जोड़ने, नई पीढ़ी को संस्कार देने और सामूहिक निर्णय की शक्ति को मजबूत करने का कार्य करते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे समाज की रीढ़ बनकर आगे आएं और सामाजिक उत्थान में सक्रिय भूमिका निभाएं।
कार्यक्रम का वातावरण अत्यंत भावनात्मक रहा, जब समाज के वरिष्ठ नेतृत्व को सम्मानित किया गया और समाज की एकता के लिए सामूहिक संकल्प लिया गया। हर चेहरे पर गर्व, आत्मविश्वास और अपने समाज के प्रति गहरा जुड़ाव साफ दिखाई दे रहा था। कुर्मी साझा कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज संगठित होता है, तो उसकी आवाज मजबूत, प्रभावी और निर्णायक बनती है।


कुल मिलाकर, सक्ती में आयोजित 24वां कुर्मी साझा कार्यक्रम
➡️ सामाजिक स्वाभिमान का उत्सव,
➡️ एकता और संगठन की मिसाल,
➡️ और भविष्य के लिए दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक मंच बनकर सामने आया,
जिसने कुर्मी समाज की शक्ति, संस्कार और संकल्प को एक बार फिर पूरे प्रदेश के सामने मजबूती से स्थापित किया।

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