विदेश
रूसी प्लेन चीन सीमा के पास क्रैश:सभी 49 लोगों की मौत, कुछ घंटे पहले कंट्रोल रूम से संपर्क टूटा था
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5 months agoon
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Divya Akashमास्को,एजेंसी। रूस का एक यात्री विमान चीन की सीमा के पास क्रैश हो गया है। हादसे में विमान में सवार 49 लोगों की मौत हो गई है। इसमें 43 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे। यात्रियों में 5 बच्चे भी शामिल थे
बचावकर्मियों को टिंडा से लगभग 16 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर रूसी यात्री विमान का मलबा मिला है।।
रॉयटर्स के मुताबिक ये विमान रूस के पूर्वी अमूर क्षेत्र में उड़ रहा था। अमूर के गवर्नर वासिली ओरलोव ने टेलीग्राम पर बताया कि लापता विमान अंगारा एयरलाइंस का है।
लोकल इमरजेंसी मिनिस्ट्री ने बताया कि विमान खाबरोवस्क, ब्लागोवेशचेंस्क होते हुए टिंडा जा रहा था। यह चीन की सीमा के पास है। टिंडा पहुंचने से पहले वह रडार से गायब हो गया और उसका संपर्क टूट गया।

गायब होने के बाद प्लेन की तलाश में हेलिकॉप्टर तैनात किया गया था।
दूसरी बार लैंडिंग की कोशिश में गायब
इंटरफैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, विमान पहले टिंडा एयरपोर्ट पर उतरने की कोशिश में नाकामयाब रहा। जब उसने दूसरी बार लैंडिंग की कोशिश की, तभी वह रडार से गायब हो गया।
तास समाचार एजेंसी ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि यह विमान टिंडा एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर पहले एक तय चेकपॉइंट पर भी संपर्क नहीं कर पाया।
टिंडा शहर रूस की राजधानी मॉस्को से करीब 6,600 किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित है।
क्रैश हुआ विमान 63 साल पुराना था
सोवियत संघ ने An-24 विमान को छोटे इलाकों में उड़ने के लिए बनाया था। तब इसमें 32 सीटें होती थीं, जो 450 किमी प्रति घंटे की गति से 400 किलोमीटर तक उड़ान भरती थी।
इसके अलावा यह 4 टन तक का वजन (पेलोड) ले जा सकती थी। इसे ऐसे रनवे से उड़ान भरने लायक भी बनाया गया था जो केवल 1200 मीटर लंबे और पक्के नहीं हों। इतना ही नहीं, अगर विमान का एक इंजन भी खराब हो जाए, तो भी यह टेकऑफ कर सके।
अप्रैल 1962 में इसकी टेस्टिंग कामयाब हुई जिसके बाद अक्टूबर 1962 से इस विमान ने यात्रियों को ले जाना शुरू कर दिया। An-24 के कुल 1367 विमान बनाए गए।
सोवियत संघ में इस विमान का निर्माण 1979 तक जारी रहा, लेकिन इसके बाद भी ये विमान सेवा में बने रहे। आज भी An-24 का इस्तेमाल कुछ जगहों पर हो रहा है।
पिछले साल भी अमूर में हवाई हादसा हुआ था
अमूर इलाके में पिछले साल सितंबर में भी एक हादसा हुआ था। तब 3 लोगों को लेकर उड़ रहा रॉबिन्सन R66 हेलिकॉप्टर उड़ान के दौरान लापता हो गया था। इस हेलिकॉप्टर को उड़ान की अनुमति नहीं मिली थी।
इमरजेंसी सिग्नल मिलने के एक दिन बाद टोही दलों ने सुबह जोलोटोया गोरा के पास इसका पता लगा। इसमें एक पायलट समेत तीनों लोग मारे गए थे।
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विदेश
पाकिस्तान ने LoC पर एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए:तीन सेक्टरों में डिप्लॉयमेंट की, भारत से ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई का डर
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1 hour agoon
December 26, 2025By
Divya Akashइस्लामाबाद,एजेंसी। पाकिस्तान ने पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात कर दिए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक नए काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (C-UAS) रावलकोट, कोटली और भिंबर सेक्टर में लगाए गए हैं।
काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (C-UAS) वह तकनीक है, जो दुश्मन के ड्रोन को पहचानने, ट्रैक करने और उन्हें जैम या मार गिराने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
पाकिस्तानी सेना को आशंका है कि भारत फिर से ऑपरेशन सिंदूर जैसा कदम उठा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने LoC पर 30 से ज्यादा खास एंटी-ड्रोन यूनिट्स तैनात की हैं।
ये तैनाती मुर्री की 12वीं इन्फैंट्री डिवीजन और 23वीं इन्फैंट्री डिवीजन ने की हैं, जो कोटली–भिंबर इलाके की ब्रिगेड्स को संभालती हैं। इसका मकसद LoC के पास हवाई निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता मजबूत करना है।
कौन-कौन से सिस्टम लगाए गए?
1. स्पाइडर काउंटर-UAS सिस्टम
स्पाइडर एंटी-ड्रोन सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए ड्रोन का पता लगाता है और करीब 10 किलोमीटर तक छोटे ड्रोन और लोइटरिंग म्यूनिशन पहचान सकता है। यह पोर्टेबल और वाहन-माउंटेड दोनों रूपों में उपलब्ध है।
यह ड्रोन के कम्युनिकेशन को बाधित कर हवा में रुकने, वापस लौटने या लैंड करने पर मजबूर करता है।

स्पाइडर काउंटर-UAS सिस्टम को पाकिस्तान की ग्लोबल इंडस्ट्रियल एंड डिफेंस सोल्यूशन (GIDS) ने विकसित किया है।
2. सुफ्रा जैमिंग गन
यह कंधे पर रखकर चलाया जाने वाला हथियार है जिसकी रेंज करीब 1.5 किलोमीटर है। यह ड्रोन के कंट्रोल, वीडियो और GPS लिंक को बाधित करता है। यह एक साथ कई कामीकाजे ड्रोन को डिएक्टिवेट कर सकती है।

सुफ्रा जैमिंग गन को पाकिस्तान के नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्प्लेक्स (NECOP) ने विकसित किया है।
एयर डिफेंस हथियार भी तैनात
एंट्री ड्रोन सिस्टम के साथ-साथ पाकिस्तान ने एयर डिफेंस हथियार भी तैनात किए हैं। इनमें ओरलीकॉन GDF 35 मिमी डबल बैरल एंटी-एयरक्राफ्ट गन, रडार सपोर्ट के साथ और Anza Mk-II व Mk-III MANPADS शामिल हैं, जो कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कि ये तैनातियां पश्चिमी सीमा पर भारत की बढ़ती सैन्य सक्रियता को लेकर पाकिस्तान की बेचैनी दिखाती हैं। इसी बीच, पाकिस्तान तुर्की और चीन से नए ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने पर भी बातचीत कर रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तानी ड्रोन तबाह किए

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत पर ड्रोन हमले किए थे, जिन्हें भारत ने हवा में ही नष्ट कर दिया था।
ऑपरेशन सिंदूर में इंडियन एयरफोर्स के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम्स ने पाकिस्तान के ड्रोन्स और फाइटर जेट्स को हवा में ही निशाना बनाया।
सुदर्शन मिसाइल सिस्टम के जरिए लगभग 300 किलोमीटर दूर उड़ रहे एक हाई-वैल्यू एयरक्राफ्ट को भी मार गिराया गया। ये एयरक्राफ्ट या तो इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस था या एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग कंट्रोल सिस्टम।
इसके अलावा, राफेल और सुखोई-30 ने पाकिस्तानी सेफ सेंटर (हैंगर) को निशाना बनाया, जिसमें मेड इन चीन विंग लूंग ड्रोन तबाह हुए।
विदेश
बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या:7 दिन में दूसरी घटना, इससे पहले दीपू दास को मारकर जलाया था
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24 hours agoon
December 25, 2025By
Divya Akashढाका,एजेंसी। बांग्लादेश में एक बार फिर भीड़ ने हिंदू युवक को पीट-पीटकर मार डाला है। घटना बुधवार रात करीब 11:00 बजे राजबाड़ी जिले के होसेनडांगा गांव में हुई। पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान 29 वर्षीय अमृत मंडल उर्फ सम्राट के तौर पर हुई है।
पुलिस ने बताया कि अमृत को भीड़ ने जबरन वसूली के आरोप में मार डाला। वह होसेनडांगा गांव का ही निवासी था। पुलिस ने बताया कि अमृत के खिलाफ पांगशा पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज हैं। इनमें एक हत्या का मामला भी शामिल है।
इससे पहले 18 दिसंबर को ढाका के पास हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ ने हत्या कर दी थी। बाद में उसे पेड़ पर लटकाकर जला दिया था।

पुलिस ने अमृत के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए राजबाड़ी सदर अस्पताल के मुर्दाघर भेज दिया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अमृत पर गिरोह बनाकर जबरन वसूली का आरोप
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों ने अमृत पर एक आपराधिक गिरोह बनाने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक वह लंबे समय से जबरन वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल था।
भारत में लंबे समय तक छिपने के बाद वह हाल ही में घर लौटा था। कथित तौर पर अमृत ने गांव के निवासी शाहिदुल इस्लाम से जबरन वसूली की रकम मांगी थी।
24 दिसंबर की रात अमृत और उसके साथी शाहिदुल के घर पैसे लेने गए थे। जब घरवालों ने चोर-चोर चिल्लाकर शोर मचाया तो स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और अमृत की पिटाई कर दी। उसके अन्य साथी भागने में सफल रहे, जबकि सलीम हथियारों के साथ पकड़ा गया।
दीपू दास की ईशनिंदा के झूठे आरोप में हत्या
बांग्लादेश में 18 दिसंबर की देर रात हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है। इस हिंसा में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की जान चली गई थी। अब जांच में यह बात सामने आई है कि जिस दावे के आधार पर भीड़ ने हमला किया था, उसके कोई सबूत नहीं मिले हैं।
दरअसल, सोशल मीडिया पर यह आरोप लगाया जा रहा था कि दीपू चंद्र दास ने फेसबुक पर ऐसी टिप्पणी की थी, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। लेकिन जांच एजेंसियों का कहना है कि अब तक ऐसी किसी भी पोस्ट या टिप्पणी के प्रमाण नहीं मिले हैं।
बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) के कंपनी कमांडर मोहम्मद शम्सुज्जमान ने बांग्लादेशी अखबार ‘द डेली स्टार’ को बताया कि जांच में यह साबित करने वाला कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि दीपू दास ने फेसबुक पर कोई आपत्तिजनक या धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला कंटेंट डाला था।
इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सुरक्षा एजेंसियां घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं और यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि अफवाह किसने और कैसे फैलाई, जिसके बाद हालात हिंसक हो गए।

प्रदर्शनकारियों ने बाद में युवक के शव को नग्न करके पेड़ से लटकाकर आग लगा दी।
कपड़ा फैक्ट्री में काम करते थे दीपू
दीपू मेमनसिंह जिले के भालुका में टैक्सटाइल कंपनी पायनियर निटवेयर्स में काम करते थे। सोर्स बताते हैं कि फैक्ट्री में अफवाह फैली कि दीपू ने ईशनिंदा की है। फैक्ट्री के बाहर भी ये खबर पहुंच गई। रात करीब 9 बजे तक फैक्ट्री के बाहर भीड़ इकट्ठा हो गई।
भीड़ अंदर घुसी और दीपू को खींच कर ले गई। लात, घूंसों और डंडों से उसे पीटना शुरू कर दिया। उसके कपड़े फाड़ दिए। इसी दौरान दीपू की मौत हो गई, तो उसके गले में रस्सी का फंदा डालकर डेडबॉडी सड़क किनारे पेड़ से लटका दी। फिर उसमें आग लगा दी।

एक वीडियो में दिख रहा है कि भीड़ ने दीपु चंद्र की डेडबॉडी में आग लगा दी। आसपास मौजूद लोग मोबाइल से वीडियो बनाते रहे।
स्टूडेंट लीडर उस्मान हादी की हत्या के बाद हिंसा भड़की
दीपू चंद्र की हत्या जिस वक्त हुई, उसी दौरान बांग्लादेश में हिंसा भड़की हुई थी। इंकिलाब मंच के लीडर 32 साल के शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद से राजधानी ढाका समेत 4 शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं।
उस्मान हादी अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के विरोध में हुए छात्र आंदोलन के लीडर थे। वे शेख हसीना और भारत विरोधी माने जाते थे। 12 दिसंबर को उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान गोली मार दी गई थी। यूनुस सरकार ने उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर भेजा था, लेकिन 18 दिसंबर को हादी की मौत हो गई।
इससे भड़की भीड़ ने बांग्लादेश के दो बड़े अखबारों द डेली स्टार और प्रोथोम आलो के ऑफिस में आग लगा दी। आरोप है कि हादी के समर्थक इलियास हुसैन ने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों से राजबाग एरिया में इकट्ठा होने के लिए कहा था। बांग्ला अखबार प्रथोमो आलो और अंग्रेजी अखबार द डेली स्टार के दफ्तर इसी जगह हैं।
उस्मान हादी अपनी तकरीरों में प्रोथोम आलो और द डेली स्टार अखबार की आलोचना करते थे। उन्हें हिंदुओं का पक्षधर बताते थे और इन अखबारों के सेक्युलर होने पर आलोचना करते थे।
देश
ललित मोदी ने खुद और माल्या को भारत के ‘दो सबसे बड़े भगोड़े’ कहा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा- माल्या भारत कब लौटेंगे
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2 days agoon
December 24, 2025By
Divya Akashलंदन/मुंबई,एजेंसी। भारत में आर्थिक अपराधी घोषित विजय माल्या और ललित मोदी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें ललित मोदी खुद को और माल्या को भारत के दो सबसे बड़े भगोड़े कह रहा है। वीडियो माल्या के जन्मदिन का है। इसे ललित मोदी ने 22 दिसंबर को खुद पोस्ट किया है। मीडिया में खबर 23 दिसंबर को आई।
अपनी पोस्ट में ललित ने लिखा- चलो, फिर से इंटरनेट हिला देता हूं। खासकर आप मीडिया वालों के लिए। जलन के साथ देखते रहिए। वहीं, माल्या अपनी पार्टनर पिंकी लालवानी के साथ मुस्कुराते नजर आ रहे हैं।
इस बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट में मंगलवार को माल्या की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में माल्या ने खुद को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के आदेश को चुनौती दी है। कोर्ट ने माल्या के वकील से पूछा कि वह (माल्या) भारत कब लौटेंगे।
कोर्ट ने कहा कि माल्या फिलहाल भारतीय अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। ऐसे में उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती।
माल्या 2016 से ब्रिटेन में है और 2019 में उसे आधिकारिक तौर पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। वहीं, ललित मोदी 2010 से विदेश में रह रहा है और उस पर टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और आईपीएल से जुड़े गंभीर आरोप हैं।
ED की दलील- विदेश में रहकर कानून को चुनौती नहीं दे सकते
चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखाड की बेंच ने मंगलवार को माल्या की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि विदेश में रहकर कानून को चुनौती देने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
माल्या के वकील ने दावा किया कि बैंकों की वित्तीय देनदारी काफी हद तक वसूल हो चुकी है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि आपराधिक जिम्मेदारी बिना अदालत के सामने आए खत्म नहीं की जा सकती। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
भारत से क्यों भागा था ललित मोदी?
ललित मोदी 2005 से 2009 तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष था। 2008 में उसने IPL शुरू किया। BCCI ने उसे IPL का अध्यक्ष और कमिश्नर बनाया। 2010 में ललित पर IPL में करप्शन के आरोप लगे।
ललित ने मॉरीशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को IPL का 425 करोड़ का ठेका दिया था। मोदी पर 125 करोड़ रुपए कमीशन लेने के आरोप लगे। ये भी कहा गया कि उसने दो नई टीमों की नीलामी के दौरान गलत तरीके अपनाए।
2010 में BCCI ने IPL के तीसरे सीजन के फाइनल के तुरंत बाद ललित को सस्पेंड कर दिया। 2010 में ही अंडरवर्ल्ड से धमकियों का हवाला देते हुए ललित मोदी भारत से भाग कर लंदन चला गया। ED ने उसके खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर’ नोटिस जारी किया। उसका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया।

ललित मोदी IPL का फाउंडर, पहला चेयरमैन और लीग कमिश्नर था। उसने 2008 से 2010 तक टूर्नामेंट का आयोजन किया।

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