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छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं’, कांग्रेस ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को टोका तो खोल दिया पूरा चिट्ठा
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Divya Akash
- नई दिल्ली,एजेंसी। कांग्रेस को किसान विरोधी करार देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजनीतिक दलों से अपील की कि वे किसानों को वोट बैंक मानना बंद करें तथा उनके साथ इंसान की तरह व्यवहार करें। उच्च सदन में कृषि मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा पर अधूरे रह गए अपने जवाब को आगे बढ़ाते हुए कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से न केवल छोटे एवं सीमांत किसान सशक्त हुए बल्कि उनका सम्मान भी बढ़ा है।
- चौहान जब जवाब दे रहे थे तब कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उन्हें कई बार बाधित करना चाहा और भाजपा सरकार के ऊपर किसानों पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया। कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने पहले ही कहा था कि मुझे छेड़ो मत। अगर छेड़ा तो छोडूंगा नहीं।” उन्होंने मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासनकाल सहित कांग्रेस की विभिन्न सरकारों के शासन काल में किसानों पर गोलियां चलाए जाने की विभिन्न घटनाओं का हवाला दिया।
- कांग्रेस को याद दिलाई किसानों पर गोलीबारी की घटनाएं
- कांग्रेस सदस्यों ने कृषि मंत्री के जवाब पर विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। सदन से बाहर जा रहे कांग्रेस सदस्यों को इंगित करते हुए चौहान ने कहा कि यह भी सुनकर जाइये कि 23 अगस्त 1995 को हरियाणा में चलाई गई गोलियों से छह किसान मारे गए थे। इस बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने कृषि मंत्री को रोकते हुए कहा कि यह बहुत ही ‘‘दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण” है…..। उन्होंने कहा कि जब सदन में देश के सबसे महत्वपूर्ण वर्ग किसानों के बारे में चर्चा हो रही हो तो सदन में हर सदस्य का यह मौलिक कर्तव्य है कि वह चर्चा में गंभीरता से भाग ले।
- धनखड़ ने कहा कि जिन कांग्रेस सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने इस चर्चा की शुरुआत की थी, उन्होंने किसानों के हितों को तिलांजलि देते हुए, संजीदगी का परित्याग करते हुए, मंत्री के भाषण में जो अवरोध पैदा करने का प्रयत्न किया, ‘‘उसका मैं खंडन करता हूं, प्रतिकार करता हूं, निंदा करता हूं।” कृषि मंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे किसानों को वोट बैंक न मानकर उनके साथ इंसान की तरह व्यवहार करें। उन्होंने स्वीकार किया कि कृषि क्षेत्र में कुछ समस्याएं हैं और वे किसान संगठनों से बातचीत कर उनका समाधान निकालने का प्रयास करेंगे क्योंकि मोदी सरकार का मानना है कि संवाद से ही समाधान निकलता है।
- चौहान ने कहा कि कृषि मंत्री बनने के बाद उन्होंने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से विभिन्न प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए संबोधन को पढ़कर यह जानने का प्रयास किया कि किसने किसानों के बारे में क्या कहा है? उन्होंने दावा किया कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से दिए गए भाषणों को यदि देखें तो 1948 के भाषण को छोड़कर 1947 से 1960 तक के भाषणों में एक भी बार किसान शब्द का प्रयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के इन भाषणों में किसान शब्द महज एक या दो बार आया है, वह भी बहुत औपचारिक ढंग से। उन्होंने दावा किया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 15 अगस्त के भाषणों में किसान शब्द बार बार कहा गया है।
- रियल दिखने के लिए रील बनाई गई
- चौहान ने कहा कि जो दिल में होता है, वही जुबां पर आता है। उन्होंने कहा, ‘‘इनके (कांग्रेस के नेताओं के) दिल में किसान नहीं था, इसलिए उनकी जुबां पर नहीं आया और मोदी जी के दिल में किसान है इसलिए उनकी जुबां पर वह बार बार आता है।” उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिये बिना उनके द्वारा देश में निकाली गयी यात्राओं का उल्लेख किया और कहा कि जब यह यात्रा हरियाणा के सोनीपत पहुंची तो ‘रियल दिखने के लिए रील बनाई गई।’
- कृषि मंत्री ने अपनी जेब से एक पेन ड्राइव निकाल कर कहा कि वह उसकी पूरी सीडी सदन के पटल पर रखकर यह कहना चाहते हैं कि ‘वे किसानों के नाम पर नाटक करते हैं।’ इस पर सभापति ने कहा कि वह इसे सदन के पटल पर रखकर इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करें। कृषि मंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘जब इनको हल भेंट किया जाता है तो यह पूछते हैं कि ये है क्या?…एक प्रधानमंत्री ऐसे हुए हैं कि उन्होंने जब देखा कि लाल मिर्च के दाम हरी मिर्च से ज्यादा हैं तो उन्होंने कहा कि किसानों, ये लाल मिर्च क्यों नहीं उगाते?” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आधार की तरह किसानों की पहचान के लिए एक डिजिटल आईडी बना रही है जिसे किसान के भूमि संबंधी रिकार्ड के साथ जोड़ा जाएगा।
- मंत्री ने कहा कि अब किसान जो फसल बोएगा, उसके रिकार्ड में हेराफेरी नहीं हो सकती क्योंकि रिकार्ड डिजिटल होगा और फसल की वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल कृषि मिशन को हम शुरू कर रहे हैं। हम कृषि के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण अपना रहे हैं।” उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते प्रयोग पर चिंता जतायी और कहा कि इससे फसलों, भूमि और मनुष्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। चौहान ने कहा कि देश को खाद्यान्न उत्पादन की वृद्धि कायम रखते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इसीलिये सरकार ने प्राकृतिक खेती मिशन शुरू किया है।
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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी
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September 18, 2025By
Divya Akash
मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।
अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…
पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।
आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।
कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।
रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।
लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।
कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।
जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी
अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।
इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।
रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था
24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।
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CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो
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September 18, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-
जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।
बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।
सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है
गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,
न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।
वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।
VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना
VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।
हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।
बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद
याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।
याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं
राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।
खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।
वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।
जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था
जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।
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उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश
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1 day agoon
September 18, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।
इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।
हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।
देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।
मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।
25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।
चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।


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