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छत्तीसगढ़

सेवामुक्त हुए छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर रामसिंह

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आयोग में दी गयी भावभीनी विदाई

रायपुर। समय के पाबंद, सहज, व्यवहारकुशल और दक्ष व्यक्तित्व के धनी हैं श्री सिंह- सचिव कैसर अब्दुल हक़विदाई समारोह में ठाकुर राम सिंह के कार्यकाल की सबने की खुले मन से तारीफ़ मोमेंटो और फूलों का ग़ुलदस्ता देकर यादों को संजोने की कोशिश की छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर राम सिंह सेवामुक्त हो गये हैं। आज इसी के मद्देनजऱ राज्य निर्वाचन आयोग में विदाई समारोह का आयोजन कर उन्हें भावभीनी विदाई दी गयी। आयोग के सभाकक्ष में दोपहर 12 बजे से आहूत इस समारोह को संबोधित करते हुए सचिव कैसर अब्दुल हक़ ने कहा कि बतौर आयोग के सचिव के अल्प कार्यकाल में भी उन्हें श्री सिंह से बहुत कुछ सीखने मिला। कार्य के प्रति समर्पण, जि़म्मेदारी लेकर काम पूरा करना और समय की पाबंदी श्री सिंह के व्यक्तित्व की ऐसी ख़ासियत है जो उनके शांत, सौम्य व्यक्तित्व में चार चाँद लगा देती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर आयोग के सभी अधिकारी कर्मचारी इन गुरों को अपना लेंगे तो उन्हें सफलता पाने में कोई दिक़्क़त नहीं आएगी। श्री सिंह अपने प्रशासनिक कार्यकाल में हमेशा सही और कड़े फ़ैसले लेते रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग में भी हमेशा चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य को अपने अनुभव से आसानी से संपादित करते रहे हैं। उन्होंने अंत में कहा कि सेवामुक्त होकर श्री सिंह स्वस्थ, खुशहाल और दीर्घायु रहें यही प्रार्थना है। उप सचिव दीपक अग्रवाल ने कहा कि ना केवल राज्य निर्वाचन आयोग बल्कि दो जि़ला बिलासपुर और रायपुर में जब श्री सिंह कलेक्टर के तौर पर पदस्थ रहे तब उनके साथ काम करने का मौका मिला और हमेशा से उनके साथ काम करना सहज रहा क्योंकि वे डटकर और पूरी मेहनत झोंक कर काम करते रहे। वे हमेशा से सरल और सुलझे हुये रहे और अपने अधीनस्थों को भी पूरी जि़म्मेदारी से काम करने का अवसर देते रहे। इस मौक़े पर उप सचिव श्रीमती अंकिता गर्ग ने खुले कंठ से श्री सिंह की तारीफ़ की। उनका अपने अधीनस्थों के प्रशासनिक और व्यक्तिगत जीवन में आने वाली दिक्कतों में हर संभव सही सलाह और सपोर्ट करने की ख़ासियत को सबके साथ साझा किया। विदाई बेला में अवर सचिव द्वय आलोक श्रीवास्तव, प्रणय वर्मा, सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों ने भी श्री सिंह के कार्यकाल के दौरान उनके साथ अपने अनुभव साझा करते हुए उन अनुभवों को काफ़ी सुखद और यादगार बताया। आज श्री सिंह को विदाई के अवसर पर उनका आयुक्त के तौर पर कार्यकाल को मोमेंटो में सहेज कर सप्रेम भेंट किया गया। सभी अधिकारी कर्मचारियों ने पुष्प गुच्छ भेंट कर उनके प्रति आभार जताया।

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छत्तीसगढ़

2161 करोड़ का शराब-घोटाला…EOW के रडार पर 16 आरोपी

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इनमें सिंघानिया-बिजलानी और हवाला कारोबारी चावड़ा भी, सिंडिकेट के ठिकानों तक पहुंचाते थे शराब-पैसा और रॉ-मटेरियल

रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच की रफ्तार तेज हो गई है। दिल्ली से शराब कारोबारी विजय भाटिया की गिरफ्तारी के बाद EOW EOW की नजर अब सिंडिकेट के उन 16 आरोपियों पर है, जिन्होंने शराब की आपूर्ति, पैसे के लेनदेन और रॉ-मटेरियल की डिलीवरी में भूमिका निभाई है।

EOW के मुताबिक सिंडिकेट में नामी कारोबारी, प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक और हवाला नेटवर्क से जुड़े चेहरे शामिल हैं। जांच एजेंसी अब इन आरोपियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक शराब सिंडिकेट में शामिल इन लोगों से विजय भाटिया से तगड़े कनेक्शन मिले हैं।

EOW की लिस्ट में सिद्धार्थ सिंघानिया, पीयूष बिजलानी और हवाला कारोबारी दिपेंद्र चावड़ा जैसे कई नामी चेहरे हैं, जिन पर घोटाले के लिए शराब, पैसा और रॉ मटेरियल की लॉजिस्टिक सप्लाई की जिम्मेदारी रही।

राजनीतिक और आर्थिक गठजोड़ हो सकता है उजागर

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी पप्पू बंसल से पूछताछ के बाद अब जांच का दायरा और बड़ा होता जा रहा है। EOW इस महीने के अंत तक आरोपियों के बयान दर्ज कर सकती है। माना जा रहा है कि ये बयान घोटाले के कई और अनदेखे पहलुओं को उजागर कर सकते हैं, जो बड़े राजनीतिक और आर्थिक गठजोड़ की ओर इशारा करेंगे।

शराब कारोबारी विजय भाटिया EOW की रिमांड पर है।

शराब कारोबारी विजय भाटिया EOW की रिमांड पर है।

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला

A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन

2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन को देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई।

B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना

डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता को तैयार किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई।

खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।

शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिले शॉर्ट लिस्टेड किए गए

शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिलों को चुना गया। शराब खपाने का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में ना चढ़ाने की नसीहत दुकान संचालकों को दी गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई। इसकी एमआरपी सिंडिकेट के सदस्यों ने शुरुआत में प्रति पेटी 2880 रुपए रखी थी। इनकी खपत शुरू हुई, तो सिंडिकेट के सदस्यों ने इसकी कीमत 3840 रुपए कर दी।

डिस्टलरी मालिकों को शराब सप्लाई करने पर शुरुआत में प्रति पेटी 560 रुपए दिया जाता था, जो बाद में 600 रुपए कर दिया गया था। ACB को जांच के दौरान साक्ष्य मिला है कि सिंडिकेट के सदस्यों ने दुकान कर्मचारियों और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 40 लाख पेटी से अधिकारी शराब बेची है।

C: डिस्टलरीज की सप्लाई एरिया को कम/ज्यादा कर अवैध धन उगाही करना

देशी शराब को CSMCL के दुकानों से बिक्री करने के लिए डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को सिंडिकेट ने 8 जोन में विभाजित किया। इन 8 जोन में हर डिस्टलरी का जोन निर्धारित होता था। 2019 में सिंडिकेट की ओर से टेंडर में नई सप्लाई जोन का निर्धारण प्रतिवर्ष कमीशन के आधार पर किया जाने लगा।

एपी त्रिपाठी ने सिंडिकेट को शराब बिक्री का जोन अनुसार विश्लेषण मुहैया कराया था, ताकि क्षेत्र को कम-ज्यादा करके पैसा वसूल किया जा सके। इस प्रक्रिया को करके सिंडिकेट डिस्टलरी से कमीशन लेने लगा। EOW के अधिकारियों को जांच के दौरान साक्ष्य मिले हैं कि तीन वित्तीय वर्ष में देशी शराब की सप्लाई के लिए डिस्टलरीज ने 52 करोड़ रुपए पार्ट C के तौर पर सिंडिकेट को दिया है।

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छत्तीसगढ़

तोमर ब्रदर्स पर शिकंजा..निगम अफसर घर पहुंचे, दस्तावेज मांगे

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जोन कमिश्नर बोले- मकान निर्माण परमिशन की जांच होगी; IT और पुलिस की भी इन्वेस्टिगेशन अलग

रायपुर,एजेंसी। रायपुर के हिस्ट्रीशीटर रोहित और वीरेंद्र तोमर पर शिकंजा और कसता जा रहा है। कुछ दिन पहले उनके घर से पुलिस ने लाखों रुपए कैश, सोने-चांदी के जेवरात और हथियार बरामद किए थे। अब रविवार को निगम अफसर भी उनके घर पहुंचे।

निगम की टीम ने तोमर ब्रदर्स के परिजनों से मकान निर्माण और टैक्स संबंधित दस्तावेजों की मांग की। इसके कुछ देर बार दस्तावेज लेकर टीम चली गई। दोनों भाई पिछले 7 दिन से फरार हैं।

जोन 8 के कमिश्नर हितेंद्र यादव ने बताया कि इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी। उनके पास कितनी अनुमति है और मकान कितने में बना है? यानी अगर घर निर्माण में कुछ अवैध निकलता है तो घर पर भी कार्रवाई हो सकती है।

इसके अलावा आयकर विभाग की टीम अलग जांच कर रही है। वीरेंद्र और रोहित के पास कुल कितनी संपत्ति है? दोनों भाई कितनी संपत्तियों का टैक्स दे रहे हैं? कितनी प्रॉपर्टी बेनामी है? इन सभी सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर निगम की टीम जांच कर रही है।

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर निगम की टीम जांच कर रही है।

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के घर में जांच के दौरान कैश-हथियार बरामद किए गए थे।

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के घर में जांच के दौरान कैश-हथियार बरामद किए गए थे।

कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल करते थे आवाजी कारतूस

सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के परिजनों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। पुलिस ने आरोपियों के घर से सामान जब्त करने के दौरान अवैध हथियार और आवाजी कारतूस जब्त किए थे।

जांच अधिकारियों को आशंका है, कि आवाजी कारतूस का इस्तेमाल हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधु कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल करते थे।

पुलिस की गिरफ्त में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित का भतीजा दिव्यांश तोमर।

पुलिस की गिरफ्त में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित का भतीजा दिव्यांश तोमर।

भतीजा दिव्यांश बोला- सब चाचा को पता

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर से पुलिस ने 37 लाख से ज्यादा नकद, 734 ग्राम सोने के जेवरात, 125 ग्राम चांदी, 4 गाड़ियां, आई-पेड, लैपटॉप, चेक एटीएम कार्ड, डी.व्ही.आर., ई-स्टाम्प जब्त किया था।

इसके अलावा पैसों के लेन-देन के हिसाब का रजिस्टर, जमीनों के दस्तावेज, नोट गिनने का मशीन, 5 तलवार, 1 रिवाल्वर, 1 पिस्टल, जिंदा राउंड और आवाजी कारतूस भी बरामद किए गए थे।

पुलिस ने सामान जब्त करने के साथ ही वीरेंद्र और रोहित के भतीजे दिव्यांश प्रताप तोमर को भी रिमांड में लिया था। दिव्यांश से 2 दिन दस्तावेज दिखाकर पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन उसने सब चाचा को पता है बोलकर जानकारी नहीं दी।

मददगारों की जानकारी जुटा रही पुलिस

शहर में अंडा ठेला लगाने वाला इतना बड़ा सूदखोर कैसे बना? इसका पता लगाने के लिए पुलिस उसके मददगार की कुंडली निकालेगी। कुंडली निकालने की शुरुआत जेल से होगी। वीरेंद्र तोमर 2006 में कारोबारी पर चाकू से हमला किया था। 2013 में हत्या का केस दर्ज हुआ था।

इस दौरान जेल गया था और पहले से जेल में बंद दूसरे राज्यों के कुछ अपराधियों से मेल मुलाकात बढ़ी। जेल से छूटने के बाद वीरेंद्र ने ब्याज में पैसे देने का काम शुरू किया था। इसके बाद उसके खिलाफ कई और मुकदमे दर्ज हुए।

जेल के अंदर और जेल के बाहर वीरेंद्र और रोहित की मदद करने वालों की जानकारी पुलिस जुटा रही है। मददगारों के अलावा वीरेंद्र और रोहित के खास गुर्गे, जिनके पास उनकी संपत्ति हो सकती है, उनका पता भी जांच एजेंसी लगा रही है।

पुलिस ने आरोपी तोमर बंधुओं के घर से ये जब्त किया। (लाल घेरे में ओरिजिनल कारतूस के साथ हरी डिब्बी लगा आवाजी कारतूस)

पुलिस ने आरोपी तोमर बंधुओं के घर से ये जब्त किया। (लाल घेरे में ओरिजिनल कारतूस के साथ हरी डिब्बी लगा आवाजी कारतूस)

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई देखकर पीड़ित पहुंच रहे थाना

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित के कई शिकार हैं। आरोपियों और उनके गुर्गों का खौफ पीड़ितों को इस कदर था, कि उनके शहर में रहते हुए शिकायत देने नहीं पहुंच रहे थे। पुलिस ने वीरेंद्र और रोहित पर जबसे कार्रवाई शुरू की है, तब से पीड़ितों के मन में डर खत्म हो गया है।

दो दिन पहले पुरानी बस्ती थाना में नारायणपुर जिले के पीड़ित ने आरोपी रोहित तोमर के खिलाफ एक पीड़ित ने शिकायत की है। पीड़ित ने पुलिस को बताया, कि उसने 10 लाख रुपए कर्ज लिया था और ब्याज सहित 1 करोड़ 10 लाख रुपए दिए।

इसके बाद भी रोहित उसको परेशान करता था। पुलिस ने इस केस को भी दर्ज कर लिया है। नारायणपुर के पीड़ित के अलावा कई और व्यक्ति आरोपी तोमर बंधुओं के खिलाफ शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।

अब तक 3 FIR दर्ज- टीआई कश्यप

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के खिलाफ जांच कर रहे पुरानी बस्ती टीआई योगेश कुमार कश्यप ने बताया, कि आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद अब तक 3 केस दर्ज किया गया है। आरोपी वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर फरार है, उनकी तलाश की जा रही है।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने वैज्ञानिक एवं उन्नत तकनीकों को अपनाने किया प्रेरित

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कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम

जिले के किसानों को कृषि सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के साथ आधुनिक कृषि तकनीकों की मिल रही है जानकारी

रायपुर।

जिले के किसानों को कृषि सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के साथ आधुनिक कृषि तकनीकों की मिल रही है जानकारी

कृषि मंत्री रामविचार नेताम शनिवार को सरगुज़ा जिला प्रवास के दौरान विकासखण्ड उदयपुर के ग्राम उदयपुर में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने उपस्थित कृषकों को बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक खेती, सरकार की प्रमुख योजनाएं, उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग, प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कृषकों को रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान के बारे में बताया एवं खेती में जल का उचित उपयोग करने हेतु सुझाव दिए। किसानों से खरीफ 2025 की तैयारी के संबंध चर्चा करते हुए कहा कि कृषि में वैज्ञानिक तरीकों और उन्नत तकनीकों को अपनाएं। किसी भी प्रकार की समस्या के सम्बन्ध में उपस्थित अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों से सलाह लें। कार्यक्रम में उपस्थित अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने भी  विकसित कृषि संकल्प अभियान के फायदे बताते हुए किसानों से अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में शामिल होने अपील की। इस दौरान कृषि मंत्री नेताम ने किसानों को बीज वितरित किया।

     इस दौरान किसानों को वैज्ञानिकों के द्वारा कृषकों के खरीफ संबधी समस्याओं का समाधान के साथ ही कृषि की आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन से यूरिया एवं कीटनाशक का छिड़काव, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभ, उन्नत किस्मों से अधिक उत्पादन, समन्वित कृषि कार्यक्रम, उर्वरकों का समुचित मात्रा में उपयोग की जानकारी दी गई। खरीफ सीजन की विशेष तैयारी और फसल विविधीकरण के तरीके किसानों को सिखाए गए तथा उत्पादकता बढ़ाने के उपायों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया गया। वहीं उन्नत नस्ल के पशुपालन एवं मत्स्य पर भी प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उपसंचालक पी.एस. दीवान, कृषि वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी एवं कृषक उपस्थित थे।

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