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देश में कोरोना से 24 घंटे में 6 मौतें:3976 एक्टिव केस, सबसे ज्यादा 1435 केरल में; दिल्ली HC ने केंद्र से सैंपलिंग की डिटेल मांगी

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नई दिल्ली,एजेंसी। देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक्टिव केसों की संख्या 3976 पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट के मुताबिक 10 दिन में 15 गुना मामले बढ़े हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1435 केस हैं। महाराष्ट्र एक्टिव मामलों के मामले में दूसरे नंबर पर है। यहां 506 मरीज हैं।

कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 34 पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में 6 मौतें हुई हैं। सोमवार को अहमदाबाद में 18 साल की गर्भवती लड़की और 47 साल की महिला की कोरोना से जान गई। इससे पहले रविवार को दिल्ली में 22 साल की लड़की और तमिलनाडु में 25 साल के लड़के की कोरोना से मौत हुई थी।

लगातार बढ़ते केसों के बीच कर्नाटक सरकार ने पब्लिक एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और स्वच्छता का खास ध्यान रखने की अपील की। बुखार, खांसी, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत जांच कराने को कहा है। राज्य में 253 एक्टिव केस हैं।

सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- अगली कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। केंद्र कोविड सैंपल कलेक्शन, कोविड सेंटर्स और ट्रांसपोर्ट पॉलिसी नीति की तैयारियों की डिटेल दे।

केंद्र सरकार ने कहा- कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां पूरी केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा- स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय पूरी तरह से सतर्क हैं। सभी राज्यों के हालात पर नजर रख रहे हैं। हमने संबंधित सचिवों और मंत्रियों से बातचीत की है।

उन्होंने आगे कहा कि पिछली कोविड लहरों के दौरान बने ऑक्सीजन प्लांट, ICU बेड इत्यादि की समीक्षा हो चुकी है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां जारी हैं।

10 राज्यों में अब तक 34 की मौत

मिजोरम में 7 महीने बाद कोविड का पहला केस मिला मिजोरम में 30 मई को 2 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस तरह का आखिरी मामला सामने आने के 7 महीने बाद कोविड के केस मिले। मिजोरम में कोविड-19 का आखिरी मामला अक्टूबर 2024 में सामने आया था, उस दौरान राज्य में 73 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे।

उन्होंने बताया कि मरीजों का इलाज आइजोल के पास फल्कोन में जोरम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ZMCH) में चल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इंटीग्रेटेड रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) ने लोगों से न घबराने की बात कही है।

IDSP ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने, नियमित रूप से हाथ धोने, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी है।

महाराष्ट्र में 10 हजार से ज्यादा कोविड टेस्ट

महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि 31 मई को कोविड के 68 नए मामले सामने आए। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक 411 केस मिले हैं। जनवरी से अब तक राज्य में 10,324 कोविड-19 टेस्ट किए गए, जिसमें 681 कोरोना पॉजिटिव निकले थे।

इधर जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को कोविड-19 के दो मामले सामने आए थे। दोनों मरीज केरल के रहने वाले हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश का इटावा सफारी पार्क कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से 14 मई को बंद कर दिया गया था। इसे 29 मई को कोविड प्रोटोकॉल के साथ खोल दिया गया।

उत्तर प्रदेश का इटावा सफारी पार्क कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से 14 मई को बंद कर दिया गया था। इसे 29 मई को कोविड प्रोटोकॉल के साथ खोल दिया गया।

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।

बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।

NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।

भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है​​​​​ JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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“मुझे शक है…”पहली बार राज ठाकरे के साथ अपने रिश्ते पर बोलीं सोनाली बेंद्रे

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मुंबई, एजेंसी। बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को भला कौन नहीं जानता।  उनकी अलौकिक सुंदरता और अभिनय प्रतिभा ने उन्हें 90 के दशक की कई फिल्मों के लिए लोकप्रिय पसंद बनाया और उन्हें एक वफादार प्रशंसक आधार दिलाया। हाल ही में सोनाली  ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और उनके रिश्ते को लेकर पहली बार बात की। कुछ दिनों पहले दोनों का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था। 

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कुछ दिनों पहले सोनाली बेंद्रे और राज ठाकरे सालों बाद एक साथ नजर आए थे। इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सोनाली आंखों से राज ठाकरे को बुलाती नजर आई, जिसके बाद कई तरह की बातें चलने लगी।  एएनआई से बातचीत में बेंद्रे ने सभी दावों को खारिज कते हुए कहा- ” “क्या उन्होंने… मुझे संदेह है, मैं  उस समय अपनी बहन से बात कर रही थी जो वहीं थी।” गपशप की आलोचना करते हुए, बेंद्रे ने कहा- ” मुझे लगता है कि जब लोग इस तरह से बात करते हैं तो यह बहुत अच्छा नहीं लगता। उन्होंने बताया कि दोनों परिवारों के बीच संबंध दशकों पुराने हैं।

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बेंद्रे ने कहा-  “इस तथ्य के अलावा कि मेरे जीजा और मेरी बहन… मेरे जीजा जो एक क्रिकेटर हैं और इसलिए राज के चचेरे भाई के साथ क्रिकेट खेलते थे… बहन के पति और वे हमेशा साथ खेलते थे। दूसरी बात, मेरी बहन की सास विभाग की प्रमुख थीं जिन्होंने हमें (रामनारायण) रुइया कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया, जहां से मैं हूँं,”। अभिनेत्री ने आगे एक निजी पारिवारिक संबंध का खुलासा करते हुए कहा, “…तो वे सभी एक-दूसरे को जानते थे। मेरे लिए, संबंध यह था कि शर्मिला, राज की पत्नी, उनकी मां और मेरी मासी सबसे अच्छी दोस्त थीं। उनकी मां  ने मुझे 10 दिनों तक अपने पास रखा। इसके अलावा, ‘सरफरोश’ अभिनेत्री ने कहा- “मैंने हमेशा यात्रा की है… ऐसा कुछ नहीं है कि मैं उन्हें एक सीमा से ज़्यादा जानती हूं क्योंकि मैं दो साल में केवल एक बार गर्मियों की छुट्टियों या ऐसे ही कुछ समय के लिए महाराष्ट्र आई हूं,”। 

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राजनीति में उनकी रुचि के बारे में पूछे जाने पर, ‘दिलजले’ अभिनेत्री ने किसी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से दृढ़ता से इनकार किया।    उन्होंने कहा-  “नहीं, वास्तव में नहीं। मुझे लगता है कि इसके लिए आपको बहुत मोटी चमड़ी की ज़रूरत होती है, जो मेरे पास नहीं है… और मैं राजनीतिक रूप से सही नहीं हूं… दुर्भाग्य से”।  ऐसी खबरें थी कि सालों पहले सोनाली और राज ठाकरे रिश्ते में थे, हालांकि शादीशुदा होने के वलते राज ठाकरे अपने रिश्ते को आगे नहीं बढ़ा पाए। 

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राजस्थान में सियासी सरगर्मियां तेज, अशोक गहलोत के घर पहुंचे सचिन पायलट; 2 घंटे की मुलाकात ने बढ़ाई हलचल

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जयपुर,एजेंसी। राजस्थान की राजनीति में एक नया और दिलचस्प मोड़ तब आया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं AICC महासचिव सचिन पायलट ने पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास का रुख किया। यह मुलाकात जयपुर स्थित सिविल लाइंस के उस सरकारी आवास पर हुई जहां अशोक गहलोत वर्षों से रहते हैं। यह सामान्य राजनीतिक शिष्टाचार से कहीं ज्यादा बड़ी मुलाकात मानी जा रही है क्योंकि दोनों नेताओं के बीच पिछले कुछ वर्षों से तनातनी बनी रही है। ऐसे में यह भेंट राजस्थान कांग्रेस में संभावित एकता और सुलह की तरफ इशारा करती है।

क्यों पहुंचे पायलट गहलोत के घर?

इस मुलाकात का औपचारिक कारण स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा का निमंत्रण देना था। राजेश पायलट की पुण्यतिथि हर वर्ष 11 जून को दौसा जिले के भंडाना-जीरोता गांव स्थित स्मारक स्थल पर आयोजित की जाती है। इस बार कार्यक्रम इसलिए भी खास है क्योंकि यह उनकी 25वीं पुण्यतिथि है। सचिन पायलट खुद इस आयोजन के प्रमुख आयोजक हैं और चाहते हैं कि इसमें कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हों। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की यह मुलाकात केवल चाय-पानी की नहीं थी। दोनों नेता लगभग दो घंटे तक बंद कमरे में चर्चा करते रहे। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कयास लगना शुरू हो गया है कि क्या कांग्रेस आलाकमान अब राजस्थान में दोनों गुटों को फिर से एक करने की कोशिश कर रहा है?
 
गहलोत ने दी प्रतिक्रिया, पुरानी यादें की साझा

मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा “AICC महासचिव सचिन पायलट आज मेरे निवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की पुण्यतिथि कार्यक्रम का निमंत्रण देने आए। हम दोनों 1980 में साथ लोकसभा पहुंचे थे और लगभग 18 वर्षों तक संसद में साथ काम किया। उनके असमय निधन से पार्टी और मुझे व्यक्तिगत रूप से बड़ी क्षति हुई।” गहलोत के इस बयान को एक भावनात्मक और राजनीतिक रूप से संतुलित संदेश माना जा रहा है, जो पार्टी के भीतर एकजुटता का संकेत भी देता है।

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अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर सबसे बड़ी कार्रवाई ! छापेमारी में 44 गिरफ्तार, विरोध कर लोगों पर दागे आंसू गैस गोले

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वाशिंगठन,एजेंसी। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में संघीय आव्रजन अधिकारियों ने आव्रजन नियम के उल्लंघन को लेकर शुक्रवार को 44 लोगों को गिरफ्तार किया। एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर उस समय झड़प देखी गई जब इस कार्रवाई का विरोध करने जुटे लोगों को तितर-बितर करने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता यास्मीन पिट्स ओ’कीफ ने बताया कि आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों और एजेंटों ने तीन स्थानों पर तलाश अभियान चलाया। ‘कोअलिशन ऑफ ह्यूमेन इमिग्रेंट राइट्स’ की कार्यकारी निदेशक एंजेलिका सालास ने कहा कि आव्रजन अधिकारियों ने बताया कि उन्हें दो किराना स्टोर, ‘फैशन डिस्ट्रिक’ में एक गोदाम और एक डोनट की दुकान समेत सात स्थानों से लोगों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मिली है।

अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के प्रवक्ता सियारन मैकएवॉय ने पुष्टि की कि एजेंटों और एक न्यायाधीश ने पाया कि ‘फैशन डिस्ट्रिक्ट’ में नियोक्ता अपने कुछ कर्मचारियों के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे जिसके बाद कारोबारी के यहां तलाश अभियान चलाया गया। शुक्रवार शाम को लॉस एंजिलिस में एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर काफी संख्या में लोग इस कार्रवाई के विरोध में इकट्ठा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार किए गए लोगों के समर्थन में ‘उन्हें आजाद करो’, ‘उन्हें देश में रहने दो’ के नारे लगाए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। हेलमेट पहने और डंडे लिए अधिकारियों ने धीरे-धीरे प्रदर्शनकारियों को इमारत से दूर कर दिया। 

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