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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में 9 मंत्रियों ने ली शपथ

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ओपी चौधरी, लक्ष्मी और टंकराम पहली बार विधायक बने और मंत्री बनाए गए

रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल का 22 दिसंबर को शपथ ग्रहण हो गया। राजभवन में 9 विधायकों को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। 9 मंत्रियों में बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल , केदार कश्यप, लक्ष्मी राजवाड़े, टंकराम वर्मा, ओपी चौधरी, श्याम बिहारी जायसवाल और लखनलाल देवांगन शामिल हैं। ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े पहली बार विधायक बने और मंत्री भी बन गए। साव और शर्मा ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी।

13 सदस्यीय मंत्रिमंडल में अभी एक सीट खाली

मुख्यमंत्री समेत प्रदेश मंत्रिमंडल में 13 सदस्यों की जगह है। सीएम विष्णुदेव साय और दो डिप्टी सीएम बनने के बाद 9 मंत्री बनाए गए हैं। अभी एक सदस्य की जगह खाली है। 12 सदस्यीय कैबिनेट में अभी 6 ओबीसी, 3 आदिवासी, 2 सामान्य और 1 एससी हैं।

5 विधायक पहली बार मंत्री बने

शपथ लेने वालों में पांच विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार मंत्री बने। इनमें लक्ष्मी राजवाड़े (नया चेहरा), टंकराम वर्मा (नया चेहरा), ओपी चौधरी (नया चेहरा), श्यामबिहारी जायसवाल( पहले विधायक रहे हैं) और लखनलाल देवांगन (पहले विधायक रह चुके हैं) हैं।

पांच पुराने चेहरे जो विधायक व मंत्री रहे हैं

विष्णुदेव साय, रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, दयालदास बघेल और केदार कश्यप।

वो पांच चेहरे जो पहली बार विधायक बने, पहली ही बार में मंत्री

लक्ष्मी राजवाड़े ओबीसी चेहरा

। सरगुजा संभाग में चार सामान्य सीट है। अंबिकापुर, प्रेमनगर, भटगांव, बैकुंठपुर और मनेंद्रगढ़ सामान्य सीट है। प्रेमनगर से भुलनसिंह मरावी को लड़ाया, जो आदिवासी हैं। 14 सीटें सरगुजा में जीते। पांच महिलाएं यहां से जीतकर आईं। लक्ष्मी के अलावा सांसद गोमती साय, रेणुका सिंह, शकुंतला पोर्ते और रायमुनि भगत चुनकर आईं। लो प्रोफाइल और संगठन की पसंद के कारण।

ओपी चौधरी।

ओपी चौधरी भी पहली बार विधायक चुने गए। 2018 में आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दिया और चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इस बार रायगढ़ से जीते। अमित शाह की पसंद। उन्होंने कहा था- इन्हें जिताइए बड़ा आदमी बनाएंगे। मंत्री बनाया।

टंकराम वर्मा

विधायक से मंत्री टंकराम वर्मा को मंत्रालय में कामकाज का लंबा अनुभव है। वे दयालदास बघेल के पीए भी थे। साथ ही कुर्मी समाज में उनकी अच्छी खासी पकड़ है। वह भागवत कथा और रामायण पाठ करवाने के लिए अपने क्षेत्र में जाने जाते हैं। सांसद और मंत्री के पीए रहने के बाद वर्मा खुद मंत्री बने हैं।

अरुण साव

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। बड़ा ओबीसी चेहरा। पहली बार सांसद बने, पहली बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने और अब पहली बार विधायक बनने के साथ ही डिप्टी सीएम की प्रोफाइल मिली। आरएसएस से जुड़े रहे। संघ की भी पसंद माने जाते हैं।

विजय शर्मा

विजय शर्मा को हिन्दुत्व के चेहरे के रूप में पेश किया गया। कवर्धा से मोहम्मद अकबर को हराया, जो दिग्गज मंत्री थे। वहां सांप्रदायिक तनाव हुए। उस वक्त भाजपा के जिला अध्यक्ष थे। जेल गए। बाद में पार्टी में हिन्दुत्व का चेहरा बनकर सामने आए। डिप्टी सीएम बनाए गए।

छत्तीसगढ़ सरकार में फिर मंत्री बने बृजमोहन अग्रवाल

,छात्र नेता से लेकर आठवीं बार के विधायक, डिटेल में जानिए राजनीतिक सफर

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु साय मंत्रिमंडल में भाजपा के सीनियर विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। बृजमोहन अग्रवाल 1990 में 31 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के सदस्य बने और तब से लेकर अब तक के चुनावों तक लगातार 8 बार सभी चुनाव जीतते रहे हैं। बृजमोहन को उनके समर्थक अपराजित योध्दा बताकर शहर में पोस्टर लगवा रहे हैं। इस बार के चुनाव में बृजमोहन को लेकर यही चर्चा रही कि इस बार उनका जीतना मुश्किल हो सकता है, लेकिन जो नतीजे आए उसने सभी को हैरान किया। बृजमोहन अग्रवाल ने इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार महंत रामसुंदर दास को सर्वाधिक 67,719 मतों से हराया है।

बृजमोहन क्यों बनाए गए मंत्री ?

लगातार चुनाव जीतने वाले बृजमोहन हर बार नतीजों से खुद को साबित करते हैं। 2018 में जब समूचे रायपुर की सीटें कांग्रेस के हाथ में गई शहर से इकलौते भाजपा विधायक बृजमोहन ही बने थे। बीजेपी का पुराना कद्दावर चेहरा होने की वजह से उन्हें तरजीह दी गई है। अग्रवाल समाज का जातिगत समीकरण भी भाजपा नजरअंदाज नहीं कर सकती। संगठन और कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ है। प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की। रायपुर संभाग के भौगोलिक समीकरण के हिसाब से बृजमोहन को जिम्मा दिया गया है।

बृजमोहन का राजनीतिक सफर

1977- एबीवीपी का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्र नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया 1981-82- अध्यक्ष, छात्र संघ, दुर्गा महाविद्यालय रायपुर, मुख्य सलाहकार, विश्वविद्यालय छात्र संघ, पं. रवि हंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर 1982- अध्यक्ष, छात्र संघ, कल्याण महाविद्यालय, भिलाई 1986-प्रदेश मंत्री और उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवामोर्चा 1990- मध्य प्रदेश विधान सभा के निर्वाचित सदस्य (उस समय के सबसे कम उम्र के विधायक जो विधान सभा के लिए चुने गए) (वोट मार्जिन – 2628), राज्य मंत्री स्थानीय प्रशासन, पर्यटन एवं संस्कृति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी स्वतंत्र प्रभार। 1991-94- प्रदेश महामंत्री, भारतीय जनता युवा मोर्चा 1993- दूसरी बार विधायक चुने गए (वोट मार्जिन – 11570), सदस्य, विशेष अधिकार, प्रश्नोत्तरी और सरकारी आश्वासन के लिए मध्य प्रदेश विधायी समिति 1997- अविभाजित मध्य प्रदेश की राज्य विधान सभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में सम्मानित किया गया 1998: तीसरी बार विधायक चुने गये, (वोट मार्जिन – 13218), मुख्य सचेतक, भाजपा विधायक दल के सदस्य, भाजपा राज्य कार्य समिति, सदस्य मप्र विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति, सदस्य और राष्ट्रीय कार्यकारिणी, भारतीय जनता युवामोर्चा। 2000- सदस्य, लोक लेखा समिति और सदस्य, छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति। 2003- लगातार चौथी बार विधायक निर्वाचित (स्वतंत्र छत्तीसगढ़ में पहला चुनाव) (वोट मार्जिन – 25974) मंत्री – गृह, जेल, संस्कृति और पर्यटन 2005- कैबिनेट मंत्री, राजस्व, संस्कृति और पर्यटन, कानून और पुनर्वास 2006- वन, खेल और युवा मामलों के अतिरिक्त प्रभार के साथ कैबिनेट मंत्री 2008- लगातार 5वीं बार विधायक निर्वाचित (वोट मार्जिन – 24934), कैबिनेट मंत्री, स्कूल शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, संसदीय कार्य, पर्यटन और बंदोबस्ती ट्रस्ट संस्कृति, छत्तीसगढ़ सरकार। 2013- लगातार छठी बार विधायक चुने गए (वोट मार्जिन – 34799), कैबिनेट मंत्री, कृषि, पशुपालन, मछली पालन, जल संसाधन, सिंचाई, अयाकट और धार्मिक ट्रस्ट और बंदोबस्ती 2013: साक्षर भारत पुरस्कार 2013- धान की अच्छी पैदावार के लिए राष्ट्रीयकृषि कर्मण पुरस्कार 2014-राज्य में अनाज के रिकॉर्ड उत्पादन के लिए केंद्र सरकार से कृषि कर्मण पुरस्कार की सराहना की गई। 2015: व्यक्तिगत फसलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय कृषिकर्मण। 2016: दालों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल करने के लिए राष्ट्रीयकृषि कर्मण पुरस्कार 2017: राष्ट्रीयकृषि कर्मण पुरस्कार, कृषि नेतृत्व पुरस्कार 2018: मंत्री रहते हुए खाद्यान्न उत्पादन के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार 2018 में विधानसभा चुनाव जीता। 2023 में अब एक बार फिर चुनाव जीतकर मंत्री बने।

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छत्तीसगढ़

243 किलो गांजा तस्करी केस में एक और एक्शन

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राजनांदगांव पुलिस ने सागर से मुख्य-खरीददार को किया गिरफ्तार, ओडिशा से सागर तक फैला है जाल

राजनांदगांव,एजेंसी। राजनांदगांव में पुलिस ने अंतरराज्यीय गांजा तस्करी मामले में साइबर सेल और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने बड़ी कार्रवाई की है। 243.54 किलोग्राम गांजा खरीदने वाले मुख्य आरोपी काले बहादुर सोनी को मध्यप्रदेश के सागर से गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस के अनुसार, बोरतलाव थाना क्षेत्र में एक बोलेरो से 243.54 किलो गांजा जब्त किया गया था। जिसके बाद पुलिस मुख्य खरीदार की लगातार तलाश रही थी। इस बीच मध्य प्रदेश के सागर जिले से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामले में धारा 20(बी)(ii) और 29 NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, 30 मार्च को बोरतलाव थाना क्षेत्र के बिरे पुलिया पर नाकाबंदी के दौरान बोलेरो पिकअप (CG-10-BQ-0634) को रोका गया। तलाशी में सब्जी के खाली कैरेट के नीचे छिपाकर रखे गए 243.54 किलो गांजा, 4 फोन और वाहन जब्त किया गया। जिसकी कुल कीमत 41.64 लाख रुपए आंकी गई। इस मामले में दो आरोपियों, दिलावर अली और संतोष पाल, को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

ओडिशा से सागर तक तस्करी का जाल

जांच में पता चला कि, गांजा ओडिशा से लाकर छत्तीसगढ़ के तस्करों के जरिए मध्यप्रदेश के सागर ले जाया जा रहा था। पुलिस ने मामले में साइबर सेल की मदद से मुख्य खरीदार शिवाजी वार्ड सागर निवासी काले बहादुर सोनी (34) को गिरफ्तार किया है।

यह कार्रवाई जारी रहेगी- एसपी

इस मामले को लेकर एसपी मोहित गर्ग का कहना है कि, नशे के खिलाफ और राजनांदगांव पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। पुलिस नशे के कारोबार से जुड़े लोगों तक जाकर कार्रवाई कर रही है।

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छत्तीसगढ़

भिलाई IIT ने जर्मनी की यूनिवर्सिटी से किया MOU

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सेंसर टेक्नोलॉजी की होगी पढ़ाई, इससे पहले फ्रांस से हुआ था करार

भिलाई,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT भिलाई ने फ्रांस के बाद अब जर्मनी की यूनिवर्सिटी से एमओयू किया है। इससे दोनों देशों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के क्षेत्र में तेजी आएगी।

IIT भिलाई के मुताबिक, उन्होंने जर्मनी की प्रतिष्ठित सिएगेन यूनिवर्सिटी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MOU) किया है। इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक अनुसंधान और सहयोग को बढ़ाना देना है। इसके साथ ही इससे दोनों संस्थानों के छात्रों और शोधकर्ताओं को वैश्विक स्तर पर अवसर मिलेंगे।

सेंटर आईआईटी भिलाई के अंदर ही होगा स्थापित

इस एमओयू के तहत एक विशेष पहल के रूप में सेंसर टेक्नोलॉजी पर एक संयुक्त केंद्र का निर्माण होगा। यह सेंटर आईआईटी भिलाई के अंदर ही स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र दोनों संस्थानों के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जाएगा।

इस सेंटर में आधुनिक सेंसर टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करने के साथ ही नए नए इनोवेशन भी किए जाएंगे। इस अवसर पर भारतीय दूतावास जर्मनी से डॉ. बनर्जी भी मौजूद रहे। उन्होंने दो संस्थानों के बीच हुए इस तरह के शैक्षणिक सहयोग की सराहना की। समझौते पर दोनों संस्थानों के प्रमुखों ने सिएगेन विश्वविद्यालय में जाकर हस्ताक्षर किए।

भारत और जर्मनी के बीच मजबूत होंगे शैक्षणिक रिश्ते

आईआईटी भिलाई के निदेशक डॉ. प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने इसे भारत और जर्मनी जैसे दो देशों के बीच अकादमिक रिश्तों को और मजबूत करने की ओर बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि, इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच नवाचार और रिसर्च के क्षेत्र में नए रास्ते खुलेंगे।

इससे स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट बुनियादी ढांचा और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में वैश्विक ज्ञान, परिस्थिति तंत्र और औद्योगिक अनुप्रयोगों में योगदान मिलेगा।

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छत्तीसगढ़

धमतरी में शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक

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7 नदियों के जल, दूध-दही और पंचामृत से कराया स्नान, हिंदू साम्राज्य दिवस पर विशेष कार्यक्रम

धमतरी,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में हिंदू साम्राज्य दिवस पर छत्रपति शिवाजी महाराज का विशेष राज्याभिषेक किया गया। दिन की शुरुआत मां तुलजा भवानी मंदिर में अभिषेक से हुई। इसके बाद शिवाजी महाराज चौक में मंत्रोच्चार के साथ राज्याभिषेक संपन्न हुआ।

अभिषेक में सात नदियों का जल, दूध, दही और पंचामृत का प्रयोग किया गया। कार्यक्रम में महाआरती की गई और युवाओं ने आतिशबाजी की। वातावरण जय भवानी-जय शिवाजी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।

संपूर्ण हिंदू समाज का उत्सव

कार्यक्रम में शिवाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज्य की स्थापना और हिंदू समाज के एकजुट होने के इतिहास पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने बताया कि 500 सालों के बाद शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक से हिंदू समाज में नई चेतना का संचार हुआ था। यह दिवस केवल मराठा समाज का नहीं, बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज का उत्सव है।

समाज को एकजुट करना मुख्य उद्देश्य

समिति के सदस्यों ने वर्तमान समय में बंगाल, कश्मीर और बांग्लादेश की घटनाओं का जिक्र करते हुए हिंदू समाज के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस राज्याभिषेक का उद्देश्य समाज को एकजुट करना और सामाजिक कुरीतियों को दूर करना है।

कार्यक्रम छत्रपति शिवाजी महाराज राज्याभिषेक महोत्सव समिति ने आयोजित किया था।

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