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अहमदाबाद प्लेन क्रैश- 15 पेज की रिपोर्ट में खुलासा:दोनों इंजन बंद हुए, एक पायलट ने दूसरे से पूछा- तुमने फ्यूल बंद किया, जवाब- नहीं

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नई दिल्ली,एजेंसी। अहमदाबाद प्लेन हादसे के एक महीने बाद शुरुआती जांच रिपोर्ट आ गई है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को 15 पेज की रिपोर्ट सार्वजनिक की। प्रारंभिक जांच के मुताबिक यह हादसा विमान के दोनों इंजन बंद होने की वजह से हुआ था।

टेकऑफ के तुरंत बाद एक-एक करके दोनों फ्यूल स्विच बंद हो गए थे, इस वजह से दोनों इंजन भी बंद हो गए। इस दौरान कॉकपिट की रिकॉर्डिंग से पता चला है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि क्या तुमने स्विच बंद किया है? दूसरे ने जवाब दिया, नहीं।

अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक्सपर्ट के हवाले से कहा है कि रिपोर्ट में शामिल सभी प्वाइंट्स प्लेन में टेक्निकल गड़बड़ी न होने और पायलट से चूक की ओर इशारा कर रहे हैं।

12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है।

पायलट कोशिश के बाद क्रैश से नहीं बचा पाए

रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे वाले विमान में दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच बंद थे, जिसके बाद पायलटों ने इसे चालू किया और दोनों इंजन को दोबारा शुरू करने की कोशिश की थी। लेकिन विमान बहुत कम ऊंचाई पर था, इसलिए इंजनों को दोबारा ताकत पाने का समय नहीं मिल सका और विमान क्रैश हो गया। हालांकि ये सामने नहीं आया है कि फ्यूल स्विच बंद कैसे हुए थे।

15 पन्नों की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ से लेकर हादसे तक की पूरी उड़ान करीब 30 सेकेंड ही चली। इस समय तक रिपोर्ट में Boeing 787-8 विमान और GE GEnx-1B इंजन को लेकर किसी ऑपरेटर के लिए कोई चेतावनी या कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। साथ ही रिपोर्ट में मौसम, बर्ड-हिट और सबोटाज जैसे किसी भी कारण का जिक्र नहीं है।

जांच में क्या सामने आया, सवाल-जवाब फॉर्मेट में जानिए…

सवाल: हवा में क्या हुआ था?

जवाब: रिपोर्ट में बताया गया कि उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद दोनों इंजन हवा में ही बंद हो गए – ईंधन कटऑफ स्विच एक के बाद एक केवल एक सेकेंड में RUN (चालू इंजन) से CUTOFF (बंद इंजन) में बदल गए। इंजनों को ईंधन की आपूर्ति मिलना बंद हो गई थी।

सवाल: पायलटों ने क्या बातचीत की?

जवाब: कॉकपिट ऑडियो भी सामने आया है जिसमें एक पायलट ने पूछा, “आपने क्यों बंद (इंजन) किया?” दूसरे ने उत्तर दिया, “मैंने नहीं किया।”

सवाल: क्या इंजन दोबारा चालू करने की कोशिश हुई?

जवाब: पायलटों ने इंजन को फिर से चालू करने का प्रयास किया। N1 या इंजन 1 कुछ हद तक चालू हो गया, लेकिन इंजन 2 क्रैश होने से पहले स्टार्ट नहीं हो सका। विमान केवल 32 सेकेंड के लिए हवा में रहा था।

सवाल: क्या फ्यूल में कोई दिक्कत थी?

जवाब: फ्यूल टेस्टिंग में पाया गया कि ईंधन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं थी। थ्रस्ट लीवर पूरी तरह टूट चुके थे, लेकिन ब्लैक बॉक्स से पता चला है कि टेकऑफ थ्रस्ट उस वक्त चालू था, जो डिस्कनेक्ट होने का संकेत देता है। थ्रस्ट लीवर के जरिए विमान के इंजन की ताकत को कंट्रोल किया जाता है।

सवाल: क्या बर्ड हिटिंग की कोई समस्या थी? जवाब: फ्लैप सेटिंग (5 डिग्री) और गियर (नीचे) उड़ान भरने के लिए सामान्य थे। बर्ड हिटिंग संबंधी कोई समस्या नहीं थी।

सवाल: हादसे के वक्त मौसम कैसा था?

जवाब: आसमान पूरी तरह साफ था। विजिबिलिटी भी ठीक थी। आंधी-तूफान जैसी भी कोई स्थिति नहीं थी।

सवाल: क्या पायलट मेडिकली फिट थे?

जवाब: दोनों पायलट मेडिकली फिट थे। उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं थीं। पायलट इन कमांड के पास 15 हजार घंटे और को-पायलट के पास 3400 घंटे उड़ान का अनुभव था।

सवाल: जांच में विमान कंपनी के लिए कोई एडवाइजरी जारी की गई?

जवाब: रिपोर्ट में कहा गया कि यह प्रारंभिक जांच है, अभी यह जारी है। फिलहाल बोइंग विमान कंपनी या इंजन बनाने वाली जनरल इलेक्ट्रिक (GE) को कोई एडवाइजरी जारी नहीं की जा रही है।

APAI ने कहा- पायलट्स की बातचीत से किसी निष्कर्ष पर न पहुंचे

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (APAI) ने एजेंसी PTI को लेटर लिखा है। इसमें कहा है कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती जांच रिपोर्ट से लग रहा है कि क्रैश में पायलट्स की गलती है। हम इस बात को पूरी तरह से खारिज करते हैं। हम निष्पक्ष और सबूत आधारित जांच की मांग करते हैं।

APAI ने कहा- ​​​​​जांच ​​रिपोर्ट बिना किसी जिम्मेदार अधिकारी के साइन और जानकारी के मीडिया में लीक कर दी गई। जांच में पारदर्शिता की कमी है। जांच की विश्वसनीयता पर सवाल है। जनता का विश्वास कम हो रहा है। योग्य, अनुभवी कर्मचारियों विशेषकर लाइन पायलटों को अभी भी जांच टीम में शामिल नहीं किया जा रहा है।

फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के कॉकपिट में थ्रस्ट लीवर के पास होते हैं।

फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के कॉकपिट में थ्रस्ट लीवर के पास होते हैं।

फ्यूल स्विच का काम और तकनीक

फ्यूल स्विच विमान के कॉकपिट में थ्रस्ट लीवर के पास होते हैं। ये इंजन में फ्यूल की सप्लाई को कंट्रोल करते हैं। इसका मुख्य काम इंजन में फ्यूल की सप्लाई को शुरू करना (‘रन’ पोजिशन) या बंद करना (‘कटऑफ’ पोजिशन) है।

हर इंजन के लिए अलग-अलग फ्यूल कंट्रोल स्विच होता है। उदाहरण के लिए, बोइंग 787 में दो इंजन हैं, तो दो स्विच होंगे – एक बाएं इंजन के लिए, एक दाएं के लिए।

रन पोजिशन: जब स्विच ‘रन’ पर होता है, तो फ्यूल वाल्व खुलता है और इंजन में फ्यूल की सप्लाई शुरू हो जाती है। इससे इंजन चालू रहता है और विमान को थ्रस्ट मिलता है।

कटऑफ पोजिशन: जब स्विच को ‘कटऑफ’ पर किया जाता है तो फ्यूल वाल्व बंद हो जाता है और इंजन में फ्यूल की सप्लाई रुक जाती है। इससे इंजन तुरंत बंद हो जाता है।

फ्यूल स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं और इनमें डिटेंट (एक तरह का लॉक) होता है, जो इन्हें अपनी पोजिशन में स्थिर रखता है। स्विच को हिलाने के लिए तीन स्टेप्स चाहिए – पकड़ना, डिटेंट से बाहर निकालना, और रिलीज करना। ये कोई नॉर्मल स्विच नहीं है जो गलती से धक्का लगने से दब जाए जाए।

विमान के उड़ते ही रैम एयर टर्बाइन खुली

AAIB ने CCTV फुटेज में RAT को चालू होने की पुष्टि की है।

AAIB ने CCTV फुटेज में RAT को चालू होने की पुष्टि की है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इंजन बंद होते ही रैम एयर टर्बाइन (RAT) खुल गया। यह एक छोटी प्रॉपेलर जैसी डिवाइस होती है। यह हवा की गति से घूमती है और बिजली और हाइड्रॉलिक पावर पैदा करती है। खासतौर पर तब जब विमान की मेन पावर कट हो जाए, या हाइड्रॉलिक सिस्टम फेल हो जाए। RAT विमान को कम से कम नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम को थोड़ा बहुत चालू रखने में मदद करता है।

बोइंग बोला- जांच एजेंसियों का सहयोग कर रहे

बोइंग ने रिपोर्ट आने के बाद अपने बयान में कहा, ‘हमारी संवेदनाएं एअर इंडिया फ्लाइट 171 के यात्रियों, क्रू मेंबर्स और अहमदाबाद में प्रभावित लोगों के परिवारों के साथ हैं। हम जांच एजेंसियों और अपने कस्टमर के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।’ यह बयान AAIB की शुरुआती जांच रिपोर्ट के बाद आया है।

पायलट ने मेडे कॉल किया था

विमान का आखिरी सिग्नल 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई पर मिला, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद आया था। विमान ने 12 जून की दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के बाद विमान के पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को मेडे कॉल (इमरजेंसी मैसेज) भेजा, लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं मिला।

फ्यूल स्विच क्यों है इतना अहम?

ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजनों में रन और कटऑफ नाम के दो पोजिशन होते हैं। अगर विमान हवा में है और स्विच कटऑफ पर चला जाए तो इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो जाता है, जिससे ताकत (थ्रस्ट) खत्म हो जाती है और बिजली सप्लाई भी रुक सकती है, जिससे कॉकपिट के कई उपकरण भी बंद हो सकते हैं।

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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी

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मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।

अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…

पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।

आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।

कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।

रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।

लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।

कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।

जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी

अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।

इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।

रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था

24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।

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CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो

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नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-

जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।

बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।

सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है

गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,

न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।

वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।

VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना

VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।

हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद

याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।

याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं

राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।

खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।

वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।

जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था

जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।

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उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश

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नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।

इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।

हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।

देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।

मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।

25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।

चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

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