छत्तीसगढ़
50 साल से कम उम्र के युवा बनेंगे कांग्रेस जिलाध्यक्ष:दीपक बैज बोले- न गुटबाजी चलेगी, न सिफारिश, कार्यकर्ताओं की पसंद पर तय होंगे अध्यक्ष
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3 months agoon
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Divya Akashबिलासपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ कांग्रेस अब 50 साल से कम उम्र के युवाओं को जिलाध्यक्ष नियुक्त करेगी। पार्टी ने साफ किया है कि संगठन सृजन की प्रक्रिया में 50% युवाओं को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
बिलासपुर दौरे के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने ये बात कही है। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में न तो गुटबाजी चलेगी और न ही किसी नेता की व्यक्तिगत पसंद चलेगी। केवल पार्टी की विचारधारा से जुड़े और समर्पित कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा।
इसके साथ ही नियुक्तियों में जातिगत समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा, ताकि संगठन में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।

निजी प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे थे PCC चीफ दीपक बैज।
कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान शुरू
दरअसल, दीपक बैज 9 अक्टूबर को निजी प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान शुरू हो गया है।
इसके तहत प्रदेश में जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण और शहर) के अध्यक्ष पद का चयन भी किया जाएगा। इसके लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने राष्ट्रीय स्तर के 17 नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया है।
जिलेवार पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई
दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर नेता और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। संगठन सृजन अभियान के तहत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से नियुक्त 17 से अधिक पर्यवेक्षक अलग-अलग जिलों में जाएंगे।
अब तक 14 से अधिक ऑर्ब्जवर आ चुके हैं और अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जा रहे हैं। इस दौरान वो कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से रायशुमारी करेंगे।

बैज ने कहा- कांग्रेस का आडियोलॉजी और समर्पण ही चयन की पॉलिसी होगी।
कार्यकर्ताओं को अपनी पसंद का अध्यक्ष मिलेगा
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जहां लोकतांत्रिक तरीके से संगठन के पदाधिकारी का चयन किया जाता है। कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर उनकी पसंद के मजबूत अध्यक्ष का पैनल बनाकर हाईकमान के माध्यम से नियुक्ति की जाएगी।
जातिगत समीकरण का रखा जाएगा ध्यान
दीपक बैज ने कहा कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जातिगत और सामाजिक समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा। जिन जिलों में आदिवासी, ओबीसी, सामान्य या अन्य वर्गों की बहुलता होगी, वहां उसी के अनुसार नियुक्ति की जाएगी, ताकि हर वर्ग को संगठन में प्रतिनिधित्व मिल सके।
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में गुटबाजी नहीं चलेगी
यह संगठन सृजन की प्रक्रिया है, जिसमें चयन का आधार केवल कांग्रेस की विचारधारा और कार्यकर्ताओं का समर्पण होगा। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहेगी। किसी नेता की व्यक्तिगत पसंद या गुटबाजी के आधार पर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की जाएगी।
आपराधिक प्रकरण नहीं छिपा सकेंगे दावेदार
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन पर्यवेक्षकों के पास जमा होंगे। पार्टी ने आवेदन पत्र का एक नया प्रारूप जारी किया है, जिसमें कई बिंदू हैं पर दो अहम बिंदुओं पर विशेष रूप से जानकारी मांगी गई है।
पहला बिंदु आपराधिक प्रकरण से संबंधित है, जिसके अंतर्गत अगर किसी भी आवेदक पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज है, तो उसे विस्तार से विवरण देना अनिवार्य किया गया है। इसमें मुकदमें, धाराएं, वर्तमान स्थिति और संबंधित न्यायालय की जानकारी शामिल होगी।
दूसरा प्रमुख बिंदु पार्टी निष्कासन से संबंधित है। अगर किसी आवेदक को अतीत में कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किया गया है, तो उसे स्पष्ट रूप से कारण, समयावधि और बाद में मिली माफी या पुनः सदस्यता की जानकारी देनी होगी। पार्टी इस प्रक्रिया के माध्यम से साफ-सुथरी छवि वाले नेताओं को संगठनात्मक जिम्मेदारी देना चाहती है।
राजनीतिक और संगठनात्मक पृष्ठभूमि की भी होगी जांच
इसके अलावा आवेदन पत्र में आवेदक से उसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि की सामान्य जानकारी भी मांगी गई है। इसमें यह पूछा गया है कि उसने अब तक किन-किन पदों पर कार्य किया है, पार्टी के प्रति उनकी सक्रियता कैसी रही है। समाज में उसका जनाधार कितना मजबूत है।
संगठनात्मक भूमिका के तहत यह भी स्पष्ट करना होगा कि आवेदक ने किस स्तर पर पार्टी के लिए कार्य किया है जैसे ब्लॉक, जिला, प्रदेश स्तर। सभी आवेदन पत्र समय सीमा में पार्टी पर्यवेक्षकों को सौंपने होंगे। पर्यवेक्षक इन आवेदनों की जांच कर योग्य उम्मीदवारों की सूची तैयार करेंगे, जिसे आगे की प्रक्रिया के लिए राज्य नेतृत्व को भेजा जाएगा।
बिलासपुर में अध्यक्ष चयन के लिए संगठन सृजन अभियान
कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण एवं शहर) के अध्यक्ष पद के चयन की प्रक्रिया जोर पकड़ चुकी है। इसी क्रम में 10 से 12 अक्टूबर तक जिले में संगठनात्मक बैठकें होंगी। जिसमें ब्लॉक स्तर के कांग्रेस पदाधिकारियों से रायशुमारी की जाएगी।
इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया की निगरानी के लिए केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और राज्य पर्यवेक्षक के रूप में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व मंत्री धनेश पाटिला एवं वरिष्ठ नेता नरेश ठाकुर शामिल होंगे।
ब्लॉकवार होगी बैठक, संगठन पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं से करेंगे रायशुमारी
11 अक्टूबर
मस्तूरी विधानसभा के अंतर्गत सीपत और मस्तूरी ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की बैठक सुबह 10 बजे दिनेश मंगलम, मस्तूरी में रखी गई है। वहीं बिल्हा विधानसभा के अंतर्गत बिल्हा व तिफरा ब्लॉक कांग्रेस की बैठक दोपहर 3 बजे कुर्मी समाज भवन, चकरभाठा (कैम्प) में होगी।
12 अक्टूबर
बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र की चारों ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों क्रमांक 1, 2, 3 (सरकंडा) और 4 (रेलवे) की बैठक सुबह 11 बजे कांग्रेस भवन में होगी।
इसके बाद बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की रतनपुर ग्रामीण, बेलतरा ग्रामीण और नगर निगम क्षेत्र के 17 वार्डों की बैठक एवं रायशुमारी दोपहर 3 बजे तुलसी भवन, बहतराई स्टेडियम तथा ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल के पास आयोजित की जाएगी। इस पूरे अभियान के जरिए कांग्रेस संगठन जिला स्तर पर नेतृत्व चयन की पारदर्शी प्रक्रिया को बल देने जा रहा है।
8 महीने बाद पीसीसी के पूर्व प्रवक्ता राय और सीमा की पार्टी में वापसी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर पूर्व पीसीसी प्रवक्ता अभय नारायण राय और पूर्व महिला कांग्रेस की पूर्व शहर अध्यक्ष सीमा पांडेय के निष्कासन को प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
इस संबंध में प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने आदेश जारी कर दिया है। 8 माह बाद पार्टी में इनकी वापसी हो रही है। बता दें कि फरवरी 2025 में निगम चुनाव में भीतरघात के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
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छत्तीसगढ़
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए
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10 minutes agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि मुख्यमंत्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में कुमार विश्वास भी शामिल हुए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दुख जताया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
शुक्ल की अंतिम विदाई की तस्वीरें …

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़
लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी
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12 minutes agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर पहुंची। गैंगस्टर को झारखंड से रायपुर लाने के दौरान दोनों राज्यों के 15 अधिकारी साथ रहे। मयंक सिंह को पुलिस ने रायपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मयंक को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 27 दिसंबर को मयंक सिंह को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि 23 दिसंबर की रात 10 बजे गैंगस्टर मयंक को लेकर पुलिस झारखंड से निकली थी, जो 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मयंक सिंह अमन साव गैंग का सदस्य है। इसके साथ ही उसके लॉरेंस बिश्नोई से भी संबंध है।
मयंक पर रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल, वह झारखंड की जेल में बंद था, जहां दर्ज मामलों के चलते उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर भी उस पर बनी हुई थी। क्योंकि राज्य में भी मयंक के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।
कारोबारी के दफ्तर पर चलाई थी गोली
जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चली थी। इसका CCTV भी सामने आया था। बाइक सवार आरोपी ने 2 बार फायरिंग की थी, जिसमें एक हवा में और दूसरी गोली कार पर की गई थी। आरोप है कि मयंक सिंह ने यह गोली चलवाई थी, वह इस घटना का मुख्य आरोपी है।

गैंगस्टर मयंक सिंह।
लॉरेंस बिश्नोई से है संबंध
मयंक सिंह को गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता रहा है, जबकि चर्चा ये भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।
झारखंड का यह पहला मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पण कर देश वापस लाया गया हो। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।
45 से अधिक केस है दर्ज
पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे करीब 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा था।
जानकारी ये भी है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी भी वह मांग चुका है। अमन साव गैंग से उसके गहरे संबंध रहे हैं। अमन साव का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है, ऐसे में मयंक सिंह को पुलिस इस नेटवर्क की अहम कड़ी मान रही है।
डंकी रुट से गया था विदेश
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह डंकी रूट के जरिए विदेश पहुंचा था। पहले सिंगापुर, फिर ईरान, मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक गया और वहीं से गैंग का संचालन करता रहा। अब उसके प्रत्यर्पण के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मीडिया को ई-मेल करके बताया था टारगेट
16 जून 2024 को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया था। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही थी।
वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई थी। गैंगस्टर ने कहा था कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP ने जांच कराने की बात कही थी।
छत्तीसगढ़
मॉब लिंचिंग केस…30 लाख मुआवजा देगी केरल सरकार:मजदूर को बांग्लादेशी बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, छत्तीसगढ़ में 5 लाख की मदद
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15 minutes agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर राम नारायण (40) को केरल में भीड़ ने 17 दिसंबर को बांग्लादेशी समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। जिसे लेकर परिवार ने 25 लाख रुपए मुआवजा मांगा था। केरल सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 लाख मुआवजा देने की बात कही है।
इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का मानना है कि महिलाओं समेत करीब 15 आरोपी हैं। आशंका है कि बाकी संदिग्ध कथित तौर पर शुरुआती जांच में चूक के कारण राज्य छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में पैतृक गांव में राम नारायण बघेल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
कांग्रेस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की थी। इसके अलावा, केरल के मंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि 4 आरोपी RSS परिवार के कार्यकर्ता हैं। मजदूर पूरे देश में संघ परिवार की तरफ से फैलाई गई नफरत की राजनीति का शिकार हुआ है।

राम नारायण बघेल, जिनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

मजदूर को हाथ मुक्कों से मारने का यह वीडियो वायरल हुआ था।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 17 दिसंबर को अट्टापल्लम इलाके में स्थानीय लोगों ने छत्तीसगढ़ के सक्ती निवासी राम नारायण बघेल (31) को चोरी के शक में पकड़ा। उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस के मुताबिक राम नारायण नशे की हालत में थे, लेकिन उनके पास से चोरी का कोई सबूत नहीं मिला था।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर हितेश शंकर ने बताया था कि, शरीर का कोई भी हिस्सा बिना चोट के नहीं था। राम नारायण के शरीर पर 80 से ज्यादा चोटों के निशान थे। सिर पर गंभीर चोटों के साथ खून ज्यादा बह गया, जिससे राम नारायण की मौत हो गई।
केरल पुलिस के मुताबिक मजदूर के शरीर पर चोट के बहुत ज्यादा निशान थे। दर्द से उसकी मौत हुई है। मारपीट से मजदूर की छाती से खून भी बह रहा था। शरीर में कई घाव बन गए थे। वालैयार थाने में अपराध मामला दर्ज किया गया है।

रामनारायण बघेल (40) की डेडबॉडी बुधवार को छत्तीसगढ़ लाई गई।
परिवार को नहीं दी गई थी मौत की जानकारी
राम नारायण के चचेरे भाई शशिकांत बघेल ने बताया था कि परिवार को उनकी मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने सिर्फ यह कहा कि राम नारायण थाने में हैं और तुरंत पहुंचने को कहा। बाद में पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। राम नारायण के 2 बेटे हैं, जिनकी उम्र 8 और 10 साल है।
मृतक के परिजनों ने केरल सरकार सरकार से मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और रामनारायण के शव को उसके पैतृक गांव तक पहुंचाने की मांग की थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5 लाख आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय ने कहा था कि परिजनों को तत्काल केरल भेजने की व्यवस्था की गई है। मजदूर का शव आज हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ लाया गया।

मजदूर की हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग की है।
सोशल एक्टिविस्ट जब्बार बोले- यह मॉब लिंचिंग है
वहीं सोशल एक्टिविस्ट जब्बार ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर पीटा गया। यह मॉब लिंचिंग है। पुलिस ने शुरू में बिना ठीक से जांच किए शव को वापस भेजने की कोशिश की। राम नारायण को सांप्रदायिक और नफरत भरी बातें कहकर निशाना बनाया गया। परिवार को सही मुआवजा मिलना चाहिए।

वालैयार पुलिस ने आधार कार्ड से पहचान के बाद परिजनों को सूचना दी थी।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह के भीतर डिटेल में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मजदूर की हत्या के आरोप में इन आरोपियों को किया गिरफ्तार।
पुलिस ने 7 आरोपियों को अरेस्ट किया
वालैयार पुलिस ने 18 दिसंबर को वारदात में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन शामिल हैं। ये सभी अट्टापल्लम गांव के निवासी हैं। इसके बाद 2 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।

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