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कोरबा

कटघोरा जनपद की 25 करोड़ की जमीन उनके करीबी कांग्रेसियों की 25 लाख में कैसे हो गई?

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कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर से कटघोरावासी पूछ रहे हैं
कोरबा/कटघोरा। 5 साल कांग्रेस की सरकार थी, तब कटघोरा विधायक काफी पॉवर फूल थे। वे अपने पॉवर का किस तरह दुरूपयोग किया इसका बड़ा मामला सामने आया है। कटघोरा जनपद पंचायत की जमीन मुख्यमार्ग शहीद वीरनारायण चौक के पास कई डिसमिल जमीन थी, जो अब विधायक पुरूषोत्तम कंवर के करीबी बड़े नेताओं की हो गई।
इस मामले का खुलासा कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के एक कांग्रेसी कार्यकर्ता ने ही किया है और बिना नाम छापने की शर्त पर बताया कि शहीद वीरनारायण चौक से 50 मीटर दूर मुख्य मार्ग में जनपद पंचायत की कई डिसमिल जमीन थी, जो कांजी हाउस एवं अन्य विकास कार्यों के लिए आरक्षित थी। खाली जमीन में बकायदा प्रस्तावित विकास कार्यों के लिए जमीन आरक्षित है का बोर्ड भी सालों से लगा रहा। इस जमीन पर कांग्रेसियों की गिद्ध दृष्टि लगी और किसी तरह जमीन हड़पने की साजिश रची गई और वे कामयाब भी हो गए। नियम एवं शर्तों को ताक में रख कर जमीन की सरकारी रजिस्ट्री करा ली गई। बताया जा रहा है कि उक्त जमीन की कीमत करीब 25 करोड़ से अधिक है, लेकिन कांग्रेसियों ने इस जमीन को 25 लाख रूपए में रजिस्ट्री कराकर हड़प ली। इस सनसनीखेज मामले का उजागर होने के बाद कटघोरा के कुछ नेताओं ने आपत्ति भी जतायी और तब समय के तहसीलदार के के लहरे ने स्टे लगा दिया। कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर ने अपने करीबियों को उपकृत करने के लिए साजिश रची और श्री लहरे का स्थानांतरण हो गया और अपने पॉवर का इस्तेमाल कर उक्त 25 करोड़ की जमीन को अलग-अलग कांग्रेसियों के लिए रजिस्ट्री करा ली। जानकारी देने वाले कांग्रेस नेता का कहना है कि उक्त जमीन की रजिस्ट्री में नियम एवं शर्तों का पालन नहीं किया गया। जनपद पंचायत की जमीन को निजी व्यक्ति को हस्तांतरित करना नियम विरूद्ध है और पटवारी से सांठगांठ कर उक्त जमीन को राजस्व दिखाया गया और रजिस्ट्री करा ली गई।
यह मामला साढ़े तीन साल पहले की है, जब जनपद पंचायत कटघोरा में सीईओ के रूप में संजय मरकाम पदस्थ थे। सरकारी दबाव में आकर कुछ अधिकारियों ने उक्त जनपद की जमीन को कांग्रेसियों के नाम रजिस्ट्री के लिए एनओसी दे दी। कुछ ने मामले को कोर्ट ले जाने की तैयारी की थी, लेकिन वे गए या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है। अब कटघोरावासी विधायक पुरूषोत्तम कंवर से हिसाब पूछ रहे हैं कि आखिर जनपद पंचायत की जमीन को निजी व्यक्ति को कौन और कैसे रजिस्ट्री कराकर उनके करीबियों को उपकृत किया गया।
विवाद न हो इसलिए आचार संहिता में बनायी जा रही दुकान के लिए बिल्डिंग
निर्माणाधीन यह दुकान कटघोरा निवासी एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता की है। विवाद से बचने के लिए इस नेता ने आचार संहिता का समय चुना और दिन रात एक कर कई मजदूरों को काम में लगाया, ताकि आचार संहिता खत्म होते ही इसका काम पूर्ण हो जाए और कोई विवाद न रहे। सरकारी तंत्र ने जनपद पंचायत की जमीन को किस दबाव में आकर कांग्रेस नेताओं को औने-पौने दाम में रजिस्ट्री कराया, यह तो कानून का पालन करने वाले अधिकारी और कांग्रेस नेता जाने। लेकिन सरकारी योजना के लिए आरक्षित इस जमीन को निजी व्यक्ति को सौंपने में विधायक पुरूषोत्तम कंवर का हाथ जरूर है, नहीं तो जनपद पंचायत की जमीन को बचाने वे जरूर लड़ते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज कटघोरा की जनता पूछ रही है कि जनपद पंचायत की जमीन को निजी व्यक्ति को देने का अधिकार किसने दिया?
जनपद की जमीन को निजी व्यक्ति को देने का अधिकार आखिर किसने दिया
जनपद पंचायत कटघोरा की जमीन शहीद वीरनारायण चौक से 50 मीटर दूर कोरबा रोड में मुख्य मार्ग पर कई डिसमिल थी। कटघोरा की जनता पूछ रही है कि आखिर विधायक कंवर को यह अधिकार किसने दिया कि वे जनपद की जमीन को अपने करीबियों के नाम रजिस्ट्री करा दी, वह भी 25 करोड़ की जमीन को 25 लाख में। आचार संहिता के कारण पूर्व तहसीलदार श्री लहरे से संपर्क नहीं हो सका। आखिर यह कैसे हुआ।
तहसीलदार ने तब स्टे लगा दिया था
जब गुपचुप रूप से 25 करोड़ की जमीन को 25 लाख में रजिस्ट्री करायी गई और निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया तो पूर्व तहसीलदार के के लहरे ने स्टे लगा दिया था, लेकिन पॉवर का उपयोग कर कंवर ने इसे अपने करीबियों को दे ही दी।

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कोरबा

ईद-उल-अजहा (बकराईद) त्योहार के लिए बाकी मोगरा थाना में संपन्न हुई शांति समिति का बैठक

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संवाददाता साबीर अंसारी

कोरबा/बाकी मोगरा :– प्रदेश के आठ साथ पूरे भारत देश में कल दिनांक 07/09/25 दिन शनिवार को मनाई जाएगी ईद–उल–अजहा। मुस्लिम समाज के प्रमुख त्योहारो में से एक बकराईद (ईद–उल–अजहा) शुमार होता है, त्योहार को शांति पूर्ण और शांति व्यवस्था के लिए कोरबा जिले के बांकीमोंगरा थाना परिसर में शांति समिति की बैठक सम्पन्न की गई, बांकीमोंगरा थाना प्रभारी तेज कुमार यादव द्वारा मुस्लिम समाज के प्रमुखों की बैठक में बुलाकर बकरीद त्योहार को शांति, भाईचारे और सौहार्दपूर्ण तरिके से मनाने की अपील की गई।शाही मुमताज मस्जिद मदरसा जामे गौसिया कमेटी बांकीमोंगरा के पदाधिकारियों ने बकरीद त्योहार को शांति, भाईचारे और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने के लिए चर्चा करते हुए बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए समाज में बैठक भी किया जा चुका है, और बताया कि कल सुबह 08:00 बजे ईदगाह इंदिरानगर बाकी मोगरा में नमाज पढ़ी जाएगी जो लगभग 09:00 बजे तक नमाज का समापन हो जाएगा। बैठक में मुख्य रूप से शाही मुमताज मस्जिद मदरसा जामे गौसिया कमेटी बांकीमोंगरा के सदर – मेराज खान, खजांची – साबीर अंसारी, खुसूसी मेंबर मकसूद कुरैशी, फिरोज गांधी, मेराज कुरैशी,, और ईदगाह जामे गौसिया कमेटी के सचिव शेखू खान, पप्पू खान उपस्थित रहे ।

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रोजगार की मांग पर भूविस्थापित किसानों द्वारा खदान बंदी के बाद 3 महिला समेत 4 भू विस्थापित गिरफ्तार : माकपा और किसान सभा ने की निंदा, रिहा करने की मांग, दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी

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शनिवार को एसईसीएल के सीएमडी का फूंकेंगे पुतला

संवाददाता साबीर अंसारी

कोरबा:– छत्तीसगढ़ किसान सभा,माकपा और भू विस्थापित संगठनों ने कहा कि एसईसीएल में अपनी जमीन जाने के बाद लगातार रोजगार की मांग कर रहे भू विस्थापित किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन पर एसईसीएल और प्रशासन के दमनात्मक रवैये को स्वीकार नहीं किया जाएगा। कुसमुंडा खदान में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे सरिता कौशिक,गोमति केवट,मीना कंवर,लंबोदर श्याम को गिरफ्तार किया गया है उन्हे तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए शनिवार को एसईसीएल के दमनकारी सीएमडी हरीश दुहान का पुतला फूकने का एलान किया है।उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा खदान क्षेत्र के कई गांवों की जमीन को 1978 से लेकर 2004 के मध्य कोयला खनन के लिए अधिग्रहित किया गया है, लेकिन तब से अब तक विस्थापित ग्रामीणों को न रोजगार दिया गया है, न पुनर्वास। ऐसे प्रभावितों की संख्या 1000 से भी अधिक है और वे लंबे समय से रोजगार के लिए आंदोलनरत है, जबकि एसईसीएल प्रबंधन उन्हें रोजगार देने में आनाकानी कर रहा है। अप्रैल महीने में भी प्रशांत झा सहित 13 भू विस्थापितों के खिलाफ एसईसीएल प्रबंधन द्वारा दंगा फैलाने जैसे मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी।आंदोलनकारी रोजगार और पुनर्वास से जुड़े अपने अधिकारों के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे और दमन की किसी भी कार्यवाही से डरने वाले नहीं है। इसके पहले भी वे लाठी और जेल का सामना कर चुके हैं।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा ने इन गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए भू विस्थापितों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एसईसीएल और प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण ही विस्थापित बेरोजगारों का आंदोलन इतने चरम पर पहुंचा है, जिसे प्रबंधन उचित पहलकदमी करके टाल सकता था। उन्होंने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन ने समस्या को हल करने का कई बार वादा किया लेकिन इस दिशा में उसने कोई ठोस कार्य नहीं किया। माकपा नेता प्रशांत झा ने आरोप लगाया की जब से एसईसीएल के नए सीएमडी हरीश दुहान बैठे है तब से एसईसीएल आंदोलन को दबाने के लिए दमन की नीति पर काम कर रहा है।उसने पूरे कोल फील्ड में आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए है और आंदोलनकारियों को जेल भेज कर डराने की कोशिश कर रहे हैं।कुसमुंडा में कल आंदोलनकारी महिला की गिरफ्तारी इसी दमन की अगली कड़ी है। माकपा,किसान सभा और भू विस्थापित संगठन इसका जवाब आंदोलन को और तेज करके देगा।जल्द भू विस्थापितों को एकजुट कर बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी रोजगार और पुनर्वास के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, सुमेंद्र सिंह कंवर ने आंदोलन कर रहे भू विस्थापितों पर लादे गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने की मांग करते हुए उन्हों ने कहा कि भू विस्थापितों के शिनाख्ती के आधार पर फर्जी नियुक्तियां को रद्द कर वास्तविक और पात्र लोगों को रोजगार दिया जाए, अन्यथा पीड़ित को मुआवजा सहित उनकी जमीन वापस की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि भूविस्थापितों का शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा और एसईसीएल प्रबंधन को सभी भू विस्थापितों को रोजगार देना ही होगा।भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव,दामोदर श्याम,रघु यादव,जय कौशिक ने कहा कि भू विस्थापित अपने अधिकार की मांग कर रहे थे और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज कर आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहे हैं भू विस्थापित संगठन ने गिरफ्तार भू विस्थापितों को जल्द रिहा किया जाए नहीं तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा।एसईसीएल प्रबंधन के किसान विरोधी दमनात्मक रवैये के खिलाफ छत्तीसगढ़ किसान सभा ने पूरे कोल फील्ड में किसानों और भू विस्थापितों का संयुक्त आंदोलन खड़ा करने की घोषणा की है।उन्होंने कहा है कि अपने सामाजिक उत्तरदायित्यों का पालन करने के लिए एसईसीएल को आंदोलन के जरिए मजबूर किया जायेगा।

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कोरबा

बांगो बांध में पात्र मछुआरों को मिले आर्थिक कार्यों में अवसर : ज्योत्सना महंत

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0 वन अधिकार अधिनियम का मिले लाभ
0 मछुआरों की चौपाल में पहुंचीं कोरबा सांसद

कोरबा। जिले के हसदेव-बांगो बांध के नजदीक में बसे ग्राम बोड़ानाला मे हसदेव बांगो जलाशय मछुवारा संघ की चौपाल में पहुंची कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने मछुवारों और ग्रामीणों के हक और अधिकारो की आवाज़ बुलंद करने और उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उनके हक की इस लड़ाई में अंतिम तक साथ देने का वायदा किया है।


बोड़ा नाला में आयोजित चौपाल को संबोधित करते हुए सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है बांगो जलाशय में मछली पालन, मत्स्याखेट और मत्स्य विक्र य के लिए बुलाए गए टेंडर को निरस्त करने और वन अधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत पात्र मछुआरों को कार्य देने का अनुरोध किया है। सांसद ने कहा कि अधिनियम-2006 में स्पष्ट प्रावधान है कि वन भूमि पर स्थित जल क्षेत्र में मछली पालन, मत्स्याखेट और मछली विक्रय करने का अधिकार पात्र अजा वर्ग तथा अन्य वर्ग के वनवासियों को ही है। इस पर जरा भी कोई शंका हो तो वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 तथा धारा 4 का अवलोकन कर लेवें। सांसद ने कहा कि दिसंबर-2007 के पश्चात हसदेव बांगो जलाशय को मछली पालने आदि के लिए ठेके पर दिया जाना वन अधिकार अधिनियम के विरुद्ध है। शासन से मांग है कि मछुआरों को निर्बाध रूप से इस पर कार्य करने दिया जाए। बोड़ा नाला में आयोजित बड़ी संख्या में उपस्थित मछुवारों और वन वासियों की बैठक में सांसद ने कहा कि बुका, हसदेव बांगो जलाशय क्षेत्र की गरीब ग्रामीण जनता के अधिकारों का हनन असंवैधानिक है। कोरबा के दूरस्थ वनांचल ग्रामों के दौरे में पहुंची सांसद ने अनेक विकास कार्यों और ग्रामीणों की समस्याओं को नजदीक से जाना और आश्वस्त किया कि इसके लिए वे शासन और प्रशासन से पहल करेंगी। ग्राम में आयोजित चौपाल में सुपुत्र सूरज महंत,जिलाध्यक्ष मनोज सिंह चौहान, प्रदेश महामंत्री प्रशांत मिश्रा, संयुक्त महासचिव व साँसद प्रतिनिधि हरीश परसाई, वरिष्ट नेता डॉ.शेख इस्तियाक, साँसद प्रतिनिधि किरण चौरसिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।

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