कोरबा
11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सीएसईबी फुटबॉल ग्राउण्ड में सामूहिक योग प्रदर्शन कार्यक्रम का होगा आयोजन
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2 days agoon
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Divya Akash
कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
कोरबा । योगा संगम एवं हरित योग की थीम पर इस वर्ष 21 जून 2025 को जिले में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सामूहिक योग प्रदर्शन का जिला स्तरीय कार्यक्रम सीएसईबी फुटबॉल ग्राउण्ड में प्रातः 07 से 08 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
कलेक्टर अजीत वसंत ने कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न अधिकारियों को जिम्मेदारी तय करते हुए प्राप्त दायित्वों का कुशलता से निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं। इस कार्यक्रम हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम को नोडल अधिकारी एवं उप संचालक समाज कल्याण विभाग को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जिला स्तरीय कार्यक्रम के आयोजन हेतु मुख्य मंच, टेण्ट, गेट, कुर्सी, गद्दा, ध्वनि एवं साफ-सफाई, अतिथि स्वल्पाहार की व्यवस्था का दायित्व आयुक्त नगर निगम कोरबा को सौंपा गया है। इसी प्रकार पेयजल की व्यवस्था कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा की जाएगी। अतिथि आमंत्रण एवं आमंत्रण पत्र छपाई का दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला खेल अधिकारी को दी गई है। मंच संचालन एवं योग प्रशिक्षक की व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई है। सहभागियों की उपस्थिति जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कोरबा, समाज कल्याण विभाग, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, खेल विभाग, नेहरू युवा केंद्र, उप संचालक पंचायत, साक्षरता को दिया गया है। वाहन व्यवस्था दायित्व जिला परिवहन अधिकारी को सौंपा गया है। यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था व पुलिस लाइन के जवानों को जिला स्तरीय कार्यक्रम में योग हेतु उपस्थित कराने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक कोरबा को दी गई है।
वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी की व्यवस्था सहायक आयुक्त आबकारी कोरबा तथा पुष्प गुच्छ एवं पुष्पमाला की व्यवस्था सहायक संचालक उद्यानिकी द्वारा की जाएगी। प्रचार-प्रसार, मीडिया कव्हरेज का दायित्व उप संचालक जनसंपर्क विभाग को सौंपा गया है। कार्यक्रम में नर्सिंग/एएनएम छात्र-छात्राओं की उपस्थिति की जिम्मेदारी सीएमएचओ को, स्काउट गाइड एवं राजकीय गान की व्यवस्था, जिला मुख्यालय के स्कूली छात्र-छात्राओं की उपस्थिति सुनिश्चित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाएगी। फलैक्स एवं बेनर, दिव्यांगजनों को योग प्रदर्शन कराने, स्वयं सेवी संस्था को योग में भाग लेने, वृद्वाश्रम में योग, तृतीय लिंग समुदाय के व्यक्तियों की भी योग प्रदर्शन में उपस्थिति सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी उप संचालक समाज कल्याण विभाग व जिला आयुर्वेद अधिकारी को दिया गया है। प्रत्येक विकासखण्ड एवं सभी ग्राम पंचायतों में योग-प्रदर्शन अनिवार्य रूप से कराने हेतु सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सौंपा गया है। इसी प्रकार सभी नगरीय निकाय मुख्यालय में योग प्रदर्शन कराने एवं सभी सार्वजनिक उपक्रमों के मुख्यालयों पर भी अनिवार्य रूप से योग प्रदर्शन कराने हेतु सर्व सीएमओ नगरीय निकाय को दायित्व सौंपा गया है।
कार्यक्रम में होम गार्डस, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, सैनिक जवानों को योग प्रदर्शन कराने हेतु पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक, कमाण्डेण्ट व जिला सेनानी को, आश्रम एवं छात्रावास में योग प्रदर्शन कराने के लिए सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग, सभी सार्वजनिक उपक्रमों में योग प्रदर्शन कराना, जिला स्तरीय योग कार्यक्रम में सी.एस.ई.बी कर्मियों को भाग लेने हेतु प्रेरित किए जाने के लिए उप संचालक औद्योगिक सुरक्षा कोरबा, जिले के सभी आंगनबाड़ी केद्रों में योग अभ्यास तथा बाल गृहों में योग प्रदर्शन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों का योग प्रदर्शन कराना एवं जिला स्तरीय कार्यक्रम में उपस्थिति सुसुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सभी विभाग प्रमुखों को सौंपा गया है। जिले में आयुष एवं हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में पांच दिवसीय योग प्रदर्शन एवं जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभागियों हेतु टी- शर्ट व्यवस्था कराने का दायित्व जिला आयुर्वेद अधिकारी कोरबा को सौंपा गया है।
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कोरबा
आदिवासी कोरवा परिवार के तीन सदस्यों की जघन्य हत्या करने वाले आरोपियों की सजा उम्रकैद में बदली
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19 hours agoon
June 18, 2025By
Divya Akash
कोरबा/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सामुहिक कुकर्म और तीन हत्या के मामले में पांच दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने माना है कि यह केस समाज को झकझोरने वाला है। फिर भी तथ्यों और परिस्थितियों में आरोपियों को मृत्युदंड की कठोर सजा देना उचित नहीं है, क्योंकि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मामला नहीं है, जिसमें मृत्युदंड की कठोर सजा की पुष्टि की जानी चाहिए।
यह मामला जनवरी 2021 का है, जब कोरबा जिले में एक 16 साल की पहाड़ी कोरवा जाति की लड़की के साथ सामुहिक कुकर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। साथ ही उसके पिता और एक चार साल की बच्ची को भी बेरहमी से मार दिया गया था। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने और उनकी उम्र को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
दरअसल, कोरबा जिले के देवपहरी निवासी विशेष जनजाति समुदाय के परिवार के सदस्य सतरेंगा के संतराम मंझवार के मवेशियों को चराने का काम करता था। इसके एवज में 8000 रुपए सालाना और हर महीने 10 किलो चावल देने की बात कही थी। लेकिन, संतराम मंझवार ने साल भर से बकाया भुगतान नहीं किया और मवेशी चराने के लिए केवल 600 रुपए और प्रति माह केवल 10 किलो चावल दिया। बाकी पैसे मांगने पर संतराम मंझवार टालमटोल करता रहा।

हाईकोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना
पति और बच्चियों को ढूंढती रही पत्नी
धरमू की पत्नी ने पुलिस को बताया कि वो अपने पति और बच्ची के साथ मवेशी चराने का हिसाब-किताब करने संतराम के पास गई थी। इस दौरान कहा था कि हमारा पैसा दे दो फिर हम अपने घर चले जाएंगे, तब संतराम ने उसे 600 रुपए नकद, अनाज दे दिया। जिसके बाद धरमू अपने गांव जाने के लिए ग्राम सतरेंगा के बस स्टैंड निकल गया।
कुछ देर बाद संतराम अपने साथियों के साथ आया। सभी को बाइक से घर छोड़ने की बात कही। पत्नी को एक बाइक से आगे भेज दिया। उसके पति, नाबालिग बेटी और नातिन को रोक लिया। इसके बाद जब तीनों घर नहीं पहुंचे, तब धरमू की पत्नी तीनों की तलाश करते हुए संतराम के घर भी गई थी। लेकिन उनकी कोई जानकारी नहीं मिली। उसने थाने में शिकायत की। उसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
जंगल में मिली परिवार के तीन सदस्यों की लाश
इस घटना के दूसरे दिन 29 जनवरी 2021 को गढ़-उपोड़ा के कोराई जंगल में तीनों की हत्या कर दी गई थी। मृतकों में देवपहरी गांव के धरमू उर्फ झकड़ी राम (45), उनकी बेटी (16) और नातिन सतमति (4) शामिल थे। 30 जनवरी को जंगल में तीनों का शव मिला था।

कोर्ट से सजा सुनाने के बाद आरोपियों को ले जाती हुई पुलिस।
पिता के सामने लड़की से किया सामुहिक कुकर्म फिर तीनों को मार डाला
धरमू की पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस ने संदेहियों को पकड़कर पूछताछ की, तब पता चला कि आरोपी संतराम और अन्य साथियों ने मिलकर धरमू को अपने साथ ले गए। जहां रास्ते में आरोपियों ने रास्ते में शराब पी। इस दौरान उन्होंने धरमू को भी शराब पिलाई। आरोपियों ने पहले तय साजिश के तहत मिलकर वारदात अंजाम दिया। पिता धरमू के सामने उसकी बेटी से सामुहिक कुकर्म किया, जिसका उसने विरोध किया तो लाठी-डंडे से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी, जिसके बाद उसकी बेटी और चार साल की नातिन को भी मार डाला।
जिला न्यायालय ने सुनाई थी फांसी की सजा
जांच के बाद पुलिस ने सतरेंगा निवासी संतराम मंझवार (45), अनिल कुमार सारथी (20), आनंद दास (26), परदेशी दास (35) और जब्बार उर्फ विक्की (21) के साथ ही उमाशंकर यादव (22) को गैंगरेप और हत्या के केस में गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच पूरी कर सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया।
ट्रॉयल के बाद कोर्ट ने सभी को दोषी ठहराया। मामले की सुनवाई करते हुए जिला एवं अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो कोर्ट) की विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने अपने फैसले में कहा, मानवीय और निर्दयतापूर्वक किया गया कृत्य वीभत्स, पाशविक और कायरतापूर्ण है। वासना को पूरा करने के लिए निर्दोष और कमजोर लोगों की हत्या की गई, जिससे पूरे समाज की सामूहिक चेतना को आघात पहुंचा है। इसलिए, चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। जबकि, एक आरोपी उमाशंकर यादव को उम्रकैद की सजा दी।

कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट ने फांसी को आजीवन कारावास में बदला
फांसी की सजा की पुष्टि के लिए केस को हाईकोर्ट भेजा गया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि हालांकि, यह पूरे समाज को झकझोरने वाला है, फिर भी, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में, अपीलकर्ताओं की आयु को देखते हुए और विचारपूर्वक विचार करने पर, हमारा मानना है कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में मृत्युदंड की कठोर सजा उचित नहीं है।
यह ‘दुर्लभतम से दुर्लभतम मामला’ नहीं है, जिसमें मृत्युदंड की कठोर सजा की पुष्टि की जानी है। हमारे विचार में उम्रकैद की सजा पूरी तरह से पर्याप्त होगा और न्याय के उद्देश्यों को पूरा करेगा। जिस पर हाईकोर्ट ने मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। वहीं, आरोपी उमाशंकर यादव की उम्रकैद की सजा को यथावत रखते हुए उसकी अपील खारिज कर दी है।
कोरबा
गेवरा खदान में इलेक्ट्रिशियन की मौत:कोरबा के खदान में मेंटेनेंस के दौरान 6.6 केवी लाइन से करंट लगा, मुआवजे की मांग
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19 hours agoon
June 18, 2025By
Divya Akash
कोरबा ,एजेंसी। कोरबा में गेवरा खदान में बुधवार दोपहर एक इलेक्ट्रिशियन की करंट लगने से मौत हो गई। घटना दोपहर 3:30 से 4:00 बजे के बीच की है। पीक्यू सर्किट के बैकअप क्षेत्र में मेंटेनेंस कार्य के दौरान यह हादसा हुआ।
नागार्जुन कंपनी के इलेक्ट्रिशियन हीरा और उनके सहयोगी विवेक पटेल 6.6 केवी लाइन में आई स्पार्किंग की समस्या को ठीक करने पहुंचे थे। काम करते समय हीरा अचानक करंट की चपेट में आ गए। साथी कर्मचारी उन्हें तुरंत नेहरू शताब्दी चिकित्सालय ले गए। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दीपका थाना प्रभारी प्रेमचंद पटेल ने बताया कि पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद कर्मचारियों में आक्रोश है। वे खदान में सुरक्षा मानकों के पालन पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रशासन जल्द ही घटना की जांच के आदेश दे सकता है। कर्मचारी मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और सहायता की मांग कर रहे हैं।

कोरबा
बालको सेक्टर-5 में संचालित स्कूल में अव्यवस्थाओं का आलम
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19 hours agoon
June 18, 2025By
Divya Akash
व्यवस्था सुधारने नेता प्रतिपक्ष साहू ने कलेक्टर को लिखा पत्र
कोरबा/बालकोनगर। एक तरफ युक्तियुक्तकरण सम्पन्न हो चुका है और प्रदेश भर के स्कूलों में 16 जून से विद्यालय प्रारंभ भी हो गया है और शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया, लेकिन कई विद्यालयों में अव्यवस्था का आलम देखा गया। शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के बाद भी कई विद्यालयों में न तो साफ-सफाई दिखी और न ही बच्चों पेयजल की व्यवस्था।
ऐसा ही एक मामला बालको सेक्टर-5 में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला में देखने को मिला। अव्यवस्थाओं से घिरे इस विद्यालय का प्रवेशोत्सव में नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू भी पहुंचे थे, जहां अव्यवस्था देखकर काफी खिन्न हुए।



उन्होंने तत्काल 16 जून को ही कलेक्टर को पत्र लिखा और ज्ञापन सौंपकर विद्यालय की अव्यवस्था को सुधारने की मांग की। उन्होंने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि उक्त विद्यालय में 250 से अधिक बच्चें अध्यनरत हैं, जहां पर शासकीय योजना के तहत मध्यान्ह भोजन भी संचालित है, लेकिन वहां भोजन बनाने के लिए तथा बच्चों के पीने के लिए पानी तक नहीं हैं। आखिर स्कूल प्रबंधन अब तक क्या कर रहा है, जिसे विद्यालय के बच्चों की सुख-सुविधा की भी चिंता नही हैं, ऐसे में बच्चें कैसे पढ़ेंगे। पत्र में यह भी लिखा गया है कि विद्यालय में एक भृत्य भी नहीं हैं। खेलने का मैदान खेलने लायक भी नहीं बचा। श्री साहू ने कलेक्टर से निवेदन करते हुए कहा है कि आप स्वयं निरीक्षण करें और अव्यवस्थाओं को तत्काल सुधारने का निर्देश दें, ताकि बच्चे मन लगाकर पढ़ सकें।


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