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कोरबा

पीएम सूर्यघर योजना अब बनेगा हर घर का साथी, हर परिवार का सहारा

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’कोरबा की छतों से निकली सौर शक्ति, गूँज रहा है नया संदेश’

कोरबा। सूरज की पहली किरण जब धरती पर सुनहरी चादर बिछाती है, तो अब वह सिर्फ रोशनी नहीं लाती वह एक नई सोच, नई दिशा और नए आत्मविश्वास की किरण बनकर देश के घर-घर को रोशन कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाले ऐतिहासिक अभियान का रूप ले लिया है। वर्षों पहले जब बढ़ती बिजली मांग और पारंपरिक संसाधनों पर निर्भरता चिंता का कारण बन रही थी, तब एक सशक्त विचार ने जन्म लिया क्यों न हर नागरिक अपने घर की छत को ही ऊर्जा उत्पादन का केंद्र बना दे यही विचार आगे चलकर ‘प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना’ का रूप बना, जिसने “ऊर्जा उपभोक्ता से ऊर्जा उत्पादक” बनने का रास्ता आमजन के सामने खोला।
इस योजना का मूल उद्देश्य है हर घर में स्वच्छ, सस्ती और सतत ऊर्जा पहुँचाना। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा 3 किलोवाट तक सोलर रूफटॉप पैनल लगाने पर 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। इतना ही नहीं, 300 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले परिवारों को मुफ्त बिजली का सीधा लाभ मिल रहा है। इस पहल ने एक ओर जहाँ घरेलू खर्च में बड़ी बचत दी है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण और “ग्रीन एनर्जी मिशन” को भी नई गति प्रदान की है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में इस योजना ने गति और गहराई दोनों पाई हैं। राज्य सरकार ने इसे न केवल ऊर्जा बचत से जोड़ा है, बल्कि जनभागीदारी और ग्रामीण सशक्तिकरण के अभियान के रूप में आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए विशेष पहल की गई है। जिला प्रशासन से लेकर पंचायत स्तर तक इसे लोगों की पहुंच में लाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप कोरबा सहित पूरे प्रदेश में इस योजना का तेज़ और व्यापक अपनापन देखने को मिला है।
कोरबा जैसे औद्योगिक और ऊर्जा सम्पन्न जिले में यह योजना नई ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बन चुकी है। अब जहाँ पहले बिजली बिल की चिंता होती थी, वहीं आज परिवार सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली का उपयोग करते हुए अपनी बचत को विकास में बदल रहे हैं। कुछ परिवार तो अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं। इस योजना की सबसे बड़ी ताकत है जन-सहभागिता। केंद्र की नीति, राज्य की प्रतिबद्धता और जनता के उत्साह ने मिलकर छत्तीसगढ़ को “सौर ऊर्जा राज्य” बनाने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस सोच ने कि ऊर्जा का स्वावलंबन ही सच्चे विकास की पहचान है, पूरे राज्य में इस योजना को घर-घर तक पहुँचाया है। गलियों में जब सूरज ढलता है, तब भी छतों पर लगे सौर पैनल अपनी दमक से रात को भी उम्मीद की किरण देते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के संयुक्त नेतृत्व में “प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना” न केवल घरों को रोशन कर रही है, बल्कि जनजीवन, जनविश्वास और जनसशक्तिकरण की नई ऊर्जा यात्रा भी लिख रही है।
इसी ऊर्जा परिवर्तन की प्रेरक मिसाल हैं रंजीत कुमार कोरबा जिले के नकटीखार निवासी, जो एसईसीएल कुसमुंडा में डंपर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत हैं। मेहनतकश और परिवारनिष्ठ रंजीत पहले हर महीने आने वाले बिजली बिल से बच्चों की पढ़ाई और घरेलू खर्चों के बीच बिजली का बिल उनके बजट पर बोझ डालता था। एक दिन उन्हें प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की जानकारी मिली, और उन्होंने तुरंत आवेदन करने का निश्चय किया। उन्होंने अपने घर की छत पर सौर पैनल सिस्टम लगवाया, जिसके बाद उनके घर की ऊर्जा व्यवस्था पूरी तरह बदल गई। अब उनके घर की बत्तियाँ, पंखे और उपकरण उसी सूरज की रोशनी से चलते हैं जो हर दिन आकाश में चमकता है। पहले जहाँ बिजली बिल एक चिंता का कारण था, अब वह मात्र औपचारिकता बन चुका है। रंजीत कुमार का कहना है “अब हमारे घर में सूरज ही बिजली का मालिक है। न कोई बिल की चिंता, न रुकावट की परेशानी। बच्चों की पढ़ाई में रुकावट नहीं आती और घर का हर कोना उजाले से भरा रहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार, जिन्होंने यह योजना शुरू की, और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद, जिनके मार्गदर्शन में यह योजना हमारे जैसे परिवारों तक पहुँची।”


इसी प्रकार की दूसरी प्रेरक कहानी है कोरबा नगर के राजेंद्र प्रसाद नगर निवासी शुभेंदु घोष की एक सेवानिवृत्त कर्मचारी, प्रकृति प्रेमी और जागरूक नागरिक। श्री घोष ने सोशल मीडिया के माध्यम से जब इस योजना की जानकारी प्राप्त की, तो उन्होंने तुरंत इसे अपनाने का निश्चय किया। उन्होंने अपने घर की छत पर सौर पैनल लगवाया और सौर ऊर्जा से अपने घर की सम्पूर्ण बिजली जरूरतें पूरी करनी शुरू कीं। अब उनका बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है। वे कहते हैं “जब सूरज हमें इतनी मुफ्त और स्वच्छ ऊर्जा देता है, तो उसका सदुपयोग हमारी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना ने यह अवसर दिया है कि हम न केवल अपनी जरूरतें पूरी करें, बल्कि पर्यावरण के लिए भी योगदान दें।”श्री घोष न केवल स्वयं इस योजना से लाभान्वित हुए, बल्कि उन्होंने अपने आसपास के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक किया। उनकी प्रेरणा से कई अन्य परिवारों ने भी सौर पैनल लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। इस तरह वे अब “सूर्यघर दूत” की तरह काम कर रहे हैं जो ऊर्जा बचत के साथ-साथ पर्यावरण संवेदनशीलता का संदेश दे रहे हैं। इन दोनों कहानियों में एक समानता है दोनों ने सरकार की पहल पर भरोसा किया, बदलाव का निर्णय लिया, और आज परिणाम स्वयं बोल रहे हैं। रंजीत कुमार ने अपने परिवार को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया, वहीं शुभेंदु घोष ने समाज को प्रेरणा दी कि सूर्य की शक्ति सबके लिए पर्याप्त है, बस आवश्यकता है उसे अपनाने की।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना आज केवल एक सरकार की योजना नहीं, बल्कि हर घर की छत पर आशा का प्रतीक बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यह संयुक्त पहल न केवल बिजली उत्पादन का नया अध्याय है, बल्कि पर्यावरण-संवेदनशील, आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की दिशा में बढ़ता कदम है।

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कोरबा

कैदियों की सुविधों, स्वास्थ्य और विधिक सहायता की हुई गहन समीक्षा

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कोरबा। न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने एवं बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में जिला जेल कोरबा का सघन निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल में निरूद्ध कैदियों की स्थिति, उन्हें उपलब्ध करायी जा रही मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था। निरीक्षण के दौरान बोर्ड सदस्यों ने जेल परिसर के विभिन्न हिस्सों का बारीकी से अवलोकन किया। उसमें कौदियों के बैरक, रसोईघर, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वच्छता व्यवस्था तथा अन्य सामान्य उपयोग के स्थान शामिल रहे। अधिकारियों ने कौदियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उसी समस्याओं आवश्यकताओं एवं दैनिक दिनचर्या की जानकारी प्राप्त की। भोजन की गुणवत्ता, पोषण मानकों, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, दवाईयों एवं चिकित्सकों की उपस्थिति, शिक्षा कर्यक्रमों जैसी गतिविधियों का भी आकलन किया गया। जेल लीगल एड क्लीनिक की कार्यप्रणाली की भी जांच की गयी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को समय पर और सरल रूप से कानूनी सहायता प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा के अध्यक्षता में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि कैदियों के लिए स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थय परीक्षण एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित की जाए। वहींं निरीक्षण के दौरान 17 महिला एवं 189 पुरूष बंदी जेल में रहे। इस संयुक्त निरीक्षण में सुश्री मयुरा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कु. त्राप्ति कु. ग्रेसी – न्यायिक मजिस्टेट, प्रथम श्रेणी, ओमप्रकाश यादव- अपर कलेक्टर कोरबा, नीतिश िसह ठाकुर- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विजय लक्ष्मी- लोक निर्माण विभाग, सी.के. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,  तामेश्वर उपाध्याय- जिला शिक्षा अधिकारी,  दिपेश भारती रोजगार अधिकारी, विनय कुमार उद्योग अधिकारी, मुकेश कुमार वेलफेयर अधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक हरीश सक्सेना उपस्थित रहे।

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कोरबा

ईएमटी पद हेतु अनंतिम मेरिट सूची जारी

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दावा आपत्ति 31 दिसंबर तक आमंत्रित

कोरबा। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा के द्वारा जिला खनिज न्यास मद अंतर्गत 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस हेतु इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन ;ईएमटी के 14 पदों हेतु पात्र/अपात्र सूची प्रकाशन कर दिनांक 28.11.2025 को सायं पांच बजे तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी।
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोरबा से प्राप्त जानकारी अनुसार दावा आपत्ति निराकरण पश्चात् दावा अपत्ति निराकरण सूची एवं अंनंतिम मेरिट सूची कार्यालयीन सूचना पटल पर चस्पा तथा कोरबा जिले के शासकीय वेबसाईट www.korba.gov.in  मे सर्व संबंधितों के अवलोकनार्थ एवं दावा आपत्ति हेतु अपलोड़ कर दिया गया है। अनंतिम मेरिट सूची के समस्त कॉलमों का उम्मीद्वारों द्वारा सूक्ष्म अवलोकन कर दावा आपत्ति कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा में 31 दिसंबर 2025 समय 5ः00 बजे तक मय आवश्यक दस्तावेज सहित प्रस्तुत कर सकते हैं।

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कोरबा

26 दिसम्बर को मनाया जाएगा वीर बाल दिवस

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स्कूल कॉलेजों में  विद्यार्थियों को सम्मिलित कर विविध गतिविधियां होंगी आयोजित

कोरबा। भारत सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को दसवें सिक्ख गुरु गोविन्द सिंह  के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत को राष्ट्रीय दिवस घोषित करते हुए 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया है। उक्त शहादत दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर विद्यालयों/महाविद्यालयों में विविध गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए गए है। स्कूल -कॉलेज  के विद्यार्थियों को सम्मिलित करते हुए बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह के  शहादत की स्मृति में भाषण प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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