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कोरबा

भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म कर दिया – जिला कांग्रेस

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जिला कांग्रेस अध्यक्षद्वय सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल एवं सपना चौहान ने लगाया आरोप

कोरबा। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल एवं शहर अध्यक्ष श्रीमती सपना चौहान ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा है कि भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी आरक्षण को लगभग खत्म कर दिया है, जिसके कारण ओबीसी वर्ग से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अपने अधिकार का हनन समझ रहे है, जबकि प्रदेश में ओबीसी वर्ग की बहुतायत है।
जिला कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों में किये गये दुर्भावना पूर्वक संसोधन के चलते अधिकांश जिला एवं जनपद पंचायतों में आरक्षण खत्म हो गया है। प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटे अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीवारों के लिए आरक्षित थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है, जिसके कारण ओबीसी वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं और अपने अधिकारों का हनन समझ रहे हैं।
मैदानी क्षेत्रों में अनेक पंचायते ऐसी है, जहां पर 90 से 99 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है लेकिन वहां पर भी ओबीसी के लिए सरपंच का पद आरक्षित नहीं है। पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में काफी कम है। पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिलें और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित था, अब वे सामान्य सीटें घोषित हो चुकी हैं।
बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। सरगुजा संभाग के पांच जिलें अंबिकापुर, बलरामपुर, सुरजपुर, कोरिया-महेन्द्रगढ़-चिरमिरी, भरतपुर-सोनहत, बस्तर के 7 जिलें-बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर-मोहला, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और कोरबा जिलें में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है।
सरकार द्वारा स्थानीय नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है, उसका परिणाम सामने है। इस सरकार ने ओबीसी वर्ग के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती की है। रायपुर जिला पंचायत में 16 में से केवल 4 सीट ही ओबीसी के लिए आरक्षित है, उसी तरह बिलासपुर जिलें में 17 में से केवल 1 क्षेत्र ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ओबीसी पुरूष के लिए 17 में से 1 भी सीट आरक्षित नही है, उसी तरह 4 जनपद पंचायतों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, 1 अनारक्षित महिला और 1 जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। यहां एक भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित नही है जिसके कारण प्रदेश के ओबीसी वर्ग चुनाव लड़ने से वंचित हो गया है और साय सरकार ने ओबीसी वर्ग हो चुनाव लड़ने से षडयंत्र पूर्वक रोक दिया है और यह सरकार ओबीसी विरोधी बन गयी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है।

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कोरबा

कोरबा में पहली बार पेसमेकर ट्रांसप्लांट, एक ही दिन 4 एंजियोप्लास्टी भी

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एनकेएच का कैथलैब हृदयरोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रहा

कोरबा। शहर के सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल एनकेएच में कैथलैब की सुविधा प्रारंभ होने से हृदय रोगियों को राहत मिलने के साथ जीवन की रक्षा हो रही है। एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी का समय पर लाभ संबंधितों को प्राप्त हो रहा है। इसी कड़ी में एक बड़ी उपलब्धि के साथ जिले का पहला सफल पेसमेकर ट्रांसप्लांट भी किया गया जिससे मरीज को नई जिंदगी मिली। एक ही दिन में 4 सफल एंजियोप्लास्टी भी की गई।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश सूर्यवंशी व टीम के द्वारा सर्जरी की गई तथा 20 से ज्यादा मरीजों को कॉर्डियक ओपीडी में देखा गया। प्रारंभ से लेकर अभी तक 100 से ज्यादा मरीज का एंजियोप्लास्टी कोरबा में हो चुका है व लगभग 1000 से ज्यादा मरीज हृदय रोग का इलाज भी करा चुके हैं। एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस चंदानी ने कहा है कि यह सुविधा मिलने से कोरबा जिलावासियों को काफी राहत मिल रही है। अस्पताल में रायपुर के सुपर स्पेशलिस्ट व ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ.सतीश सूर्यवंशी, डॉ.एस. एस. मोहंती, डॉ भरत अग्रवाल अपनी सेवाएं निरंतर दे रहे हैं। नियमित रूप से एंजियोप्लास्टी एवं एंजियोग्राफी की सुविधा एन के एच में दी जा रही है। जिससे लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

क्या है पेसमेकर प्रत्यारोपण

स्थायी पेसमेकर प्रत्यारोपण (Permanent Pacemaker Implantation) एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उपयोग असामान्य हृदय गति (अरिदमिया) के इलाज के लिए किया जाता है, जैसे कि ब्रैडीकार्डिया (धीमी हृदय गति)। पेसमेकर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे छाती में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह हृदय की गति को नियमित करने के लिए विद्युत आवेग भेजता है।
0 कब आवश्यक होता है पेसमेकर?

  1. ब्रैडीकार्डिया: जब हृदय की गति सामान्य से धीमी हो।
  2. पूर्ण हृदय अवरोध: जब हृदय की विद्युत प्रणाली बाधित हो।
  3. हृदय विफलता : जब विद्युत गड़बड़ी के कारण हृदय सही तरीके से काम नहीं करता।
  4. सर्जरी के बाद अरिदमिया: हृदय सर्जरी के बाद अनियमित धड़कन।
  5. जन्मजात या अर्जित हृदय ब्लॉक: हृदय में विद्यमान रुकावट।
    0 पेसमेकर ट्रांसप्लांट के बाद सावधानियां और देखभाल
  6. नियमित जांच और पेसमेकर का फॉलो-अप।
  7. भारी उपकरणों या चुंबकीय क्षेत्र से बचाव।
  8. लक्षण जैसे चक्कर आना या बेहोशी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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कोरबा

नगर निगम व पंचायत चुनाव में विधर्मियों को प्रत्याशी न बनाए जाने हेतु नवनियुक्त भाजपा अध्यक्ष मनोज शर्मा को ज्ञापन सौंपा

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कोरबा।विश्व हिंदू परिषद,धर्मसेना, हिन्दू जागरण मंच, धर्मजागरण, आदित्य वाहिनी के तत्वावधान में संयुक्त ज्ञापन म उल्लेख किया गया कि कोरबा जिला,जो अपनी सांस्कृतिक विरासत और शांति प्रिय परंपराओं के लिए जाना जाता है, आज कुछ विधर्मियों की गतिविधियों के कारण अशांति और असुरक्षा का अनुभव कर रहा है।
धर्मांतरण, गौ-तस्करी, लैंड जिहाद, और लव जिहाद जैसी गतिविधियों ने इस जिले के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया है।
इतिहास साक्षी है कि जब भी कुछ धर्म विशेष ने बहुसंख्यक समाज को कुचलने के प्रयास किए हैं, तब समाज में असंतोष और विघटन बढ़ा है। पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि हिंदू समाज को कमजोर करने वाले कार्य लंबे समय तक किसी भी क्षेत्र के लिए हानिकारक होते हैं।ऐसी परिस्थिति में, हमारा आपसे आग्रह है कि आगामी नगर निगम और पंचायत चुनावों में किसी भी विधर्मी व्यक्ति को प्रत्याशी न बनाया जाए। यह निर्णय हिंदू समाज के विश्वास और सहयोग को बनाए रखने में सहायक होगा। यदि इस आग्रह की अनदेखी की जाती है, तो हिंदू संगठन और समाज इस निर्णय का सामूहिक विरोध करेंगे और ऐसे प्रत्याशी के विरुद्ध व्यापक आंदोलन करेंगे।
यह ज्ञापन किसी भी राजनीतिक प्रेरणा से नहीं, बल्कि हिंदू समाज और उसकी भलाई के हित में लिखा गया है। हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप हमारे आग्रह को गंभीरता से लेंगे और ऐसा निर्णय करेंगे जो क्षेत्र की सामाजिक एकता और शांति को बनाए रखने में सहायक हो।

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कोरबा

जहाँ तक जाती है नजर…वहाँ आँखे जाती है ठहर…

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बाँगो मिनीमाता जलाशय ..सिर्फ पहचान ही नहीं छत्तीसगढ़ की शान है..

प्रकृति की गोद में जलमग्न दृश्यों को निहारने खींचे चले आते हैं पर्यटक

खेतो को सिंचित ही नहीं करती किसानों को समृद्ध भी बनाती है मिनीमाता हसदेव बाँगो जलाशय

कोरबा । यह बाँगो जलाशय है…जिसका अधिकृत नाम अविभाजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता के नाम पर मिनीमाता हसदेव बाँगो परियोजना है..। प्रकृति के सुरम्य  वातावरण के बीच कई ऊंचे पर्वतों के आसपास जलमग्न इस नजारों को देखने यहाँ हर पर्यटकों की आँखों की पलके तब तक नहीं झपकती जब तक वह इस नयनाभिराम नजारों को अंतिम छोर तक नहीं देख लेता, हालांकि दूर-दूर तक कई किलोमीटर में फैला यह जलमग्न दृश्य हर किसी के आँखों में पूरी तरह से कैद नहीं हो पाता…क्योंकि उनकी नजरें जहाँ तक जा पाती है…पानी के ठहराव के बीच देखने वालों की आँखे भी वहीं तक ही ठहर जाती है। कोरबा जिले की पहचान और छत्तीसगढ़ की शान मिनीमाता हसदेव बाँगो जलाशय देखने वालों को रोमांचित ही नहीं करती..उन्हें अचंभित भी कर देती है। यहाँ आना और इन नजारों को करीब से देख पाना किसी सौभाग्य से कम नहीं, क्योंकि यह खूबसूरती की ही नहीं… लाखो लोगो की प्यास बुझाने के साथ किसानों के खेतो को हरा-भरा बनाकर उनके समृद्धि की भी पहचान है..।
कोरबा शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत मिनीमाता बाँगो जलाशय छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे बड़ा जलाशय की पहचान रखता है। जल संसाधन विभाग के मिनीमाता ( हसदेव ) बांगो परियोजना अंतर्गत कोरबा जिले में स्थित मिनीमाता बांगो बांध का निर्माण कार्य वर्ष 1992 में पूर्ण हुआ। यह बांध प्रदेश का सबसे अधिक जल भराव क्षमता एवं सबसे ऊँचा बांध है, इस बांध की जल भराव क्षमता 2894.33 मिलियन क्यूबिक मीटर (लाइव स्टोरेज) एवं 3264.33 मिलियन क्यूबिक मीटर (ग्रास स्टोरेज) है साथ ही बांध का डूबान क्षेत्र 185 स्क्वॉयर किलोमीटर है, इस बांध की ऊंचाई नदी के तल से 73 मीटर एवं फाउंडेशन लेवल से 87 मीटर है। यह बांध तीन महत्वपूर्ण हिस्सों में बना है जो कि 1. रॉक फिल बांध 2. मेसनरी बांध 3. मिटटी बांध है, जिसमे से रॉक फिल बांध 177मीटर, मेसनरी बांध 554.5 मीटर एवं मिटटी बांध 1778 मीटर है। मिनीमाता बांगो बांध की कुल लम्बाई 2509.5 मीटर है। इस परियोजना में 6730 वर्ग किमी जलग्रहण क्षेत्र, बांध का उच्चतम स्तर 366 मीटर, अधिकतम जलाशय स्तर 363.08 मीटर, पूर्ण जलाशय स्तर 359.66 मीटर है।  वर्तमान में बांध की सुरक्षा के लिए विभिन्न जटिल कार्यों को सम्बद्ध किया गया है। यहां बांध के सुरक्षा के लिए जवान लगातार तैनात है और सीसीटीवी से भी निगरानी रखी जा रही है। इस बांध और आसपास के सुंदर नजारों को निहारने के लिए कोरबा जिला ही नहीं अन्य जिले के लोग भी निरन्तर यहां आते हैं। कोरिया जिले के परमानंद दास, सुशीला सिंह, माया सिंह ने बांगो बांध का नाम सुना था। उन्हें इस बांध को करीब से देखने की इच्छा थी। यहां आकर जब बांध को देखा तो उन्हें दूर-दूर तक पानी का ऐसा नजारा दिखा जैसे कोई नीला आकाश है। उन्होंने बताया कि वाकई में बांगो बांध को करीब से देख लेना सौभाग्य की बात है। हम लोग कब से योजना बना रहे थे, आज यहां आकर नदी- पहाड़ सब को पास से देखा।

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