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कोरबा

मानदेय शिक्षकों ने भी सम्हाली है कमान, स्कूलों में पढ़ाई हो गई है आसान

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डीएमएफ से 118 लेक्चचर, 109 शिक्षक और 243 सहायक शिक्षकों की हुई नियुक्ति
कोरबा । शहर से लगभग अस्सी किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पचरा का हाई स्कूल हो या शहर से 90 किलोमीटर दूर कोरबा ब्लॉक का ग्राम श्यांग में संचालित हायर सकेण्डरी विद्यालय या फिर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम कटमोरगा में संचालित प्राथमिक शाला। अंतिमछोर वाले गांवों के इन सभी विद्यालयों में अब न तो शिक्षक की कमी है न ही विद्यार्थियों की कमी है। कुछ साल पहले तक अपने विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर विद्यार्थी परेशान थे। स्कूलों में विषय से संबधित शिक्षक नहीं होने या फिर एकमात्र शिक्षक होने और कभी-कभी उनके अवकाश में रहने से अध्यापन ठप होने जाने की शिकायत पालकों की भी रहती थी। कई बार शिक्षकों की कमी को लेकर प्रदर्शन तक भी होते रहते थे। शिक्षकों की कमी का सबसे ज्यादा खामियाजा विद्यार्थियों को ही भुगतना पड़ता था। समय पर पाठयक्रम पूरे नहीं होते थे तो उन्हें विषय का ज्ञान भी नहीं मिल पाता था। कई बार तो शिक्षकों की कमी को देखते हुए कुछ विद्यार्थी अपने आसपास के विद्यालयों से दूर जाकर अन्य विद्यालय तक में पढ़ाई करते थे। वहीं शिक्षक नहीं होने पर सीमित संख्या में उपलब्ध शिक्षकों के कंधे पर भी अन्य विषयों का अध्यापन कराने की मजबूरी आ जाती थी। कुछ इन्हीं समस्याओं को ध्यान रखकर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए नवाचारी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए जिले में बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जा रहा है। जिले में सैकड़ों ऐसे विद्यालय थे, जहां शिक्षकों की कमी थीं, उन विद्यालयों में विषय से संबंधित लेक्चचर, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। युक्ति युक्तकरण की प्रक्रिया से जिले के दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों को एक ओर जहां शिक्षक मिल गए, वहीं इस प्रक्रिया के बाद भी शिक्षकों की कमी व आवश्यकता वाले स्कूलों में जिला प्रशासन की पहल ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर कर दी। अब शिक्षक नियुक्त हो जाने से विद्यालयों में अध्यापन व्यवस्था पहले से बेहतर हो गई है।
  जिले में संचालित ऐसे विद्यालय जहाँ युक्ति युक्तकरण के पश्चात भी शिक्षको की कमी रह गई थीं, उन विद्यालयों की सूची तैयार कर जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ से मानदेय के आधार पर नियुक्ति प्रदान की गई है। इस पहल के बाद पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के शासकीय हाई स्कूल पचरा में अब कोई सब्जेक्ट का पीयरेड खाली नहीं जाता। दूरस्थ क्षेत्र से स्कूल आने वाले हर विद्यार्थियों को शिक्षको से अध्यापन व विषय ज्ञान मिलता है। मानदेय शिक्षको की नियुक्ति से जहाँ विद्यार्थियों को शिक्षक मिल गए वहीं गाँव के आसपास रहने वाले बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साथ अध्यापन का अवसर भी मिल गया है। पचरा के हाई स्कूल में मानदेय शिक्षक के रुप में अध्यापन कराने वाली शिक्षिका अभिलाषा सिंह तंवर और लक्ष्मी कुमारी ने बताया कि मास्टर डिग्री लेने के बाद उन्होंने बीएड किया ताकि स्कूल में पढ़ाई करा सके। जिले में मानदेय शिक्षक की भर्ती होने पर उन्होंने आवेदन किया था अब वे स्कूल में पढ़ाती है। उन्होंने बताया कि मानदेय शिक्षक के रूप में स्कूल में अवसर मिलना उनके लिए सौभाग्य का विषय है। मानदेय मिलने से घर का खर्च चलाने में सहूलियत होने लगी है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को भी खुशी होती है कि उनका कोई भी विषय खाली नहीं जाता। इस विद्यालय में कक्षा नवमीं में 48 और कक्षा 10वीं में 25 विद्यार्थी है। विद्यालय में गणित, अंग्रेजी और विज्ञान के शिक्षक है। मानदेय शिक्षिकाओं द्वारा हिंदी, सामाजिक विज्ञान और अन्य विषयों की पढ़ाई कराई जाती है। विद्यालय में अध्ययन करने वाली छात्राओं विद्या, मानमती, सुहानी यादव ने बताया कि पहले विद्यालय में कम शिक्षक थे। अब नए शिक्षको के आने से सभी विषयों की पढ़ाई होती है।

इसी क्रम में पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम कटमोरगा में संचालित प्राथमिक शाला में भी शिक्षक की कमी बनी हुई थी। यहां मानदेय के आधार पर श्रीमती विमला महंत की नियुक्ति हुई है। कुल 43 दर्ज संख्या वाले इस विद्यालय में मानदेय से शिक्षक उपलब्ध हो जाने से दूरस्थ गांव के विद्यार्थियों की पढ़ाई आसान हो गई है। मानदेय पर कार्य करने वाली शिक्षिका ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि वह विद्यार्थियों को पढ़ाये, मानदेय के आधार पर उनका चयन हो जाने से उनकी इच्छा भी पूरी हो गई और रोजगार मिलने से उन्हें राहत भी मिल रही है। विद्यालय की प्रधान पाठिका पुष्पा यादव ने बताया कि मानदेय से शिक्षक मिल जाने से उन्हें भी बहुत राहत मिली है। श्यांग के हायर सेकण्डरी विद्यालय में मानदेय से नियुक्त शिक्षिका शहनाज परवीन ने बताया कि वह बच्चों को हिन्दी पढ़ाती है। शहर जाकर काम करना चुनौती है ऐसे में गांव के स्कूल में ही रोजगार मिलने से उन्हें बहुत खुशी महसूस होती है। विद्यालय के विद्यार्थियों उदय, सुमन, जितेन्द्र ,प्रेमा, विमल सहित अन्य का कहना है कि अब विद्यालय में सभी विषयों की पढ़ाई होती है।  
रिक्त पदो के विरूद्ध शिक्षकों की नियुक्ति हो जाने से विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलने लगा है। उनका समय पर पाठयक्रम पूरा हो रहा है वहीं विषय ज्ञान का स्तर भी सुधरने लगा है। एकल शिक्षकीय विद्यालयों में भी शिक्षकों को राहत मिली है। अभिभावक भी इस व्यवस्था से संतुष्ट है। खास बात यह भी है कि शिक्षकों की नियुक्ति में जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार पहाड़ी कोरवा, बिरहोर समाज को भी वरीयता दी गई है। उन्हें भी उनकी योग्यता के आधार पर जिले के अनेक विद्यालयों में शिक्षक सहित भृत्य एवं अन्य पदों पर रखा गया है, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर समाज की मुख्यधारा में आ सकें।

शिक्षक नहीं होनी की आती रहती थी शिकायत, अब दूर हुई
    जिले में शिक्षा व्यवस्था को पहले से और बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। जिले में 17 सौ से अधिक विद्यालय है। हायर सेकेण्डरी, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला विद्यालय में शिक्षकों की कमी की शिकायत लगातार कलेक्टर के पास आती रहती थी। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशन में और जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से सभी विद्यालयों की जानकारी जुटाकर शिक्षकों की कमी को दूर करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। हायर सेकेएडरी स्कूलों में विषय शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मंगाए गए और निर्धारित अहर्ता पूरी करने वाले उम्मीदवारों का चयन किया गया। गत वर्ष हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कुल 118 लेक्चचर की नियुक्ति की गई। इसी तरह माध्यमिक शाला में 96 शिक्षकों और प्राथमिक शाला में 263 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की गई। कुल 477 शिक्षकों की नियुक्ति जिले में की गई थी। इस सत्र में भी शिक्षकों की कमी को देखते हुए कलेक्टर ने मानदेय के आधार पर डीएमएफ से कुल 470 शिक्षकों की नियुक्ति की है। जिसमें  हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कुल 118 लेक्चचर, माध्यमिक शाला में 109  शिक्षकों और प्राथमिक शाला में 243 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।

भृत्यों की भी की गई है नियुक्ति

जिले के हायर सेकेण्डरी, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला विद्यालय में लेक्चचर, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति तो की ही गई है। इसके साथ ही विद्यालयों में 310 भृत्य भी नियुक्त किए गए।
मिल रहा बढ़ा हुआ मानदेय

डीएमएफ से की जा रही भर्ती में अतिथि शिक्षकों को इस सत्र में गत वर्ष की तुलना में बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है। इस सत्र में भृत्य को 8500, प्राइमरी स्कूल के अतिथि शिक्षकों को 11 हजार, मिडिल स्कूल के अतिथि शिक्षकों को 13 हजार और हाई-हायर सेकेण्डरी के अतिथि व्याख्याताओं को 15 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय मिल रहा है। विगत वर्ष भृत्य को 8000, प्राइमरी स्कूल के अतिथि शिक्षकों को 10 हजार, मिडिल स्कूल के अतिथि शिक्षकों को 12 हजार और हाई-हायर सेकेण्डरी के अतिथि व्याख्याताओं को 14 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया गया था।

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कोरबा

पूर्व मंत्री अग्रवाल ने दी कोरबा सहित प्रदेशवासियों को क्रिसमस की बधाई

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कोरबा। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने 25 दिसम्बर गुरूवार को क्रिसमस डे के मौके पर कोरबा सहित प्रदेशवासियों को प्रभु ईसा मसीह जयंती पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि प्रभु यीशु मसीह ने समाज को प्रेम, करूणा, क्षमा एवं समानता का संदेश दिया है। उन्हो´ने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने एवं आपसी भाईचारा के साथ रहने की सीख दी है। प्रभु यीशु के संदेश हमेशा समाज के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय रहेंगे। 

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कोरबा

तान नदी पुल के आकस्मिक मरम्मत कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी

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4.76 करोड़ की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की होगी संरचनात्मक मरम्मत

कोरबा। राष्ट्रीय राजमार्ग-130 के कटघोरा-शिवनगर खंड के अंतर्गत गुरसियाँ में स्थित तान नदी पुल के मरम्मत एवं रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लगभग चार करोड़ 76 लाख रुपए की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की संरचनात्मक मरम्मत की जाएगी। पुल पर पूर्ण क्षमता के साथ शीघ्र यातायात सुचारु करने के लिए मरम्मत के कार्य को दो महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए तत्परता से सड़कों और पुलों की मरम्मत सुनिश्चित की जा रही है। तान नदी पुल की स्थिति और यातायात के दबाव को देखते हुए इसे आकस्मिक मरम्मत एवं रखरखाव (Emergent Work) की श्रेणी में रखा गया था। इसके लिए प्राप्त निविदाओं को आज खोल दिया गया है। तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद जल्दी ही चयनित एजेंसी को कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।

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कोरबा

कोरबा के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद:धर्मांतरण के विरोध में हिंदू संगठनों ने दुकानदारों से मांगा समर्थन, छत्तीसगढ़ बंद का दिखा असर

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कोरबा। कोरबा में धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए बंद के आह्वान पर शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद रहीं। निहारिका घंटाघर, सुभाष चौक, कोसाबाड़ी और टीपी नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराईं। सुबह खुली कई दुकानों को निवेदन कर बंद कराया गया।

यह बंद कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्व समाज के आह्वान पर बुलाया गया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।

सक्रिय दिखा हिंदू संगठन

कोरबा में हिंदू संगठन से जुड़े महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में खुली दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई।

विभिन्न हिंदू संगठन अलग-अलग गुटों में काम कर रहे थे। एक गुट सीतामढ़ी से कोरबा शहर तक दुकानें बंद करा रहा था, जबकि दूसरा निहारिका घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक सक्रिय था।

छत्तीसगढ़ बंद का कोरबा में भी समर्थन

हिंदू संगठन से जुड़े अजय विश्वकर्मा ने बताया कि बस्तर में ईसाई समुदाय और हिंदू आदिवासियों के बीच हुआ विवाद एक दुखद घटना है। उन्होंने आदिवासी भाइयों पर हुए हमले को गलत बताया। इसी के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है, जिसका कोरबा में भी समर्थन किया जा रहा है।

विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि कोरबा में भी धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। रूमगड़ा, कटघोरा, करतला क्षेत्रों के अलावा कोरबा शहर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिससे कई बार विवाद की स्थिति बनी है। पुलिस ने ऐसे मामलों में कई बार केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रलोभन और झूठ बोलकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे कोरबा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

सर्व हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन के तहत, खुले दुकानदारों से पूछा जा रहा था कि क्या वे धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं। उनसे कहा गया कि यदि वे समर्थन नहीं करते, तो अपनी दुकानें बंद रखें।

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