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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी:साय कैबिनेट का फैसला, ₹3100 रेट, 21 क्विंटल प्रति एकड़ सीमा, 6-7 दिन में होगा भुगतान

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रायपुर,एजेंसी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को महानदी भवन में कैबिनेट बैठक हुई। मीटिंग में धान खरीदी को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस बार 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी की जाएगी। राज्य के 25 लाख से ज्यादा किसानों से 3100 प्रति क्विंटल की दर से खरीदी होगी।

किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान की खरीदी की जाएगी। खरीदी में पारदर्शिता और समय पर भुगतान तय करने के लिए किसानों को उनकी राशि 6 से 7 दिनों के अंदर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक हुई।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक हुई।

इससे पहले, 2024-25 में 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। राज्य में कुल 25.49 लाख से ज्यादा किसानों ने धान बेचा था। जिसके लिए 31 हजार 89 करोड़ का भुगतान हुआ। इस बार प्रदेश में 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की संभावना जताई जा रही है।

30 सितंबर को साय कैबिनेट के लिए गए फैसले

इससे पहले 30 सितंबर मंगलवार को साय कैबिनेट की मीटिंग हुई थी। बैठक में 3 प्रमुख फैसले लिए गए थे। दिव्यांगजन के कल्याण के लिए 24.50 करोड़ रुपए की बकाया राशि एकमुश्त चुकाने का निर्णय लिया गया। 100 स्पेशल एजुकेटर की भर्ती करने का फैसला भी लिया गया था।

साथ ही शासकीय सेवकों को आकस्मिक वित्तीय जरूरत पर वेतन के विरुद्ध अल्पावधि ऋण उपलब्ध करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। वहीं इस बैठक में अमिताभ जैन को विदाई और नवनियुक्ति मुख्य सचिव का स्वागत किया गया। साथ ही उन्होंने पदभार ग्रहण किया था।

इससे पहले 30 सितंबर को साय कैबिनेट की मीटिंग हुई थी।

इससे पहले 30 सितंबर को साय कैबिनेट की मीटिंग हुई थी।

शासकीय सेवकों को अल्पावधि ऋण सुविधा

सरकारी कर्मचारियों की अचानक आने वाली वित्तीय जरूरतों को देखते हुए उन्हें वेतन के विरुद्ध अल्पकालिक ऋण देने का फैसला लिया गया। यह ऋण बैंकों या वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से दिया जाएगा। वित्त विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया। पात्र बैंक/संस्थाओं से एमओयू (समझौता पत्र) करने का प्रारूप भी मंजूर किया गया।

दिव्यांगजनों के हित में बड़ा फैसला

राज्य सरकार ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त-विकास निगम (NDFDC) की 24.50 करोड़ रुपए की बकाया ऋण राशि एकमुश्त चुकाने का निर्णय लिया गया। यह राशि NDFDC की ओर से राज्य के दिव्यांगों को 3% ब्याज दर पर शिक्षा और स्वरोजगार के लिए दिए गए ऋण से संबंधित है।

स्पेशल एजुकेटर्स की सीधी भर्ती में नियमों में छूट

स्कूल शिक्षा विभाग में 100 स्पेशल एजुकेटर की सीधी भर्ती के लिए नियमों में एक बार के लिए छूट दी गई। भर्ती नियम-2019 को शिथिल करते हुए, चयन परीक्षा के बजाय मेरिट के आधार पर भर्ती की अनुमति दी गई। यह फैसला दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया।

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कोरबा

पूर्व मंत्री अग्रवाल ने दी कोरबा सहित प्रदेशवासियों को क्रिसमस की बधाई

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कोरबा। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने 25 दिसम्बर गुरूवार को क्रिसमस डे के मौके पर कोरबा सहित प्रदेशवासियों को प्रभु ईसा मसीह जयंती पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि प्रभु यीशु मसीह ने समाज को प्रेम, करूणा, क्षमा एवं समानता का संदेश दिया है। उन्हो´ने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने एवं आपसी भाईचारा के साथ रहने की सीख दी है। प्रभु यीशु के संदेश हमेशा समाज के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय रहेंगे। 

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कोरबा

तान नदी पुल के आकस्मिक मरम्मत कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी

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4.76 करोड़ की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की होगी संरचनात्मक मरम्मत

कोरबा। राष्ट्रीय राजमार्ग-130 के कटघोरा-शिवनगर खंड के अंतर्गत गुरसियाँ में स्थित तान नदी पुल के मरम्मत एवं रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लगभग चार करोड़ 76 लाख रुपए की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की संरचनात्मक मरम्मत की जाएगी। पुल पर पूर्ण क्षमता के साथ शीघ्र यातायात सुचारु करने के लिए मरम्मत के कार्य को दो महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए तत्परता से सड़कों और पुलों की मरम्मत सुनिश्चित की जा रही है। तान नदी पुल की स्थिति और यातायात के दबाव को देखते हुए इसे आकस्मिक मरम्मत एवं रखरखाव (Emergent Work) की श्रेणी में रखा गया था। इसके लिए प्राप्त निविदाओं को आज खोल दिया गया है। तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद जल्दी ही चयनित एजेंसी को कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।

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कोरबा

कोरबा के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद:धर्मांतरण के विरोध में हिंदू संगठनों ने दुकानदारों से मांगा समर्थन, छत्तीसगढ़ बंद का दिखा असर

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कोरबा। कोरबा में धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए बंद के आह्वान पर शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद रहीं। निहारिका घंटाघर, सुभाष चौक, कोसाबाड़ी और टीपी नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराईं। सुबह खुली कई दुकानों को निवेदन कर बंद कराया गया।

यह बंद कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्व समाज के आह्वान पर बुलाया गया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।

सक्रिय दिखा हिंदू संगठन

कोरबा में हिंदू संगठन से जुड़े महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में खुली दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई।

विभिन्न हिंदू संगठन अलग-अलग गुटों में काम कर रहे थे। एक गुट सीतामढ़ी से कोरबा शहर तक दुकानें बंद करा रहा था, जबकि दूसरा निहारिका घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक सक्रिय था।

छत्तीसगढ़ बंद का कोरबा में भी समर्थन

हिंदू संगठन से जुड़े अजय विश्वकर्मा ने बताया कि बस्तर में ईसाई समुदाय और हिंदू आदिवासियों के बीच हुआ विवाद एक दुखद घटना है। उन्होंने आदिवासी भाइयों पर हुए हमले को गलत बताया। इसी के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है, जिसका कोरबा में भी समर्थन किया जा रहा है।

विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि कोरबा में भी धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। रूमगड़ा, कटघोरा, करतला क्षेत्रों के अलावा कोरबा शहर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिससे कई बार विवाद की स्थिति बनी है। पुलिस ने ऐसे मामलों में कई बार केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रलोभन और झूठ बोलकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे कोरबा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

सर्व हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन के तहत, खुले दुकानदारों से पूछा जा रहा था कि क्या वे धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं। उनसे कहा गया कि यदि वे समर्थन नहीं करते, तो अपनी दुकानें बंद रखें।

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