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कोरबा

ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर भारत का कदम, सूरज की शक्ति से बनेगा विश्व मार्गदर्शक

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छत पर सोलर, घर में उजाला बिल हुआ जीरो, भविष्य हुआ सुनहरा
कोरबा।
आज जब पूरी दुनिया ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते प्रदूषण जैसी गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है, तब भारत ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व और जनकल्याणकारी नीतियों के माध्यम से एक स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना इसका बेमिसाल उदाहरण है। यह योजना न केवल बिजली आपूर्ति की समस्या का समाधान करती है, बल्कि देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक ऐतिहासिक पहल साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी का हमेशा से यह विज़न रहा है कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित हो और इसमें ऊर्जा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता सबसे अहम भूमिका निभाए। भारत जैसे विशाल देश में, जहां हर वर्ग का नागरिक बिजली पर निर्भर है, वहां सौर ऊर्जा को अपनाकर न केवल घरेलू स्तर पर राहत दी जा सकती है, बल्कि औद्योगिक और ग्रामीण विकास को भी नई गति प्रदान की जा सकती है। इसी सोच का परिणाम है प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना, जिसके अंतर्गत नागरिकों को प्रतिमाह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।
योजना का उद्देश्य केवल बिजली बिल कम करना भर नहीं है, बल्कि हर नागरिक को ऊर्जा उत्पादक बनाना है। पहले जहां लोग केवल उपभोक्ता थे, वहीं अब वे अपने घर की छत पर लगे सोलर पैनलों से बिजली उत्पन्न कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। इससे उनकी आर्थिक बचत होती है और अतिरिक्त बिजली उत्पादन से आय का मार्ग भी खुलता है। यह बदलाव गांव-गांव और शहर-शहर में एक नई क्रांति का रूप ले रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पांच संकल्प में आत्मनिर्भर भारत को प्रमुख लक्ष्य बताया है। सूर्यघर योजना इस संकल्प को जमीनी स्तर पर साकार कर रही है। यह पहल न केवल नागरिकों को राहत पहुंचा रही है, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। इसके साथ ही, यह योजना सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को भी पूरा करने में सहायक है। पर्यावरण संरक्षण, अक्षय ऊर्जा का प्रसार, ग्रामीण विकास, और आर्थिक सशक्तिकरण ये सभी लक्ष्य एक साथ पूरे होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली की उपलब्धता अक्सर चुनौती का कारण बन जाती है,  वहां अब लोग अपने घर की छतों से ही आत्मनिर्भर हो रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में भी यह योजना लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है। जब हर घर सूरज की रोशनी से बिजली उत्पन्न करेगा, तब भारत केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए भी एक आदर्श बनेगा। सूरज से रोशनी, जीवन में समृद्धि यह न केवल आज की जरूरत है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ, सुरक्षित और सशक्त भविष्य देने वाली पहल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज आमजन के जीवन को रोशन कर रही है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत नागरिक अपने घरों की छतों पर सौर पैनल स्थापित कर सकते हैं और प्रतिमाह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ ले सकते हैं। जिसमें सब्सिडी की सुविधा केंद्र सरकार द्वारा रूपये 30 हजार से लेकर रूपये 78 हजार तक की सब्सिडी दी जाती है, राज्य सरकार द्वारा रूपये 30 हजार की सब्सिडी, सुलभ ऋण कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के लोग भी सहजता से सोलर पैनल स्थापित कर सकें, तेजी से क्रियान्वयन पंजीयन से लेकर पैनल स्थापना तक की प्रक्रिया मात्र 3 से 4 दिनों में पूरी हो जाती है, आर्थिक बचत बिजली बिल शून्य होने से परिवारों को हर महीने सैकड़ों से हजारों रुपये की बचत होती है और पर्यावरण सुरक्षा सौर ऊर्जा उपयोग से प्रदूषण कम होता है और स्वच्छ ऊर्जा का प्रसार होता है।
कोरबा जिले से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित छुरी गांव निवासी अशोक अग्रवाल बिजली का स्थाई विकल्प ढूंढ रहें थे जिससे बिल का झमेला भी न हो और बजट फ्रेंडली हो , उनका घर और साथ ही राइस मिल, दोनों में बिजली की खपत अधिक थी, जिससे हर महीने बिल आता था। योजना की जानकारी मिलते ही उन्होंने 3 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल अपने घर की छत पर स्थापित कराया। शासन से उन्हें सब्सिडी प्राप्त हुई, जिससे पैनल की लागत काफी कम हो गई। पैनल लगने के बाद उनका बिजली बिल शून्य हो गया और परिवार को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलने लगी।


श्री अग्रवाल आज अपने अनुभव को गांव और आसपास के लोगों से साझा कर उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह योजना वर्तमान की आवश्यकता ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी ऊर्जा संरक्षण का मार्ग है।
इसी प्रकार कोरबा जिले के कटघोरा निवासी विशेष मित्तल, व्यापारी एवं बाइक शोरूम संचालक है, इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। उनके घर में भी बिजली खपत अत्यधिक थी, एक दिन समाचार माध्यमों से योजना की जानकारी मिली और उन्होंने तुरंत पंजीकरण कराया। महज 3 से 4 दिनों में उनके घर की छत पर सोलर पैनल स्थापित हो गया। शासन से उन्हें 78 हजार रूपये की सब्सिडी प्राप्त हुई।
विशेष मित्तल ने पैनल अपनी माताजी श्रीमती अंजनी मित्तल के नाम पर लगवाया। प्रारंभ में उन्हें विश्वास नहीं था कि वास्तव में बिजली बिल शून्य हो सकता है, लेकिन जब कुछ ही महीनों में यह संभव हुआ तो उन्होंने स्वयं योजना की सराहना की और अपने मायके व परिचितों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना है कि “प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना हमारे जैसे मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए सच्चा वरदान है। इससे हमें आर्थिक मजबूती मिली है और हम अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।”
आज कोरबा जिले से लेकर राज्य और देश के हर हिस्से में इस योजना की सफलता की कहानियां गढ़ी जा रही हैं। ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में लोग इसे अपना रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि लोग केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि बिजली उत्पादक बन रहे हैं। अब घरों की छतें केवल छाया और सुरक्षा नहीं देतीं, बल्कि आत्मनिर्भर भविष्य का आधार बन रही हैं। व्यापारियों और उद्योगों को अब निर्बाध बिजली मिल रही है, महिलाएं घरेलू कार्यों में बाधा रहित ऊर्जा का लाभ ले रही हैं, युवाओं के लिए यह रोजगार और उद्यमिता का नया अवसर बन रहा है।
लाभार्थी अशोक अग्रवाल और मित्तल परिवार सहित हजारों लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह योजना जन-जन के जीवन में स्थायी बदलाव ला रही है। इससे आर्थिक सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता एक साथ संभव हो रही है। यह पहल आने वाली पीढ़ियों को भी सुरक्षित और स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह जनआंदोलन बन चुकी है। इनके जैसे हजारों परिवार यह सिद्ध करते हैं कि यदि सही दिशा में कदम बढ़ाया जाए तो हर परिवार अपने जीवन में खुशहाली, आर्थिक मजबूती और स्वच्छ ऊर्जा का प्रकाश फैला सकता है।

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कोरबा

प्रांतीय वैदिक महोत्सव का हुआ शुभारंभ

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कोरबा। 26 सितंबर को सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीएसईबी कोरबा (पूर्व) में विद्या भारती द्वारा भैया/बहनों के लिए आयोजित प्रांतीय वैदिक महोत्सव का शुभारंभ विधिवत् सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार किया गया।
इस गरिमामय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोरबा नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय की उपस्थिति रही। अध्यक्षता विद्या भारती मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जुड़ावन सिंह का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस आयोजित कार्यक्रम में अन्य पदाधिकारी के रूप में सरस्वती शिक्षा समिति के अध्यक्ष नान भाई पटेल, व्यवस्थापक जोगेश लांबा, वनांचल सेवा न्यास समिति के सचिव चंद्र किशोर श्रीवास्तव, प्रांत संयोजक अनिल शर्मा, क्षेत्रीय सहसंयोजक प्रेमलाल पटेल, कोरबा विभाग समन्वयक दीपक सोनी, समन्वयक सूर्य कुमार पांडे, पूर्व व्यवस्थापक एवं वरिष्ठ पत्रकार विकास जोशी, विभिन्न विभागों से आए हुए प्राचार्य-प्रधानाचार्य, आचार्य-आचार्या, स्थानीय विद्यालय के कार्यक्रम प्रभारी एवं प्रतिभागी भैया-बहनों की उपस्थिति रही।
इस आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव में 18 विधाओ की प्रतियोगिता सम्मिलित की गई। जिसमें रंगोली, चित्रकला, निबंध, स्वरचित कविता, प्रश्न मंच, मूर्ति कला, गीता पाठ, वंदे मातरम गायन, व्यक्तिगत गीत, एकल भजन, एकल अभिनय, आचार्य पत्र वाचन, तात्कालिक भाषण, मानस प्रथमाक्षरी, कथा कथन एवं तबला वादन से संबंधित प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। मुख्य अतिथि द्वारा विद्या भारती से आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव की प्रशंसा करते हुए इस डिजिटल युग में भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने का एकमात्र श्रेय सरस्वती शिशु मंदिर को दिया गया। यह महोत्सव 26 से 28 सितंबर तक आयोजित होगा। इस सांस्कृतिक महोत्सव का मूल उद्देश्य हमारे भैया/बहनों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का श्रेष्ठतम प्रयास रहा है। अंत में इस आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उपस्थित अतिथियों का आभार प्रदर्शन करते हुए संपन्न किया गया।

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कोरबा

कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में प्रस्तावित 660×2 मेगावाॅट क्षमता की ताप विद्युत परियोजना हेतु इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से हुआ ऋण अनुबंध

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कोरबा। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी की महत्वाकांक्षी 2×660 मेगावॉट क्षमता की कोरबा सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन हेतु स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी द्वारा इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से 12,640 करोड़ रुपये का ऋण अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस परियोजना कार्य का आरंभ मार्च 2025 में किया गया था। बिलासपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, अध्यक्षगण सुबोध कुमार सिंह, डाॅ. रोहित यादव, प्रबंध निदेशकगण एस.के. कटियार, आर.के.शुक्ला, भीम सिंह कंवर भी उपस्थित थे। इस कार्य को गति देने के लिये वित्त व्यवस्था का कार्य तेजी से किया जा रहा था, जिसमें महत्वपूर्ण सफलता मिली और ऋण अनुबंध निष्पादित किया गया। इसमें पाॅवर कंपनी की ओर से संदीप मोदी, कार्यपालक निदेशक (वित्त) एवं सी.एल. नेताम कार्यपालक निदेशक (परियोजना) एवं आईआरएफसी की ओर से नव गोयल (महाप्रबंधक) द्वारा रायपुर में शुक्रवार को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। लंबी अवधि एवं कम दरों पर प्राप्त ऋण से परियोजना को वित्तीय स्थिरता प्राप्त होगी एवं परियोजना को समय पर पूर्ण करने में मदद मिलेगी जिससे अंततः प्रदेश की जनता को फ़ायदा होगा।
इस मौके पर कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के ऊर्जा सचिव तथा जनरेशन कंपनी के अध्यक्ष डॉ. रोहित यादव द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई व देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु हर संभव प्रयास करने पर प्रतिबद्धता जाहिर की गई।

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कोरबा

कैबिनेट मंत्री ने रामलीला आयोजन की तैयारियों का लिया जायजा-पहुंचे ओपन थियेटर मैदान

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28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक ओपन थियेटर मैदान घंटाघर में होगा भव्य रामलीला का आयोजन
कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रदेश के उद्योग, वाणिज्य, श्रम, आबकारी व सार्वजनिक उपक्रम मंत्री सह नगर विधायक लखनलाल देवांगन ने घंटाघर ओपन थियेटर मैदान स्थित रामलीला स्थल पहुंचकर रामलीला आयोजन की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होने भव्य रामलीला आयोजन हेतु की जा रही तैयारियों के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। इस मौके पर महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल मोदी, वरिष्ठ पार्षद अशोक चावलानी, नरेंद्र पाटनवार, आकाश श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी अखिलेश शुक्ला सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत की पहल पर पहली बार भव्य रामलीला एवं दशहरा मेला आयोजन 28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक घंटाघर स्थित ओपन थियेटर मैदान में किया जाएगा, यह आयोजन प्रतिदिन सायं 07 बजे से रात्रि 10.30 बजे तक होगा, जिसमें बनारस की प्रसिद्ध रामलीला मंडली द्वारा रामलीला का मनमोहक मंचन किया जाएगा, साथ ही आयोजन में भव्य लेजर शो से रामायण का प्रदर्शन व भव्य आतिशबाजी तथा रावण दहन का कार्यक्रम भी रखा गया है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन घंटाघर पहुंचे तथा रामलीला स्थल की तैयारियों का अवलोकन किया। उन्होने इस मौके पर तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

  • तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
    रामलीला तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसके तहत मंच व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, राम दरबार मंच, दर्शक दीघा, मंच संचालन, बेरिकेटिंग, डेकोरेशन एवं लाईटिंग व विद्युत व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, प्रसाद वितरण व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई सहित अन्य विभिन्न व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
  • विविध तिथियों में होंगे विभिन्न कार्यक्रम
    भव्य रामलीला एवं दशहरा मेला का आयोजन 28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक किया जाएगा, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 28 सितंबर को पुष्पवाटिका प्रसंग, धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद, रामतिलक प्रसंग, मंथरा कैकेई संवाद, 29 सितंबर को रामबन गमन, केंवट प्रसंग, दशरथ देवलोक गमन, भरत मिलाप, 30 सितंबर को पंचवटी प्रसंग, सीताहरण, राम हनुमान मिलन, राम सुग्रीव मैत्री, बाली वध, अशोक वाटिका प्रसंग एवं लंका दहन, 01 अक्टूबर को सेतुबंध, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ रावण वध व राज्याभिषेक तथा अंतिम दिवस 02 अक्टूबर को लेजर शो में रामायण प्रदर्शन, आतिशबाजी एवं रावण दहन के कार्यक्रम रखे गए हैं।

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