कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक युवक ने अपने प्यार को साबित करने के लिए जहर पीकर जान दे दी। मामला लेमरू थाना क्षेत्र के देवपहरी गांव का है। कृष्ण कुमार पंडो (20) पड़ोसी गांव की एक नाबालिग लड़की से प्यार करता था। 3 साल से उनका अफेयर चल रहा था।
लड़की के घर वालों को उनके अफेयर के बारे में पता चला। उन्होंने 26 अक्टूबर की रात लड़के को घर बुलाया। कृष्ण कुमार से पहले तो परिजनों ने अच्छे से बातचीत की। खातिरदारी करते हुए उसे खाना भी खिलाया।
इसके बाद युवक से कहा हमारी बेटी से प्यार करते हो तो साबित करके दिखाओ। एक गिलास में कीटनाशक घोलकर पीने के लिए दिया। युवक ने यह कहते हुए जहर पी लिया कि वह उनकी बेटी से बहुत प्यार करता है। जहर पीने के बाद से युवक की हालत खराब थी, 11 दिन बाद इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
युवक ने फोन पर अपनी मौसी को बताई थी पूरी बात।
कोरबा में परिजनों का बयान लेती हुई पुलिस।
जहर पीने के बाद युवक की हालत गंभीर बनी हुई थी।
क्या है पूरा मामला
घटना 26 सितंबर की है। देवपहरी गांव का रहने वाला कृष्ण कुमार पंडो (20) पड़ोस के गांव की युवती से प्यार करता था। युवती नाबालिग थी। परिजनों को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने कृष्ण कुमार को अपने घर बुलाया।
परिजनों ने कृष्ण कुमार की आवभगत की और फिर उससे पूछा कि वह उनकी बेटी से कितना प्यार करता है। इसके बाद उन्होंने प्यार की परीक्षा लेने के लिए एक गिलास में कीटनाशक घोलकर उसे पीने के लिए दिया।
प्यार साबित करने पिया जहर
युवक ने कहा कि वह उनकी बेटी से बहुत प्यार करता है। युवक ने जहर पी लिया। लड़की के मां-बाप उसे अस्पताल ले जाने के लिए निकले, लेकिन रास्ते में उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। लड़की के परिजन युवक को बीच रास्ते में छोड़कर भाग गए।
रात 12 बजे लड़के के परिजनों को किसी ने फोन कर बताया कि उनके बेटे की हालत ठीक नहीं है, वह रास्ते में पड़ा है। जिसके बाद परिजन आए और उसे घर ले गए। युवक रात भर घर में ही था। अगले दिन परिजन सुबह उसे लेमरू स्वास्थ्य केंद्र ले गए।
लड़की के परिजनों ने युवक को कीटनाशक पिला दिया था।
11 दिन के इलाज के बाद तोड़ा दम
वहां से डॉक्टरों ने जिला अस्पताल के लिए रेफर किया। तब से युवक का इलाज चल रहा था। युवक की हालत और बिगड़ गई। उसने बातचीत करना भी बंद कर दिया था। 11 दिन बाद 8 अक्टूबर को उसने दम तोड़ दिया।
जेब में मिली कीटनाशक की बोतल
मृतक की मौसी कस्तूरी कुमारी ने बताया कि वह दुकान जा रही थी, तभी किसी ने बताया कि उनके बेटे की हालत खराब है। तब सभी परिजन उसे लेने गए। उसकी जेब से ‘555’ नामक कीटनाशक की शीशी मिली और उसने सब बातें अपने घर वालों को बताई।
परिजनों के बयान के बाद कार्रवाई
जिला अस्पताल चौकी प्रभारी विश्व नारायण ने बताया कि मेडिकल अस्पताल से मिले मेमो के आधार पर परिजनों के बयान दर्ज किए गए हैं। अभी बयान जिला अस्पताल चौकी में दर्ज हुआ है। जांच के लिए संबंधित थाना को डायरी भेजी जाएगी।
4.76 करोड़ की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की होगी संरचनात्मक मरम्मत
कोरबा। राष्ट्रीय राजमार्ग-130 के कटघोरा-शिवनगर खंड के अंतर्गत गुरसियाँ में स्थित तान नदी पुल के मरम्मत एवं रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लगभग चार करोड़ 76 लाख रुपए की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की संरचनात्मक मरम्मत की जाएगी। पुल पर पूर्ण क्षमता के साथ शीघ्र यातायात सुचारु करने के लिए मरम्मत के कार्य को दो महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए तत्परता से सड़कों और पुलों की मरम्मत सुनिश्चित की जा रही है। तान नदी पुल की स्थिति और यातायात के दबाव को देखते हुए इसे आकस्मिक मरम्मत एवं रखरखाव (Emergent Work) की श्रेणी में रखा गया था। इसके लिए प्राप्त निविदाओं को आज खोल दिया गया है। तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद जल्दी ही चयनित एजेंसी को कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।
कोरबा। कोरबा में धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए बंद के आह्वान पर शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद रहीं। निहारिका घंटाघर, सुभाष चौक, कोसाबाड़ी और टीपी नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराईं। सुबह खुली कई दुकानों को निवेदन कर बंद कराया गया।
यह बंद कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्व समाज के आह्वान पर बुलाया गया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।
सक्रिय दिखा हिंदू संगठन
कोरबा में हिंदू संगठन से जुड़े महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में खुली दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई।
विभिन्न हिंदू संगठन अलग-अलग गुटों में काम कर रहे थे। एक गुट सीतामढ़ी से कोरबा शहर तक दुकानें बंद करा रहा था, जबकि दूसरा निहारिका घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक सक्रिय था।
छत्तीसगढ़ बंद का कोरबा में भी समर्थन
हिंदू संगठन से जुड़े अजय विश्वकर्मा ने बताया कि बस्तर में ईसाई समुदाय और हिंदू आदिवासियों के बीच हुआ विवाद एक दुखद घटना है। उन्होंने आदिवासी भाइयों पर हुए हमले को गलत बताया। इसी के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है, जिसका कोरबा में भी समर्थन किया जा रहा है।
विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि कोरबा में भी धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। रूमगड़ा, कटघोरा, करतला क्षेत्रों के अलावा कोरबा शहर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिससे कई बार विवाद की स्थिति बनी है। पुलिस ने ऐसे मामलों में कई बार केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रलोभन और झूठ बोलकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे कोरबा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
सर्व हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन के तहत, खुले दुकानदारों से पूछा जा रहा था कि क्या वे धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं। उनसे कहा गया कि यदि वे समर्थन नहीं करते, तो अपनी दुकानें बंद रखें।
कोरबा। कोरबा के टीपी नगर स्थित सीएसईबी चौकी क्षेत्र में एक इलेक्ट्रिक ऑटो में आग लग गई। यह घटना बुधवार सुबह मोंट्रा इलेक्ट्रिक ऑटो एजेंसी के बाहर खड़ी गाड़ी में हुई। मौके पर मौजूद लोगों और एजेंसी कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
बताया जा रहा है कि ऑटो से अचानक धुआं निकलने लगा, जिससे वहां हड़कंप मच गया। शुरुआत में पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन धुआं फिर से निकलने लगा। काफी प्रयासों के बाद आग को पूरी तरह बुझाया जा सका।
इस घटना का वीडियो राहगीरों और आसपास के लोगों ने अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बाहर खड़ी गाड़ी में अचानक लगी आग
ऑटो चालक पुने राम दिनकर रजगामार निवासी हैं, जिन्होंने एक साल पहले ही यह ऑटो खरीदा था। वह बुधवार सुबह अपनी इलेक्ट्रिक ऑटो की सर्विसिंग के लिए एजेंसी पहुंचे थे। उन्होंने गाड़ी बाहर खड़ी की और अंदर गए ही थे कि तभी यह घटना सामने आई।
शॉर्ट सर्किट से ऑटो में लगी आग
जानकारी के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता, तो ऑटो पूरी तरह जलकर खाक हो सकता था और इससे बड़ा हादसा भी हो सकता था।
घटना के बाद ऑटो एजेंसी के संबंधित अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया है। वे आग लगने के कारणों की जांच कर रहे हैं और आगे की आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।