छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में पकड़ा गया अर्बन नक्सल नेटवर्क:रायपुर में दूसरी बार पकड़ाए, गोलियां-बारूद, गन-मशीन की सप्लाई, सप्लायरों में BJP नेता-कारोबारी
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3 months agoon
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Divya Akashरायपुर,एजेंसी। रायपुर पुलिस ने शुक्रवार को चंगोराभाठा से नक्सली दंपती जग्गू उर्फ रमेश कुरसम (28) और कमला कुरसम (27) को गिरफ्तार किया है। नक्सली दंपती पिछले 5 सालों से रायपुर में पहचान छिपाकर रह रहे थे।जानकारी के मुताबिक नक्सलियों के सीनियर लीडर की कॉल ट्रेसिंग के दौरान इस नक्सल दंपती का पता लगा।
यह दंपती कई सरकारी अफसरों के घर में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा एक नक्सली रामा किचाम भाठागांव इलाके से गिरफ्तार हुआ है। जानकारी के मुताबिक रामा कोरबा स्थित कोयला खदान में मजदूरी करता था। नक्सली रामा का इनपुट नक्सल दंपती से ही पूछताछ मिला था।
बता दें कि राजधानी रायपुर में नक्सलियों और उनके मददगारों की गिरफ्तारी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी एक केस सामने आ चुका है। पूरे प्रदेश की बात करें तो राजनांदगांव, गरियाबंद समेत 5 जिलों के शहरी इलाकों से गिरफ्तारी हो चुकी है।
इन्हें लेवी वसूलने, नक्सलियों को गोलियां-बारूद, गन-मशीन और अन्य जरूरत की चींजे सप्लाई करने के आरोप में पकड़ा गया था। इनमें भाजपा नेता से लेकर कारोबारी तक शामिल हैं।
क्या होता है अर्बन नक्सल
अर्बन नक्सल उस वर्ग को कहा जाता है, जो शहरों में रहते हुए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से माओवादियों की मदद करता है। ये लोग विचारधारा फैलाने, युवाओं को जोड़ने, फंड और लॉजिस्टिक सपोर्ट जुटाने के साथ-साथ गिरफ्तार नक्सलियों को कानूनी मदद देने का काम करते हैं।
2004 में सीपीआई (माओवादी) के गठन के बाद नक्सल आंदोलन ने अपना नेतृत्व जंगलों से शहरों की ओर मोड़ना शुरू किया। उसी साल जारी दस्तावेज “अर्बन पर्सपेक्टिव” में साफ लिखा गया कि माओवादी संगठन शहरी क्षेत्रों में अपनी जड़ें मजबूत करना चाहता है।

नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। बस्तर के जंगलों में गश्त करते हुए जवान।
इसमें मिडिल क्लास कर्मचारी, छात्र, मजदूर, महिलाएं और अल्पसंख्यक समाज को जोड़ने की रणनीति बताई गई थी। आज भी दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, हैदराबाद, पुणे जैसे शहरों में नक्सल समर्थक संगठनों की सक्रियता देखी जाती है। यही शहरी नेटवर्क नक्सलवाद को संसाधन और दिशा दोनों उपलब्ध कराता है।
रायपुर से कारोबारियों ने भेजी हथियार बनाने के लिए मशीन
24 जुलाई 2015 को दंतेवाड़ा पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों की संयुक्त टीम ने धुरली-बासनपुर रोड पर झारालावा नाला के पास एक पिकअप रूकवाया। माओवादियों के शहरी नेटवर्क को कोवर्ट ऑपरेशन के तहत ध्वस्त करते हुए पुलिस ने रायपुर से लोहा व्यवसायी अरुण अग्रवाल समेत किरंदुल, बचेली और गमावांगा के 5 लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से लेथ मशीन, 21 हजार कैश और 5 मोबाइल जब्त किए गए।

24 जुलाई 2015 को दंतेवाड़ा पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने संयुक्त अभियान चलाकर कार्रवाई की थी। (फाइल फोटो)
पुलिस के अनुसार, अरुण अग्रवाल नक्सलियों की मदद से बचेली, भांसी और कुपेर क्षेत्र में रेल हादसों में गिरने वाली माल-गाड़ियों के लोहे का ठेका लेता था। इसके बदले वह माओवादी कमांडर संजय को डेटोनेटर, बारूद, जनरेटर और वेल्डिंग मशीन जैसी सामग्री पहुंचाता था।
अरुण अग्रवाल और तारिक अनवर ने रायपुर से लेथ मशीन खरीद कर पिकअप वाहन से वासनपुर के जंगलों में नक्सलियों तक पहुंचाने की योजना बनाई थी। पुलिस ने कार्रवाई कर पिकअप वाहन और नक्सली सदस्य राजू राम, खुदी राम और दीप सिंह को गिरफ्तार किया था।

18 जून 2020 को वॉकी-टॉकी सेट सप्लाई करने के आरोप में राजनांदगांव और रायपुर के कारोबारियों को गिरफ्तार किया। (फाइल फोटो)
कारोबारी वॉकी-टॉकी सप्लाई के आरोप में अरेस्ट
18 जून 2020 को कांकेर-राजनांदगांव पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर नक्सलियों को वॉकी-टॉकी सेट सप्लाई करने के आरोप में राजनांदगांव और रायपुर के कारोबारियों को गिरफ्तार किया। इनमें राजनांदगांव के श्री बालाजी सिक्यूरिटी एजेंसी के संचालक हितेश अग्रवाल, अजय जैन और दयाशंकर मिश्रा शामिल थे।
रायपुर के कुछ कारोबारी भी इस मामले में पकड़े गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। यह कार्रवाई नक्सलियों तक अवैध उपकरण पहुंचाने की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से की गई थी।

2020 में दंतेवाड़ा पुलिस ने BJP जिला उपाध्यक्ष सामान सप्लाई के आरोप में पकड़ा था। (फाइल फोटो)
BJP जिला उपाध्यक्ष सामान सप्लाई के आरोप में पकड़े गए
2020 में दंतेवाड़ा पुलिस ने पूर्व भाजपा विधायक धनीराम पुजारी के बेटे और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष जगत पुजारी सहित ओरछा के युवक रमेश को गिरफ्तार किया था। ये दोनों 5 लाख के इनामी नक्सली अजय तेलम को नए महिन्द्रा ट्रैक्टर सप्लाई करते पकड़े गए थे। इस केस में पुलिस ने रमेश की पत्नी से भी पूछताछ की थी।

2020 में गुड़गांव के कारोबारी वरुण जैन को गिरफ्तार किया था। (फाइल फोटो)
गुड़गांव का कारोबारी राजनांदगांव में गिरफ्तार
राजनांदगांव पुलिस ने 2020 में गुड़गांव के कारोबारी वरुण जैन को गिरफ्तार किया था। वरुण पर राजनांदगांव, कांकेर और अन्य क्षेत्रों में नक्सलियों को जूता, गोलियां, वर्दी, वायरलेस सेट, दवाई सहित अन्य सामान सप्लाई करने का आरोप था। इससे पहले इस मामले में वरुण के भाई निशांत जैन, आत्माराम नरेटी, गणेश कुंजाम, मनोज शर्मा, हरिशंकर गडेम और 13 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वरुण जैन और उसके परिवार ने नक्सल इलाकों में अवैध काम करके 18 साल में लगभग 600 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की। इस सिंडिकेट पर नक्सली दर्शन पेद्दा के संपर्क में रहने का आरोप था।

10 जनवरी 2025 को प्रकाश सोनी को हथियार और विस्फोटक सप्लाई करने के आरोप में पुलिस ने पकड़ा था। (फाइल फोटो)
हथियार-विस्फोटक सप्लायर को किया गिरफ्तार
नारायणपुर पुलिस ने 10 जनवरी 2025 को प्रकाश सोनी को हथियार और विस्फोटक सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उसके पास से 3 मीटर कॉरडेक्स वायर, बिजली तार, स्कैनर (वॉकी-टॉकी), 20 कारतूस और 3 डेटोनेटर बरामद हुए।
पूछताछ में प्रकाश ने स्वीकार किया कि पिछले चार-पांच सालों से वह नक्सलियों के संपर्क में था और उन्हें अवैध रूप से बंदूक की गोलियां, विस्फोटक और अन्य नक्सली सामग्री सप्लाई करता था।

10 अगस्त 2024 काे गरियाबंद पुलिस ने मैनपुर इलाके से इन आरोपियों को पकड़ा था। (फाइल फोटो)
लेवी वसूलने मैनपुर पहुंचे, 5 नक्सली समर्थक गिरफ्तार
10 अगस्त 2024 काे गरियाबंद पुलिस ने मैनपुर इलाके दबिश देकर 5 आरोपियों को पकड़ा था। जांच में सामने आया था कि पांचों आरोपी मैनपुर इलाके से 1 करोड़ से ज्यादा लेवी वसूलकर नक्सलियों को पहुंचा चुके थे। आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि तत्कालीन आईजी दीपक झा ने की थी।
नक्सलियों के पत्र में भी शहरी नेटवर्क की पुष्टि
नक्सलियों ने अपने पत्र में भी शहरी नेटवर्क की पुष्टि की है। 23 सितंबर को नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस पत्र में उन्होंने नक्सली रामचंद्र रेड्डी को रायपुर या किसी शहरी इलाके से गिरफ्तार करने और अरेस्ट करने के बाद हत्या करने का आरोप लगाया है।
वहीं दूसरी ओर रामचंद्र रेड्डी के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में पुलिस के खिलाफ याचिका लगाई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामचंद्र रेड्डी का शव सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।

नक्सलियों ने पत्र में रामचंद्र रेड्डी को शहरी क्षेत्र से अरेस्ट करके हत्या करने का आरोप लगाया है।
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छत्तीसगढ़
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए
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14 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि मुख्यमंत्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में कुमार विश्वास भी शामिल हुए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दुख जताया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
शुक्ल की अंतिम विदाई की तस्वीरें …

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़
लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी
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14 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर पहुंची। गैंगस्टर को झारखंड से रायपुर लाने के दौरान दोनों राज्यों के 15 अधिकारी साथ रहे। मयंक सिंह को पुलिस ने रायपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मयंक को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 27 दिसंबर को मयंक सिंह को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि 23 दिसंबर की रात 10 बजे गैंगस्टर मयंक को लेकर पुलिस झारखंड से निकली थी, जो 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मयंक सिंह अमन साव गैंग का सदस्य है। इसके साथ ही उसके लॉरेंस बिश्नोई से भी संबंध है।
मयंक पर रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल, वह झारखंड की जेल में बंद था, जहां दर्ज मामलों के चलते उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर भी उस पर बनी हुई थी। क्योंकि राज्य में भी मयंक के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।
कारोबारी के दफ्तर पर चलाई थी गोली
जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चली थी। इसका CCTV भी सामने आया था। बाइक सवार आरोपी ने 2 बार फायरिंग की थी, जिसमें एक हवा में और दूसरी गोली कार पर की गई थी। आरोप है कि मयंक सिंह ने यह गोली चलवाई थी, वह इस घटना का मुख्य आरोपी है।

गैंगस्टर मयंक सिंह।
लॉरेंस बिश्नोई से है संबंध
मयंक सिंह को गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता रहा है, जबकि चर्चा ये भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।
झारखंड का यह पहला मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पण कर देश वापस लाया गया हो। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।
45 से अधिक केस है दर्ज
पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे करीब 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा था।
जानकारी ये भी है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी भी वह मांग चुका है। अमन साव गैंग से उसके गहरे संबंध रहे हैं। अमन साव का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है, ऐसे में मयंक सिंह को पुलिस इस नेटवर्क की अहम कड़ी मान रही है।
डंकी रुट से गया था विदेश
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह डंकी रूट के जरिए विदेश पहुंचा था। पहले सिंगापुर, फिर ईरान, मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक गया और वहीं से गैंग का संचालन करता रहा। अब उसके प्रत्यर्पण के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मीडिया को ई-मेल करके बताया था टारगेट
16 जून 2024 को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया था। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही थी।
वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई थी। गैंगस्टर ने कहा था कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP ने जांच कराने की बात कही थी।
छत्तीसगढ़
मॉब लिंचिंग केस…30 लाख मुआवजा देगी केरल सरकार:मजदूर को बांग्लादेशी बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, छत्तीसगढ़ में 5 लाख की मदद
Published
14 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर राम नारायण (40) को केरल में भीड़ ने 17 दिसंबर को बांग्लादेशी समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। जिसे लेकर परिवार ने 25 लाख रुपए मुआवजा मांगा था। केरल सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 लाख मुआवजा देने की बात कही है।
इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का मानना है कि महिलाओं समेत करीब 15 आरोपी हैं। आशंका है कि बाकी संदिग्ध कथित तौर पर शुरुआती जांच में चूक के कारण राज्य छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में पैतृक गांव में राम नारायण बघेल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
कांग्रेस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की थी। इसके अलावा, केरल के मंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि 4 आरोपी RSS परिवार के कार्यकर्ता हैं। मजदूर पूरे देश में संघ परिवार की तरफ से फैलाई गई नफरत की राजनीति का शिकार हुआ है।

राम नारायण बघेल, जिनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

मजदूर को हाथ मुक्कों से मारने का यह वीडियो वायरल हुआ था।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 17 दिसंबर को अट्टापल्लम इलाके में स्थानीय लोगों ने छत्तीसगढ़ के सक्ती निवासी राम नारायण बघेल (31) को चोरी के शक में पकड़ा। उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस के मुताबिक राम नारायण नशे की हालत में थे, लेकिन उनके पास से चोरी का कोई सबूत नहीं मिला था।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर हितेश शंकर ने बताया था कि, शरीर का कोई भी हिस्सा बिना चोट के नहीं था। राम नारायण के शरीर पर 80 से ज्यादा चोटों के निशान थे। सिर पर गंभीर चोटों के साथ खून ज्यादा बह गया, जिससे राम नारायण की मौत हो गई।
केरल पुलिस के मुताबिक मजदूर के शरीर पर चोट के बहुत ज्यादा निशान थे। दर्द से उसकी मौत हुई है। मारपीट से मजदूर की छाती से खून भी बह रहा था। शरीर में कई घाव बन गए थे। वालैयार थाने में अपराध मामला दर्ज किया गया है।

रामनारायण बघेल (40) की डेडबॉडी बुधवार को छत्तीसगढ़ लाई गई।
परिवार को नहीं दी गई थी मौत की जानकारी
राम नारायण के चचेरे भाई शशिकांत बघेल ने बताया था कि परिवार को उनकी मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने सिर्फ यह कहा कि राम नारायण थाने में हैं और तुरंत पहुंचने को कहा। बाद में पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। राम नारायण के 2 बेटे हैं, जिनकी उम्र 8 और 10 साल है।
मृतक के परिजनों ने केरल सरकार सरकार से मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और रामनारायण के शव को उसके पैतृक गांव तक पहुंचाने की मांग की थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5 लाख आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय ने कहा था कि परिजनों को तत्काल केरल भेजने की व्यवस्था की गई है। मजदूर का शव आज हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ लाया गया।

मजदूर की हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग की है।
सोशल एक्टिविस्ट जब्बार बोले- यह मॉब लिंचिंग है
वहीं सोशल एक्टिविस्ट जब्बार ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर पीटा गया। यह मॉब लिंचिंग है। पुलिस ने शुरू में बिना ठीक से जांच किए शव को वापस भेजने की कोशिश की। राम नारायण को सांप्रदायिक और नफरत भरी बातें कहकर निशाना बनाया गया। परिवार को सही मुआवजा मिलना चाहिए।

वालैयार पुलिस ने आधार कार्ड से पहचान के बाद परिजनों को सूचना दी थी।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह के भीतर डिटेल में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मजदूर की हत्या के आरोप में इन आरोपियों को किया गिरफ्तार।
पुलिस ने 7 आरोपियों को अरेस्ट किया
वालैयार पुलिस ने 18 दिसंबर को वारदात में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन शामिल हैं। ये सभी अट्टापल्लम गांव के निवासी हैं। इसके बाद 2 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।

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