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मानसून सत्र कल से, पहलगाम-ऑपरेशन सिंदूर पर घेरेगा विपक्ष:बिहार चुनाव से पहले ताकत दिखाने का मौका, BJP बोली- हर सवाल का जवाब देंगे

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नई दिल्ली,एजेंसी। संसद का मानसून सत्र कल यानी 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। पूरे एक महीने यानी 21 अगस्त तक चलेगा। पिछली बार संसद की कार्यवाही बजट सत्र के दौरान मार्च और अप्रैल में हुई थी। इसके बाद बीते 108 दिन में पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर से लेकर एअर इंडिया प्लेन क्रैश तक काफी कुछ घटा है। मानसून सत्र में इन्हीं मुद्दों पर हंगामा होना तय है।

‘हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ किताब लिखने वाली सीनियर जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी 40 साल से राजनीतिक पत्रकारिता कर रहीं हैं। वे कहती हैं, ‘मानसून सत्र में जोरदार हंगामा हो सकता है। पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, रूस के साथ बिगड़ते संबंध, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के सीजफायर के दावे, एअर इंडिया विमान हादसे जैसे मुद्दे हावी रह सकते हैं।’

‘इसके अलावा सबकी नजरें बिहार से जुड़े मुद्दों पर भी रहेंगी। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले ये आखिरी संसद सत्र होगा।’

1. पहलगाम आतंकी हमला और इससे जुड़ी जांच

कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को 3 महीने होने वाले हैं। इस हमले में आतंकियों ने 26 भारतीयों की हत्या कर दी थी। अब तक हमले में शामिल आतंकियों का पता नहीं चला है। ऐसे में विपक्ष पहलगाम हमले और इसकी जांच में नाकामी का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

2. ऑपरेशन सिंदूर और विदेशी नीति पर सवाल ​​​​​​

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। इसके बाद से विपक्ष बार-बार भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाता रहा है। इस ऑपरेशन में भारत को हुए नुकसान की जानकारी मांग रहा है।

ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस और INDIA ब्लॉक सरकार से सवाल पूछने की तैयारी कर रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि करगिल युद्ध की तरह ऑपरेशन सिंदूर पर भी संसद में चर्चा होनी चाहिए।

3. एअर इंडिया विमान हादसा

12 जून, 2025 को अहमदाबाद में एअर इंडिया का विमान क्रैश होने से 260 लोगों की मौत हो गई थी। अब हादसे की वजह, जांच और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की शुरुआती जांच रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस और बाकी विपक्षी पार्टियां विमान हादसे की जिम्मेदारी पर सवाल उठाएंगी।

4. बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन

बिहार में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग यहां वोटर लिस्ट को नए सिरे से तैयार करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का अभियान चला रहा है। संसद में सबसे ज्यादा हंगामा इसी पर हो सकता है। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां BJP के खिलाफ एकजुट हो सकती हैं।

विपक्ष ने चुनाव आयोग के काम में अनियमितता और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। उसका दावा है कि इस प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिलकर इस मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे।

5. मणिपुर हिंसा

मई 2023 में शुरू हुई मणिपुर हिंसा को दो साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। अब तक समस्या जस की तस बनी हुई है। पूरा राज्य कुकी और मैतेई इलाकों में बंटा हुआ है। दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे के इलाके में नहीं जा सकते।

कांग्रेस लीडर राहुल गांधी समेत दूसरी विपक्षी पार्टियां मणिपुर का मुद्दा उठाती रही हैं। मणिपुर समस्या हल करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन खत्म करने की मांग संसद में उठ सकती है। BJP राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने की मांग का प्रस्ताव ला सकती है।

6. भारतीय विदेश नीति और चीन सीमा विवाद

कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार की विदेश नीति चीन के प्रति कमजोर और नरम रही है। ऐसे में विपक्ष चीन के साथ सीमा विवाद, हाल में हुए तनाव और चीनी दावों का जवाब मांग सकता है।

इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की विदेश नीति को लेकर भी कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए ऑल पार्टी डेलिगेशन अलग-अलग देशों में भेजे थे।

पार्टियां क्या कह रही हैं

कांग्रेस: सरकार से पूछेंगे- ट्रम्प का सीजफायर का दावा सही या गलत

मानसून सत्र में कांग्रेस की रणनीति क्या होगी? इस सवाल पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा कहते हैं, ‘मुद्दे साफ हैं। पहला, पहलगाम हमले को 90 दिन हो गए और अब तक आतंकियों के नाम पता नहीं चले हैं। ये भी नहीं पता कि वे कहां गए।’

‘दूसरा, ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर वोट मांगे गए। ट्रम्प बार-बार कह रहे हैं कि मेरी वजह से सीजफायर हुआ। सरकार क्यों नहीं बताती कि सरकार का इस पर क्या स्टैंड है।’

‘सारे पड़ोसी देश हमसे दूर होते गए। ऑपरेशन सिंदूर में एक भी देश ने खुलकर हमारा समर्थन नहीं किया। देश आतंकवाद के खिलाफ बोले, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर सही है, ये किसी ने नहीं कहा। इस सरकार को विदेश नीति का भी नहीं पता है। एक डमी विदेश मंत्री है, जिसने पाकिस्तान को पहले ही बता दिया कि हम हमला करने वाले हैं।’

संसद में हमारा तीसरा फोकस बिहार में चुनाव आयोग की कार्रवाई पर होगा। इलेक्शन कमीशन वहां चुनाव को चोरी करना चाह रहा है। वो वोटों को काटने की योजना और भूमिका बना रहा है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया और टाइमिंग दोनों पर सवाल हैं। ये लोकतंत्र में अब तक का सबसे बड़ा धब्बा होगा कि चुनाव आयोग 15-20% वोट काटने की कोशिश कर रहा है।’

आम आदमी पार्टी कह चुकी है कि वो अब विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं है। विपक्षी एकता के सवाल पर आलोक शर्मा कहते हैं, ‘सारे विपक्ष की एकता का ठेका कांग्रेस ने नहीं लिया है। बाकी पार्टियों को भी सोचना होगा। अगर कोई ED-CBI के दबाव में आएगा तो उसका हमारे पास समाधान नहीं है।’

BJP: पहलगाम हो या ऑपरेशन सिंदूर, हर मुद्दे पर जवाब देंगे

BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला कहते हैं, ‘संसद में सारे विषयों पर नियमों के मुताबिक चर्चा करने के लिए हमारी पार्टी तैयार है। चाहे वो ऑपरेशन सिंदूर हो या पहलगाम या कोई और मुद्दा। अगर विपक्ष सकारात्मक चर्चा करना चाहेगा, तो हमारी पार्टी उसका समर्थन करेगी।

प्रेम शुक्ला विपक्षी गठबंधन की एकजुटता पर कहते हैं, ‘संसद सत्र शुरू होने से पहले ही INDIA ब्लॉक से आम आदमी पार्टी बाहर हो गई है। उन्होंने ऐलान किया है कि वो बिहार में चुनाव लड़ेंगे। बिहार में जन सुराज पार्टी भी चुनाव लड़ रही है।’

सरेंडर बनाम भ्रष्ट विपक्ष के मुद्दे पर हंगामे के आसार

मानसून सत्र में विपक्ष की रणनीति पर बात करते हुए पॉलिटिकल एक्सपर्ट हर्षवर्धन त्रिपाठी कहते हैं, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कह रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध ट्रेड करके रुकवाया है। ऐसे में विपक्ष इस मुद्दे पर भारतीय कूटनीति की विफलता को बड़ा मुद्दा बनाएगा। बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर भी हंगामा हो सकता है।’

‘राहुल गांधी के लिहाज से देखें तो वे डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर खुलकर बोल सकते हैं। राहुल गांधी ये पेश करने की कोशिश करेंगे कि सरकार अमेरिका के दबाव में आ गई।

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राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में वोटर लिस्ट को मुद्दा बनाया था। वे बिहार में चुनाव आयोग की पहल को भी तूल दे सकते हैं।QuoteImage

‘दूसरी तरफ सत्ता पक्ष विपक्ष की रणनीति नाकाम करने की तैयारी कर चुका है। मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट आ गई है। शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी हुई है।’

हर्षवर्धन त्रिपाठी कहते हैं, ‘सत्ता पक्ष के पास भी ये दो बड़े मुद्दे हैं। वो विपक्ष को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरेगा। सरकार ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी बताएगी। बीते 10 साल में देश ने डिफेंस के क्षेत्र में क्या हासिल किया, सरकार ये बताने की कोशिश करेगी। सरकार 8 अहम बिल लाने वाली है। मुझे लगता है कि ये बिल हर हाल में पारित हो जाएंगे।’

‘विपक्ष के पास बिहार चुनाव के पहले विपक्षी एकजुटता दिखाने का बड़ा मौका होगा। विपक्ष को इस मौके को गंवाना नहीं चाहिए। विपक्ष को सचमुच लगता है कि इंडिया गठबंधन काम कर रहा है तो बिहार चुनाव के पहले एकजुटता दिखाने के लिए इससे अच्छा मौका नहीं होगा। बजट सत्र में सपा नेता अखिलेश यादव संभल मुद्दे पर बोल रहे थे। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी अडाणी मुद्दे पर टीशर्ट पहनकर बाहर घूम रहे थे।’

‘विपक्षी खेमे में एकजुटता नहीं दिख रही, अभी यही जरूरी’

सीनियर जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी कहती हैं, ‘ये देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी पार्टियां आपस में कितना मिलकर चलती हैं। विपक्ष ने ऑनलाइन मीटिंग करके रणनीति पर चर्चा की है, कोई आमने-सामने बैठकर बात नहीं की। इससे साफ है कि विपक्षी खेमे में एकजुटता नहीं है। संसद में विपक्ष को एकजुट दिखना और ज्यादा जरूरी है।’

‘अगर जून में संसद का विशेष सत्र होता, तो पूरा फोकस पहलगाम में सुरक्षा चूक, इंटेलिजेंस फेलियर पर होता। 21 जुलाई को सदन बैठेगा, तो कई और मुद्दे आ चुके हैं। मोहन भागवत ने 75 साल में नेताओं के रिटायर होने की बात कही है। मुझे लगता है कि इस पर भी चर्चा हो सकती है।’

संसद में विपक्ष की रणनीति पर नीरजा चौधरी का मानना है कि विपक्ष पार्लियामेंट में तो आपसी सहयोग कर लेते हैं। किस मुद्दे को वो सबसे अहम बनाएंगे, किस पर फोकस बनाएंगे, वो रणनीति का हिस्सा होता है।’

‘इस सरकार को बिल पास करवाने में कोई दिक्कत नहीं आती। विपक्ष की कुछ पार्टियों का वो येन-केन-प्रकारेण समर्थन हासिल कर ही लेते हैं। ऐसा कोई बिल नहीं है, जिसे लेकर विपक्ष कोई ठोस रुख ले रहा है। वहीं जज पर महाभियोग के मामले में सरकार और विपक्ष दोनों साथ ही हैं, तो बिल और इन प्रस्तावों पर कोई खास कशमकश देखने को मिलेगी, ऐसी उम्मीद कम है।’

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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी

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मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।

अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…

पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।

आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।

कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।

रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।

लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।

कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।

जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी

अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।

इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।

रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था

24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।

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CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो

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नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-

जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।

बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।

सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है

गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,

न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।

वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।

VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना

VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।

हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद

याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।

याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं

राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।

खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।

वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।

जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था

जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।

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उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश

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नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।

इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।

हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।

देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।

मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।

25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।

चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

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